"सी. ए. भवानी देवी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''चदलवदा अनंधा सुंदररमन भवानी देवी''' (अंग्रेज़ी: ''Cha...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''चदलवदा अनंधा सुंदररमन भवानी देवी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chadalavada Anandha Sundhararaman Bhavani Devi'', जन्म- [[27 अगस्त]], [[1993]], [[चेन्नई]], [[तमिलनाडु]]) भारतीय महिला तलवारबाज़ हैं। सफ़र छोटा भले ही हो, लेकिन इतना रोचक हो कि जमाना सदियों तक उसे याद करे। सी. ए. भवानी देवी ने इसी वाक्य को ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलंपिक) में चरितार्थ किया। सी. ए. भवानी देवी [[भारत]] की तरफ़ से टोक्यो ओलंपिक में तलवारबाज़ी खेल का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी रहीं। भले ही वह टोक्यो ओलंपिक में कोई मेडल नहीं जीत सकीं, लेकिन उन्होंने अपने साथ भारत का नाम ओलंपिक के [[इतिहास]] में दर्ज़ करा दिया।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.femina.in/hindi/meri-udaan/achievers/ca-bhavani-devi-the-girl-who-creates-history-in-the-tokyo-o-5516.html |title=ओलंपिक में हारकर भी इतिहास में नाम दर्ज़ कराने वाली लड़की|accessmonthday=12 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=femina.in |language=हिंदी}}</ref>
{{सूचना बक्सा खिलाड़ी
|चित्र=C-A-Bhavani-Devi.jpeg
|चित्र का नाम=सी. ए. भवानी देवी
|पूरा नाम=चदलवदा अनंधा सुंदररमन भवानी देवी
|अन्य नाम=
|जन्म=[[27 अगस्त]], [[1993]]
|जन्म भूमि=[[चेन्नई]], [[तमिलनाडु]]
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|अभिभावक=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|खेल-क्षेत्र=तलवारबाज़ी
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि=
|प्रसिद्धि=भारतीय महिला तलवारबाज़ खिलाड़ी
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=विश्व रैकिंग
|पाठ 1=36
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=सी. ए. भवानी देवी ओलंपिक क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला तलवारबाज़ खिलाड़ी हैं।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|13:30, 12 अगस्त 2021 (IST)}}
}}'''चदलवदा अनंधा सुंदररमन भवानी देवी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chadalavada Anandha Sundhararaman Bhavani Devi'', जन्म- [[27 अगस्त]], [[1993]], [[चेन्नई]], [[तमिलनाडु]]) भारतीय महिला तलवारबाज़ हैं। सफ़र छोटा भले ही हो, लेकिन इतना रोचक हो कि जमाना सदियों तक उसे याद करे। सी. ए. भवानी देवी ने इसी वाक्य को ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलंपिक) में चरितार्थ किया। सी. ए. भवानी देवी [[भारत]] की तरफ़ से टोक्यो ओलंपिक में तलवारबाज़ी खेल का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी रहीं। भले ही वह टोक्यो ओलंपिक में कोई मेडल नहीं जीत सकीं, लेकिन उन्होंने अपने साथ भारत का नाम ओलंपिक के [[इतिहास]] में दर्ज़ करा दिया।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.femina.in/hindi/meri-udaan/achievers/ca-bhavani-devi-the-girl-who-creates-history-in-the-tokyo-o-5516.html |title=ओलंपिक में हारकर भी इतिहास में नाम दर्ज़ कराने वाली लड़की|accessmonthday=12 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=femina.in |language=हिंदी}}</ref>
==परिचय==
==परिचय==
फेंसिंग साल [[1896]] से ओलंपिक का हिस्सा रहा है, लेकिन 125 साल बाद कहीं जाकर भारत ने इस खेल में पर्दापण किया, जिसका प्रतिनिधित्व सी. ए. भवानी देवी ने किया। अपनी इस ज़िम्मेदरी को भवानी देवी ने बख़ूबी निभाया। तलवारबाजी में अपना हूनर दिखाते हुए उन्होंने पहला मैच अपने नाम कर लिया। हालांकि अगले राउंड में वह हार गईं और इसी के साथ ओलंपिक में उनका सफ़र ख़त्म हो गया। पर अपने इस छोटे-से सफ़र में भी भवानी देवी ने भारत के लिए फेंसिंग की दुनिया में एक नया दरवाज़ा खोल दिया। सी. ए. भवानी देवी ओलंपिक क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।
फेंसिंग साल [[1896]] से ओलंपिक का हिस्सा रहा है, लेकिन 125 साल बाद कहीं जाकर भारत ने इस खेल में पर्दापण किया, जिसका प्रतिनिधित्व सी. ए. भवानी देवी ने किया। अपनी इस ज़िम्मेदरी को भवानी देवी ने बख़ूबी निभाया। तलवारबाजी में अपना हूनर दिखाते हुए उन्होंने पहला मैच अपने नाम कर लिया। हालांकि अगले राउंड में वह हार गईं और इसी के साथ ओलंपिक में उनका सफ़र ख़त्म हो गया। पर अपने इस छोटे-से सफ़र में भी भवानी देवी ने भारत के लिए फेंसिंग की दुनिया में एक नया दरवाज़ा खोल दिया। सी. ए. भवानी देवी ओलंपिक क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला तलवारबाज़ खिलाड़ी हैं।
==ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020==
==ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020==
टोक्यो के मकुहारी मेस्से हॉल में मैच खेला गया। मैच की शुरुआत में सी. ए. भवानी देवी ने पहले राउंड ऑफ़ 64 के मैच में तुनिशिया की नादिया बिन अज़ीज़ी को 15-3 हरा दिया। मैच की पहली पारी में भवानी ने संभलते हुए तुनिशिया की खिलाड़ी को पहले अटैक करने का मौक़ा दिया, लेकिन अपने मज़बूत डिफेंस के चलते पॉइंट्स नहीं कमाने दिया। इसके बाद भवानी ने मौक़ा मिलते ही काउंटर अटैक करना शुरू किया और अपने शानदार प्रदर्शन से 8-0 की बढ़त हासिल कर ली। दूसरी पारी में भी सी. ए. भवानी देवी ने सामने वाली खिलाड़ी को कुछ ख़ास मौक़ा नहीं दिया और बहुत ही करीने से मात्र 6 मिनट में मैच को 15-3 से जीत लिया और राउंड ऑफ़ 32 में एंट्री कर ली। यहां पर उनका मुक़ाबला वर्ल्ड नंबर 3 और वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडलिस्ट रह चुकीं मेनन ब्रूनेट से हुआ, जिसमें भवानी देवी को 7-15 से हार मिली। हालांकि पहला राउंड ऑफ़ जीतकर वर्ल्ड नंबर 42 पर काबिज़ भवानी देवी [[भारत]] की पहली तलवारबाज बन गईं हैं।<ref name="pp"/>
टोक्यो के मकुहारी मेस्से हॉल में मैच खेला गया। मैच की शुरुआत में सी. ए. भवानी देवी ने पहले राउंड ऑफ़ 64 के मैच में तुनिशिया की नादिया बिन अज़ीज़ी को 15-3 हरा दिया। मैच की पहली पारी में भवानी ने संभलते हुए तुनिशिया की खिलाड़ी को पहले अटैक करने का मौक़ा दिया, लेकिन अपने मज़बूत डिफेंस के चलते पॉइंट्स नहीं कमाने दिया। इसके बाद भवानी ने मौक़ा मिलते ही काउंटर अटैक करना शुरू किया और अपने शानदार प्रदर्शन से 8-0 की बढ़त हासिल कर ली। दूसरी पारी में भी सी. ए. भवानी देवी ने सामने वाली खिलाड़ी को कुछ ख़ास मौक़ा नहीं दिया और बहुत ही करीने से मात्र 6 मिनट में मैच को 15-3 से जीत लिया और राउंड ऑफ़ 32 में एंट्री कर ली। यहां पर उनका मुक़ाबला वर्ल्ड नंबर 3 और वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडलिस्ट रह चुकीं मेनन ब्रूनेट से हुआ, जिसमें भवानी देवी को 7-15 से हार मिली। हालांकि पहला राउंड ऑफ़ जीतकर वर्ल्ड नंबर 42 पर काबिज़ भवानी देवी [[भारत]] की पहली तलवारबाज बन गईं हैं।<ref name="pp"/>

08:00, 12 अगस्त 2021 के समय का अवतरण

सी. ए. भवानी देवी
सी. ए. भवानी देवी
सी. ए. भवानी देवी
पूरा नाम चदलवदा अनंधा सुंदररमन भवानी देवी
जन्म 27 अगस्त, 1993
जन्म भूमि चेन्नई, तमिलनाडु
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र तलवारबाज़ी
प्रसिद्धि भारतीय महिला तलवारबाज़ खिलाड़ी
नागरिकता भारतीय
विश्व रैकिंग 36
अन्य जानकारी सी. ए. भवानी देवी ओलंपिक क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला तलवारबाज़ खिलाड़ी हैं।
अद्यतन‎

चदलवदा अनंधा सुंदररमन भवानी देवी (अंग्रेज़ी: Chadalavada Anandha Sundhararaman Bhavani Devi, जन्म- 27 अगस्त, 1993, चेन्नई, तमिलनाडु) भारतीय महिला तलवारबाज़ हैं। सफ़र छोटा भले ही हो, लेकिन इतना रोचक हो कि जमाना सदियों तक उसे याद करे। सी. ए. भवानी देवी ने इसी वाक्य को ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलंपिक) में चरितार्थ किया। सी. ए. भवानी देवी भारत की तरफ़ से टोक्यो ओलंपिक में तलवारबाज़ी खेल का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला खिलाड़ी रहीं। भले ही वह टोक्यो ओलंपिक में कोई मेडल नहीं जीत सकीं, लेकिन उन्होंने अपने साथ भारत का नाम ओलंपिक के इतिहास में दर्ज़ करा दिया।[1]

परिचय

फेंसिंग साल 1896 से ओलंपिक का हिस्सा रहा है, लेकिन 125 साल बाद कहीं जाकर भारत ने इस खेल में पर्दापण किया, जिसका प्रतिनिधित्व सी. ए. भवानी देवी ने किया। अपनी इस ज़िम्मेदरी को भवानी देवी ने बख़ूबी निभाया। तलवारबाजी में अपना हूनर दिखाते हुए उन्होंने पहला मैच अपने नाम कर लिया। हालांकि अगले राउंड में वह हार गईं और इसी के साथ ओलंपिक में उनका सफ़र ख़त्म हो गया। पर अपने इस छोटे-से सफ़र में भी भवानी देवी ने भारत के लिए फेंसिंग की दुनिया में एक नया दरवाज़ा खोल दिया। सी. ए. भवानी देवी ओलंपिक क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला तलवारबाज़ खिलाड़ी हैं।

ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020

टोक्यो के मकुहारी मेस्से हॉल में मैच खेला गया। मैच की शुरुआत में सी. ए. भवानी देवी ने पहले राउंड ऑफ़ 64 के मैच में तुनिशिया की नादिया बिन अज़ीज़ी को 15-3 हरा दिया। मैच की पहली पारी में भवानी ने संभलते हुए तुनिशिया की खिलाड़ी को पहले अटैक करने का मौक़ा दिया, लेकिन अपने मज़बूत डिफेंस के चलते पॉइंट्स नहीं कमाने दिया। इसके बाद भवानी ने मौक़ा मिलते ही काउंटर अटैक करना शुरू किया और अपने शानदार प्रदर्शन से 8-0 की बढ़त हासिल कर ली। दूसरी पारी में भी सी. ए. भवानी देवी ने सामने वाली खिलाड़ी को कुछ ख़ास मौक़ा नहीं दिया और बहुत ही करीने से मात्र 6 मिनट में मैच को 15-3 से जीत लिया और राउंड ऑफ़ 32 में एंट्री कर ली। यहां पर उनका मुक़ाबला वर्ल्ड नंबर 3 और वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडलिस्ट रह चुकीं मेनन ब्रूनेट से हुआ, जिसमें भवानी देवी को 7-15 से हार मिली। हालांकि पहला राउंड ऑफ़ जीतकर वर्ल्ड नंबर 42 पर काबिज़ भवानी देवी भारत की पहली तलवारबाज बन गईं हैं।[1]

अंडर-23 एशियन चैम्पियन

फेंसिंग की दुनिया में सी. ए. भवानी देवी का नाम नया नहीं है। यह अलग बात है कि यह नाम अब जाकर अपनी अधिक चमक बिखेर रहा है। फेंसिंग मैच में भवानी देवी कई मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। शुरुआत उन्होंने साल 2009 के कॉमनवेल्थ गेम से की, जिसमें उन्होंने ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था। फिर इंटरनैशन ओपन, कैडेट एशियन चैम्पियनशिप, अंडर-23 एशियन चैम्पियनशिप सहित कई टूर्नामेंट्स में मेडल्स अपने नाम किए। अंडर-23 एशियन चैम्पियनशिप जीतने वाली वह पहली भारतीय हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख