"दीपक नेहरा": अवतरणों में अंतर
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}}'''दीपक नेहरा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Deepak Nehra'') भारतीय पहलवान हैं। उन्होंने बर्मिंघम, [[इंग्लैंड]] में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में [[भारत]] के लिये कांस्य पदक जीता है। उन्होंने [[पाकिस्तान]] के तैयब रज़ा अवान को 10-2 से हराया। दीपक नेहरा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 97 किलोग्राम | }}'''दीपक नेहरा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Deepak Nehra'') भारतीय पहलवान हैं। उन्होंने बर्मिंघम, [[इंग्लैंड]] में आयोजित [[कॉमनवेल्थ गेम्स]], [[2022]] में [[भारत]] के लिये कांस्य पदक जीता है। उन्होंने [[पाकिस्तान]] के तैयब रज़ा अवान को 10-2 से हराया। दीपक नेहरा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 97 किलोग्राम भार वर्ग [[कुश्ती]] प्रतियोगिता में भाग लिया था। पहला मुकाबला वे हार गए थे, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। लगातार दो मैचों में प्रतिद्वंदी को पटखनी दी और जीत प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कांस्य पदक तक का सफर तय किया।<br/> | ||
*[[हरियाणा]] के रोहतक ज़िले के रहने वाले दीपक नेहरा ने | *[[हरियाणा]] के [[रोहतक ज़िला|रोहतक ज़िले]] के रहने वाले दीपक नेहरा ने 5 [[साल]] की उम्र में [[कुश्ती]] प्रारम्भ कर दी थी। उनकी [[खेल]] में बहुत रूचि थी, इसलिए [[परिवार]] ने भी बच्चों को [[अखाड़ा|अखाड़े]] में भेजने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई। | ||
*परिवार का पेशा खेती का था और घर की वित्तीय हालत भी ठीक नहीं थी। यहां तक कि एक समय घर पर टीवी भी नहीं था और बेटे के मुकाबले की जानकारी पड़ोसियों से पूछकर मिलती थी। लेकिन [[माता]]-[[पिता]] ने संसाधनों के अभाव का असर दीपक नेहरा की ट्रेनिंग पर पड़ने नहीं दिया। | *परिवार का पेशा खेती का था और घर की वित्तीय हालत भी ठीक नहीं थी। यहां तक कि एक समय घर पर [[टेलिविजन|टीवी]] भी नहीं था और बेटे के मुकाबले की जानकारी पड़ोसियों से पूछकर मिलती थी। लेकिन [[माता]]-[[पिता]] ने संसाधनों के अभाव का असर दीपक नेहरा की ट्रेनिंग पर पड़ने नहीं दिया। | ||
*दीपक जब 9 साल के थे तो उन्हें मिर्चपुर की एक अकादमी में | *दीपक जब 9 साल के थे तो उनके पिता ने उन्हें मिर्चपुर की एक अकादमी में दाखिला दिलवा दिया। | ||
*अंडर-23 एशियन चैंपियनशिप में दीपक नेहरा ने स्वर्ण पदक | *अंडर-23 '''एशियन चैंपियनशिप''' में दीपक नेहरा ने स्वर्ण पदक प्राप्त कर कॉमनवेल्थ खेलों के लिए अपनी तैयारी से सभी को परिचित करवा दिया था। | ||
*उन्होंने [[जून 2022]] में हुई वर्ल्ड रैंकिंग सीरीज में भी कांस्य पदक जीतने में | *उन्होंने [[जून 2022]] में हुई वर्ल्ड रैंकिंग सीरीज में भी कांस्य पदक जीतने में सफलता प्राप्त की। | ||
*[[कुश्ती]] के लिए दीपक नेहरा का जुनून इतना है कि जब वो मिर्चपुर की शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल कुश्ती अकादमी में कुश्ती के पैंतरे सीख रहे थे तो त्योहार पर भी घर न जाकर अकादमी में ही ट्रेनिंग करते रहते थे। | *[[कुश्ती]] के लिए दीपक नेहरा का जुनून इतना है कि जब वो मिर्चपुर की '''शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल कुश्ती अकादमी''' में कुश्ती के पैंतरे सीख रहे थे तो त्योहार पर भी घर न जाकर अकादमी में ही ट्रेनिंग करते रहते थे। | ||
*कॉमनवेल्थ खेल, 2022 में दीपक नेहरा को कनाडा के निशान रंधावा ने क्वार्टर-फाइनल में 8-6 से हराया था। कॉमनवेल्थ खेल की तैयारी के लिए दीपक नेहरा रोज 8 घंटे की प्रैक्टिस किया करते थे। उन पर कांस्य पदक की लड़ाई में दबाव काफी ज्यादा था, क्योंकि एक तो उनका विरोधी खिलाड़ी [[पाकिस्तान]] से था और दीपक से पहले आए सभी 11 भारतीय पहलवानों ने कोई न कोई पदक जीत लिया था। लेकिन दीपक नेहरा ने भी निराश नहीं किया और खाली हाथ नहीं लौटे। कांस्य जीतने के बाद उनका लक्ष्य [[2024]] पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर पदक जीतने का है। | *कॉमनवेल्थ खेल, 2022 में दीपक नेहरा को कनाडा के निशान रंधावा ने क्वार्टर-फाइनल में 8-6 से हराया था। कॉमनवेल्थ खेल की तैयारी के लिए दीपक नेहरा रोज 8 घंटे की प्रैक्टिस किया करते थे। उन पर कांस्य पदक की लड़ाई में दबाव काफी ज्यादा था, क्योंकि एक तो उनका विरोधी खिलाड़ी [[पाकिस्तान]] से था और दीपक से पहले आए सभी 11 भारतीय पहलवानों ने कोई न कोई पदक जीत लिया था। लेकिन दीपक नेहरा ने भी निराश नहीं किया और खाली हाथ नहीं लौटे। कांस्य जीतने के बाद उनका लक्ष्य [[2024]] पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर पदक जीतने का है। | ||
07:30, 16 अगस्त 2022 के समय का अवतरण
दीपक नेहरा
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पूरा नाम | दीपक नेहरा |
जन्म | 2003 |
जन्म भूमि | ग्राम निंदाना, रोहतक, हरियाणा |
अभिभावक | माता- मुकेश कुमारी
पिता- सुरिंदर सिंह नेहरा |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | कुश्ती |
प्रसिद्धि | भारतीय पहलवान |
नागरिकता | भारतीय |
कॉमनवेल्थ गेम्स | बर्मिंघम, 2022 - 97 कि.ग्रा. वर्ग - कांस्य पदक |
कोच | अज्य ढांडा, जय भगवान लाठर |
लम्बाई | 5 फुट 7 इंच |
अन्य जानकारी | दीपक नेहरा ने जून 2022 में हुई वर्ल्ड रैंकिंग सीरीज़ में भी कांस्य पदक प्राप्त किया था। |
अद्यतन | 15:20, 15 अगस्त 2022 (IST)
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दीपक नेहरा (अंग्रेज़ी: Deepak Nehra) भारतीय पहलवान हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के लिये कांस्य पदक जीता है। उन्होंने पाकिस्तान के तैयब रज़ा अवान को 10-2 से हराया। दीपक नेहरा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 97 किलोग्राम भार वर्ग कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लिया था। पहला मुकाबला वे हार गए थे, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। लगातार दो मैचों में प्रतिद्वंदी को पटखनी दी और जीत प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कांस्य पदक तक का सफर तय किया।
- हरियाणा के रोहतक ज़िले के रहने वाले दीपक नेहरा ने 5 साल की उम्र में कुश्ती प्रारम्भ कर दी थी। उनकी खेल में बहुत रूचि थी, इसलिए परिवार ने भी बच्चों को अखाड़े में भेजने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई।
- परिवार का पेशा खेती का था और घर की वित्तीय हालत भी ठीक नहीं थी। यहां तक कि एक समय घर पर टीवी भी नहीं था और बेटे के मुकाबले की जानकारी पड़ोसियों से पूछकर मिलती थी। लेकिन माता-पिता ने संसाधनों के अभाव का असर दीपक नेहरा की ट्रेनिंग पर पड़ने नहीं दिया।
- दीपक जब 9 साल के थे तो उनके पिता ने उन्हें मिर्चपुर की एक अकादमी में दाखिला दिलवा दिया।
- अंडर-23 एशियन चैंपियनशिप में दीपक नेहरा ने स्वर्ण पदक प्राप्त कर कॉमनवेल्थ खेलों के लिए अपनी तैयारी से सभी को परिचित करवा दिया था।
- उन्होंने जून 2022 में हुई वर्ल्ड रैंकिंग सीरीज में भी कांस्य पदक जीतने में सफलता प्राप्त की।
- कुश्ती के लिए दीपक नेहरा का जुनून इतना है कि जब वो मिर्चपुर की शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल कुश्ती अकादमी में कुश्ती के पैंतरे सीख रहे थे तो त्योहार पर भी घर न जाकर अकादमी में ही ट्रेनिंग करते रहते थे।
- कॉमनवेल्थ खेल, 2022 में दीपक नेहरा को कनाडा के निशान रंधावा ने क्वार्टर-फाइनल में 8-6 से हराया था। कॉमनवेल्थ खेल की तैयारी के लिए दीपक नेहरा रोज 8 घंटे की प्रैक्टिस किया करते थे। उन पर कांस्य पदक की लड़ाई में दबाव काफी ज्यादा था, क्योंकि एक तो उनका विरोधी खिलाड़ी पाकिस्तान से था और दीपक से पहले आए सभी 11 भारतीय पहलवानों ने कोई न कोई पदक जीत लिया था। लेकिन दीपक नेहरा ने भी निराश नहीं किया और खाली हाथ नहीं लौटे। कांस्य जीतने के बाद उनका लक्ष्य 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर पदक जीतने का है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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