"मीराबाई चानू": अवतरणों में अंतर

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'''साइखोम मीराबाई चानू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Saikhom Mirabai Chanu'', जन्म- [[8 अगस्त]], [[1994]]) भारतीय वेटलिफ्टर हैं, जिन्हें हाल ही में [[राष्ट्रपति]] [[रामनाथ कोविंद]] द्वारा 'खेल रत्न पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है। इसी के साथ मीराबाई चानू उन दो लोगों में शामिल हो गई हैं जिन्हें वर्ष [[2018]] में देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान '[[राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार]]' दिया गया। मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में [[भारत]] को वेटलिफ्टिंग में पहला गोल्ड मैडल दिलवाकर गौरवान्वित किया है। टोक्यो ओलंपिक, 2020 में 49 किलोग्राम कैटेगिरी की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में मीराबाई चानू ने रजत पदक जीता है। वह भारत की तरफ से टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं। 
'''साइखोम मीराबाई चानू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Saikhom Mirabai Chanu'', जन्म- [[8 अगस्त]], [[1994]]) भारतीय वेटलिफ्टर हैं, जिन्हें वर्ष [[2018]] में [[राष्ट्रपति]] [[रामनाथ कोविंद]] द्वारा 'खेल रत्न पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है। इसी के साथ मीराबाई चानू उन दो लोगों में शामिल हो गई हैं जिन्हें वर्ष [[2018]] में देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान '[[राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार]]' दिया गया। मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में [[भारत]] को वेटलिफ्टिंग में पहला गोल्ड मैडल दिलवाकर गौरवान्वित किया है। टोक्यो ओलंपिक, 2020 में 49 किलोग्राम कैटेगिरी की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में मीराबाई चानू ने रजत पदक जीता है। वह भारत की तरफ से टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं। 
==परिचय==
==परिचय==
मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त, 1994 को [[मणिपुर]] के इंफाल से 20 कि.मी. दूर नोंगपोक काकचिंग गांव में हुआ था। वह अपने 6 भाई बहनों में सबसे छोटी हैं। इनका [[परिवार]] आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। आर्थिक रूप से सक्षम न होने का कारण मीराबाई चानू को अपने भाई सैखोम सांतोम्बा मीतेई के साथ पहाड़ों पर लकड़ी बीनने के लिए जाना पड़ता था। इस दौरान उनकी उम्र सिर्फ 12 वर्ष थी। इनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही पूरी हुई।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.dilsedeshi.com/biography/mirabai-chanu-biography-in-hindi/ |title=मीराबाई चानू का जीवन परिचय|accessmonthday=24 जुलाई|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=dilsedeshi.com |language=हिंदी}}</ref>
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*वर्ष [[2018]] में चोट के चलते मीराबाई एशियन गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाई थीं।
*वर्ष [[2018]] में चोट के चलते मीराबाई एशियन गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाई थीं।
*[[7 फरवरी]], [[2019]] को मीराबाई चानू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए थाईलैंड के चियांग-मे में आयोजित ईजीएटी कप में 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 48 किलोग्राम वर्ग में कुल 192 किलो वजन उठाकर सिल्वर लेवल ओलिंपिक पात्रता स्पर्धा में स्वर्णिम सफलता हासिल की है। इस सफलता से उन्हें [[2020]] में आयोजित होने वाले टोक्यो ओलिंपिक के लिए अतिम रैंकिंग में मदद मिली।<ref name="pp"/>
*[[7 फरवरी]], [[2019]] को मीराबाई चानू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए थाईलैंड के चियांग-मे में आयोजित ईजीएटी कप में 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 48 किलोग्राम वर्ग में कुल 192 किलो वजन उठाकर सिल्वर लेवल ओलिंपिक पात्रता स्पर्धा में स्वर्णिम सफलता हासिल की है। इस सफलता से उन्हें [[2020]] में आयोजित होने वाले टोक्यो ओलिंपिक के लिए अतिम रैंकिंग में मदद मिली।<ref name="pp"/>
*भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाया। उन्होंने शनिवार ([[24 जुलाई]], [[2021]]) को वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किग्रा वर्ग में यह मेडल जीता। यह भारतीय वेटलिफ्टिंग इतिहास में ओलंपिक में भारत का दूसरा पदक है। भारत ने इससे पहले सिडनी ओलंपिक (2000) में वेटलिफ्टिंग में पदक जीता था। यह पदक [[कर्णम मल्लेश्वरी]] ने दिलाया था। मीराबाई चानू पहली भारतीय वेटलिफ्टर हैं जिन्होंने ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने का कारनामा किया है। मीराबाई चानू ने स्नैच में 87 किलो और क्लीन एंड जर्क में 115 किलो वजन उठाया। इस तरह मीराबाई ने कुल 202 किलो वजन उठाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया। वहीं [[चीन]] की वेटलिफ्टर हाऊ झिहू ने कुल 210 किलो वजन उठाकर गोल्ड पर कब्जा किया।<ref>{{cite web |url=https://hindi.news18.com/news/sports/mirabai-chanu-saikhom-wins-silver-medal-in-tokyo-olympics-for-india-in-weightlifting-3668122.html |title=मीराबाई चानू ने भारत को दिलाया पहला मेडल|accessmonthday=24 जुलाई|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= news18.com|language=हिंदी}}</ref>
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==कोच==
वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू की कोच [[कुंजारानी देवी]] हैं जो खुद भी वेटलिफ्टिंग में एक भारतीय खिलाड़ी हैं। कुंजरानी देवी भी [[इम्फाल]], [[मणिपुर]] की ही रहने वाली हैं।
==पुरस्कार व सम्मान==
==पुरस्कार व सम्मान==
*2018 - [[भारत सरकार]] द्वारा मीराबाई चानू को '[[पद्मश्री]]' से सम्मानित किया गया।
*2018 - [[भारत सरकार]] द्वारा मीराबाई चानू को '[[पद्मश्री]]' से सम्मानित किया गया।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
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07:57, 24 जुलाई 2021 का अवतरण

साइखोम मीराबाई चानू (अंग्रेज़ी: Saikhom Mirabai Chanu, जन्म- 8 अगस्त, 1994) भारतीय वेटलिफ्टर हैं, जिन्हें वर्ष 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 'खेल रत्न पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है। इसी के साथ मीराबाई चानू उन दो लोगों में शामिल हो गई हैं जिन्हें वर्ष 2018 में देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान 'राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार' दिया गया। मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को वेटलिफ्टिंग में पहला गोल्ड मैडल दिलवाकर गौरवान्वित किया है। टोक्यो ओलंपिक, 2020 में 49 किलोग्राम कैटेगिरी की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में मीराबाई चानू ने रजत पदक जीता है। वह भारत की तरफ से टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं। 

परिचय

मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त, 1994 को मणिपुर के इंफाल से 20 कि.मी. दूर नोंगपोक काकचिंग गांव में हुआ था। वह अपने 6 भाई बहनों में सबसे छोटी हैं। इनका परिवार आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। आर्थिक रूप से सक्षम न होने का कारण मीराबाई चानू को अपने भाई सैखोम सांतोम्बा मीतेई के साथ पहाड़ों पर लकड़ी बीनने के लिए जाना पड़ता था। इस दौरान उनकी उम्र सिर्फ 12 वर्ष थी। इनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही पूरी हुई।[1]

कॅरियर व रिकॉर्ड

मीराबाई चानू ने मात्र 12 साल की उम्र में अंडर15 का खिताब जीत लिया था और 17 साल की उम्र में जूनियर चैंपियन बन गई थीं। आर्थिक रूप से सक्षम ना होने के कारण उनका परिवार लोहे की बार नहीं खरीद सकता था, इसलिए उन्होंने बाँस से ही बार बनाकर अपनी ट्रेनिंग को जारी रखा।

  • वर्ष 2014 में मीराबाई चानू ने ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 48 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता था।
  • वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था परंतु इस ओलंपिक में इन्हें कोई भी पदक नहीं मिला।
  • वर्ष 2016 में ही साउथ एशियन गेम्स जो कि गुवाहाटी में आयोजित हुए थे, उसमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था।
  • वर्ष 2017 में वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में मीराबाई चानू ने गोल्ड मेडल हासिल किया।
  • वर्ष 2018 में चोट के चलते मीराबाई एशियन गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाई थीं।
  • 7 फरवरी, 2019 को मीराबाई चानू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए थाईलैंड के चियांग-मे में आयोजित ईजीएटी कप में 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 48 किलोग्राम वर्ग में कुल 192 किलो वजन उठाकर सिल्वर लेवल ओलिंपिक पात्रता स्पर्धा में स्वर्णिम सफलता हासिल की है। इस सफलता से उन्हें 2020 में आयोजित होने वाले टोक्यो ओलिंपिक के लिए अतिम रैंकिंग में मदद मिली।[1]
  • भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाया। उन्होंने शनिवार (24 जुलाई, 2021) को वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किग्रा वर्ग में यह मेडल जीता। यह भारतीय वेटलिफ्टिंग इतिहास में ओलंपिक में भारत का दूसरा पदक है। भारत ने इससे पहले सिडनी ओलंपिक (2000) में वेटलिफ्टिंग में पदक जीता था। यह पदक कर्णम मल्लेश्वरी ने दिलाया था। मीराबाई चानू पहली भारतीय वेटलिफ्टर हैं जिन्होंने ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने का कारनामा किया है। मीराबाई चानू ने स्नैच में 87 किलो और क्लीन एंड जर्क में 115 किलो वजन उठाया। इस तरह मीराबाई ने कुल 202 किलो वजन उठाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया। वहीं चीन की वेटलिफ्टर हाऊ झिहू ने कुल 210 किलो वजन उठाकर गोल्ड पर कब्जा किया।[2]

कोच

वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू की कोच कुंजारानी देवी हैं जो खुद भी वेटलिफ्टिंग में एक भारतीय खिलाड़ी हैं। कुंजरानी देवी भी इम्फाल, मणिपुर की ही रहने वाली हैं।

पुरस्कार व सम्मान


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 मीराबाई चानू का जीवन परिचय (हिंदी) dilsedeshi.com। अभिगमन तिथि: 24 जुलाई, 2021।
  2. मीराबाई चानू ने भारत को दिलाया पहला मेडल (हिंदी) news18.com। अभिगमन तिथि: 24 जुलाई, 2021।

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