"अपूर्वी चंदेला": अवतरणों में अंतर
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'''अपूर्वी चंदेला''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Apurvi Singh Chandela'', जन्म- [[4 जनवरी]], [[1993]], [[जयपुर]], [[राजस्थान]]) भारतीय महिला निशानेबाज़ हैं। उन्होंने [[नई दिल्ली]] में [[2012]] की राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। [[2014]] में हेग में इंटरशूट चैंपियनशिप में दो व्यक्तिगत और दो टीम पदक जीते। इसके बाद अपूर्वी चंदेला ने ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार गोल्ड जीता। अपूर्वी ने [[2016]] में रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने चांगवोन विश्व कप में अपने कांस्य पदक के आधार पर क्वालीफाई किया था और ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं। वर्ष [[2016]] में अपूर्वी चंदेला को [[अर्जुन पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया। | {{सूचना बक्सा खिलाड़ी | ||
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जयपुर, राजस्थान में जन्मी अपूर्वी चंदेला एक खेल पत्रकार बनना चाहती थीं लेकिन बीजिंग 2008 ओलंपिक गेम्स में [[अभिनव बिंद्रा]] के जीते गोल्ड मेडल ने उन्हें एक शूटर बनने के लिए प्रेरित किया। उनके [[पिता]] जो जयपुर में ही होटल का कारोबार करते हैं, उन्होंने अपूर्वी चंदेला को एक खिलाड़ी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पिता की भूमिका निभाते हुए उन्होंने अपूर्वी के लिए अपने घर के ही पीछे एक शूटिंग रेंज स्थापित करा दी, ताकि उनकी बेटी को अभ्यास करने में कोई दिक्कत ना हो।<ref name="pp">{{cite web |url=https://olympics.com/hi/athletes/apurvi-chandela |title=अपूर्वी चंदेला|accessmonthday=01 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= olympics.com|language=हिंदी}}</ref> | जयपुर, राजस्थान में जन्मी अपूर्वी चंदेला एक खेल पत्रकार बनना चाहती थीं लेकिन बीजिंग 2008 ओलंपिक गेम्स में [[अभिनव बिंद्रा]] के जीते गोल्ड मेडल ने उन्हें एक शूटर बनने के लिए प्रेरित किया। उनके [[पिता]] जो जयपुर में ही होटल का कारोबार करते हैं, उन्होंने अपूर्वी चंदेला को एक खिलाड़ी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पिता की भूमिका निभाते हुए उन्होंने अपूर्वी के लिए अपने घर के ही पीछे एक शूटिंग रेंज स्थापित करा दी, ताकि उनकी बेटी को अभ्यास करने में कोई दिक्कत ना हो।<ref name="pp">{{cite web |url=https://olympics.com/hi/athletes/apurvi-chandela |title=अपूर्वी चंदेला|accessmonthday=01 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= olympics.com|language=हिंदी}}</ref> | ||
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==शान्त स्वभाव== | ==शान्त स्वभाव== | ||
फॉर्म को अपने हाथ में रख खेल रही इस युवा खिलाड़ी ने वर्ल्ड नंबर एक का खिताब हासिल किया। इस मुकाम पर पहुंचने के बाद भी उनका शारीरिक हाफ-भाव सामान्य था। अपूर्वी चंदेला अपने जज़बातों पर काबू करने के लिए जानी जाती हैं। इसलिए [[खेल]] के दौरान उन्हें देखकर उनके दिमाग में चल रहे प्लान का अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा था कि- 'हार हो या जीत हो मैं दोनों ही स्थितियों में न्यूट्रल रहती हूं'। अपूर्वी चंदेला का हमेशा शांत रहने वाला स्वभाव उनके हीरो [[अभिनव बिंद्रा]] से मेल खाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में भारतीय शूटिंग में अपूर्वी चंदेला का नाम प्रेरणा के तौर पर लिया जाएगा। | फॉर्म को अपने हाथ में रख खेल रही इस युवा खिलाड़ी ने वर्ल्ड नंबर एक का खिताब हासिल किया। इस मुकाम पर पहुंचने के बाद भी उनका शारीरिक हाफ-भाव सामान्य था। अपूर्वी चंदेला अपने जज़बातों पर काबू करने के लिए जानी जाती हैं। इसलिए [[खेल]] के दौरान उन्हें देखकर उनके दिमाग में चल रहे प्लान का अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा था कि- 'हार हो या जीत हो मैं दोनों ही स्थितियों में न्यूट्रल रहती हूं'। अपूर्वी चंदेला का हमेशा शांत रहने वाला स्वभाव उनके हीरो [[अभिनव बिंद्रा]] से मेल खाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में भारतीय शूटिंग में अपूर्वी चंदेला का नाम प्रेरणा के तौर पर लिया जाएगा। | ||
==उपलब्धियाँ== | |||
#10 मीटर एयर राइफल वर्ल्ड रिकॉर्ड 2019 - स्वर्ण | |||
#आईएसएसएफ विश्व कप, चांगवोन 2015 - कांस्य | |||
#राष्ट्रमंडल खेल, ग्लासगो 2014 - स्वर्ण | |||
#राष्ट्रीय चैंपियनशिप, दिल्ली 2012 - स्वर्ण | |||
#इंटरशूट प्रतियोगिता, नीदरलैंड 2014 - स्वर्ण और कांस्य | |||
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08:09, 5 अगस्त 2021 के समय का अवतरण
अपूर्वी चंदेला
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पूरा नाम | अपूर्वी चंदेला |
जन्म | 4 जनवरी, 1993 |
जन्म भूमि | जयपुर, राजस्थान |
अभिभावक | माता- बिंदू राठौर पिता- कुलदीप सिंह चंदेला |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | निशानेबाज़ी |
पुरस्कार-उपाधि | अर्जुन पुरस्कार (2016) |
प्रसिद्धि | भारतीय महिला निशानेबाज़ |
नागरिकता | भारतीय |
रैकिंग | 11 (जून 2021 तक)[1] |
कोच | स्टानिस्लाव लैपिडस |
अद्यतन | 13:39, 5 अगस्त 2021 (IST)
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अपूर्वी चंदेला (अंग्रेज़ी: Apurvi Singh Chandela, जन्म- 4 जनवरी, 1993, जयपुर, राजस्थान) भारतीय महिला निशानेबाज़ हैं। उन्होंने नई दिल्ली में 2012 की राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। 2014 में हेग में इंटरशूट चैंपियनशिप में दो व्यक्तिगत और दो टीम पदक जीते। इसके बाद अपूर्वी चंदेला ने ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार गोल्ड जीता। अपूर्वी ने 2016 में रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने चांगवोन विश्व कप में अपने कांस्य पदक के आधार पर क्वालीफाई किया था और ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं। वर्ष 2016 में अपूर्वी चंदेला को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
परिचय
जयपुर, राजस्थान में जन्मी अपूर्वी चंदेला एक खेल पत्रकार बनना चाहती थीं लेकिन बीजिंग 2008 ओलंपिक गेम्स में अभिनव बिंद्रा के जीते गोल्ड मेडल ने उन्हें एक शूटर बनने के लिए प्रेरित किया। उनके पिता जो जयपुर में ही होटल का कारोबार करते हैं, उन्होंने अपूर्वी चंदेला को एक खिलाड़ी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पिता की भूमिका निभाते हुए उन्होंने अपूर्वी के लिए अपने घर के ही पीछे एक शूटिंग रेंज स्थापित करा दी, ताकि उनकी बेटी को अभ्यास करने में कोई दिक्कत ना हो।[2]
कॅरियर
युवा खिलाड़ी अपूर्वी चंदेला ने पहली उपलब्धि 2014 में हुए ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान गोल्ड मेडल जीत कर हासिल की और इसके बाद उनका कारवाँ बढ़ता चला गया। इसके एक साल के बाद उन्होंने वर्ल्ड कप में अपना डेब्यू किया और ब्रॉन्ज़ मेडल जीता और इस वजह से उन्हें ओलंपिक गेम्स में शिरकत करने का मौका मिला। हालांकि रियो 2016 में वह ‘ब्लैंक’ हो गईं और 10 मीटर एयर राइफल के शुरूआती राउंड में ही बाहर हो गईं। 51 खिलाड़ियों में अपूर्वी चंदेला को 34वीं रैंक नसीब हुई।
अपूर्वी चंदेला ने ओलंपिक डेब्यू को एक सीखने की प्रक्रिया बताया और खुद को आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार किया। समय बीतता गया और अपूर्वी चंदेला ने साल 2019 की शुरुआत ज़ोरदार की। 10 मीटर एयर रायफल में खेलते हुए इस खिलाड़ी ने दिल्ली में हुए आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में 252.9 के बेहतरीन अंक प्राप्त कर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल पर अपने नाम की मुहर लगा दी। इसके बाद बीजिंग आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में अपना कारवां चौथे स्थान पर ख़त्म किया और टोक्यो 2020 (ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020) के लिए क्वालिफाई भी कर लिया। कुछ ही समय बाद अपूर्वी चंदेला ने म्यूनिख में हुए वर्ल्ड कप में एक और गोल्ड मेडल जीत कर खेल प्रेमियों को तालियां बजाने का एक और मौका दिया।[2]
शान्त स्वभाव
फॉर्म को अपने हाथ में रख खेल रही इस युवा खिलाड़ी ने वर्ल्ड नंबर एक का खिताब हासिल किया। इस मुकाम पर पहुंचने के बाद भी उनका शारीरिक हाफ-भाव सामान्य था। अपूर्वी चंदेला अपने जज़बातों पर काबू करने के लिए जानी जाती हैं। इसलिए खेल के दौरान उन्हें देखकर उनके दिमाग में चल रहे प्लान का अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा था कि- 'हार हो या जीत हो मैं दोनों ही स्थितियों में न्यूट्रल रहती हूं'। अपूर्वी चंदेला का हमेशा शांत रहने वाला स्वभाव उनके हीरो अभिनव बिंद्रा से मेल खाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में भारतीय शूटिंग में अपूर्वी चंदेला का नाम प्रेरणा के तौर पर लिया जाएगा।
उपलब्धियाँ
- 10 मीटर एयर राइफल वर्ल्ड रिकॉर्ड 2019 - स्वर्ण
- आईएसएसएफ विश्व कप, चांगवोन 2015 - कांस्य
- राष्ट्रमंडल खेल, ग्लासगो 2014 - स्वर्ण
- राष्ट्रीय चैंपियनशिप, दिल्ली 2012 - स्वर्ण
- इंटरशूट प्रतियोगिता, नीदरलैंड 2014 - स्वर्ण और कांस्य
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अपूर्वी चंदेला जीवनी (हिंदी) kreedon.com। अभिगमन तिथि: 01 अगस्त, 2021।
- ↑ 2.0 2.1 अपूर्वी चंदेला (हिंदी) olympics.com। अभिगमन तिथि: 01 अगस्त, 2021।