रंजन सोढ़ी

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रंजन सोढ़ी
रंजन सोढ़ी
रंजन सोढ़ी
पूरा नाम रंजन सोढ़ी
जन्म 23 अक्टूबर, 1979
जन्म भूमि फिरोजपुर, पंजाब
अभिभावक पिता- मलविंदर सिंह सोढ़ी
पति/पत्नी रुचिका सोढ़ी
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र निशानेबाज़ी
पुरस्कार-उपाधि अर्जुन पुरस्कार, 2009

सीएनए-आईबीएन इंडियन ऑफ दी इयर, 2011
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, 2013

प्रसिद्धि डबल ट्रेप निशानेबाज़
नागरिकता भारतीय
क्लब फिरोजपुर डिस्ट्रिक राइफल एसोसियेशन
अन्य जानकारी साल 2010 में लोनाटो में हुए आईएसएसएफ़ विश्वकप में रंजन सोढ़ी ने 50 शॉट में से सभी 50 क्ले पर मारकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था और इसमें उनका स्कोर 195 का था।
अद्यतन‎

रंजन सोढ़ी (अंग्रेज़ी: Ronjan Sodhi, जन्म- 23 अक्टूबर, 1979) भारतीय डबल ट्रेप निशानेबाज़ हैं। वह लगातार दो विश्व कप स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्हें साल 2009 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह राजीव गाँधी खेल रत्न से सम्मानित होने वाले सातवें भारतीय निशानेबाज़ हैं। रंजन सोढ़ी को साल 2012-2013 के लिये राजीव गाँधी खेल रत्न मिला था। उन्होंने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलोंमें दो रजत पदक और 2010 के एशियाई खेलों में एक स्वर्ण जीता था।

परिचय

गांव में अच्छी शिक्षा की व्यवस्था मौजूद ना होने की वजह से रंजन सोढ़ी के माता-पिता ने उन्हें दिल्ली में पढ़ाई के लिए भेजा और इसी के बाद रंजन की शूटिंग के प्रति दिलचस्पी भी शुरू हुई। परिवार ने रंजन सोढ़ी को हर समय अपना समर्थन दिया। विश्वकप के फाइनल में 2 बार स्वर्ण मेडल जीतने वाले रंजन सोढ़ी एकलौते भारतीय शूटर खिलाड़ी हैं। लंदन ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद रंजन सोढ़ी ने विश्वकप के फाइनल में रजत पदक जीतकर अपने आत्विश्वास को वापस पाया था और आलोचको को इस बात का जवाब भी दिया था कि उनके अंदर अभी भी काफी खेल बाकी है।

रंजन सोढ़ी के छोटे भाई बिरंनदीप सोढ़ी भी एक ट्रैप शूटर खिलाड़ी हैं। रंजन के पिता मलविंदर सिंह सोढ़ी ने उन्हें सलाह देते हुए कहा था कि वह ट्रैप से डबल ट्रैप में अपने हाथ आजमायें। जब रंजन 10वीं क्लास में थे तो उस समय उनके पिता उन्हें करणी सिंह के पास पहली बार लेकर गए थे। मलविंदर सिंह भी पहले शूटर थे, लेकिन वह इस खेल में अधिक संसाधन ना मौजूद होने की वजह से प्रोफेशनल तौर पर नहीं खेल सके थे, लेकिन वह रंजन सोढ़ी को अपने साथ खेतों में लेकर जाते थे, जहां पर रंजन खेल के तौर पर शूटिंग करते थे। जब रंजन सोढ़ी दिल्ली में आकर रहने लगे, तब उन्होंने शूटिंग रेंज में दाखिला लिया जिससे अच्छी ट्रेनिंग की जा सके।

कॅरियर

एमबीए पूरा करने के बाद रंजन सोढ़ी ने शूटिंग में कॅरियर बनाने का फैसला किया, लेकिन यह फैसला रंजन के लिए आसान नहीं था, क्योंकि वह जानते थे इस खेल में अधिक पैसे नहीं हैं, जिसके बाद रंजन के पिता ने अपने बेटे का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें इसमें कॅरियर बनाने की सलाह दी। इसके बाद रंजन को अपने फैसले का बड़ा इनाम साल 2007 में उस समय मिला, जब उन्होंनें अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता। रंजन ने आईएसएसएफ़ सेंट डोमिंगो विश्वकप में कांस्य पदक को अपने नाम पर किया था। साल 2008 में रंजन ने रिकॉर्ड स्कोर करने का काम किया जिसमें उन्होंने बेलग्रेड में हुए पहले विश्वकप में शानदार खेल दिखाया। रंजन ने साल 2005 में रुचिका सोढ़ी से शादी कर ली।

प्रोफेशनल जीवन

साल 2010 में लोनाटो में हुए आईएसएसएफ़ विश्वकप में रंजन सोढ़ी ने 50 शॉट में से सभी 50 क्ले पर मारकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था और इसमें उनका स्कोर 195 का था, जिसके बाद उन्होंने डबल ट्रैप के इस इवेंट में स्वर्ण मेडल को अपने नाम पर किया था। इसके बाद साल 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में रंजन सोढ़ी ने पुरूष डबल ट्रैप सिंगल्स में प्लेटिनम पदक जीता।

पेरिस में रंजन सोढ़ी ने अशर नोरिया के साथ मिलकर पुरू डबल ट्रैप इवेंट में रजत पदक जीता। साल 2010 में हुए एशियन गेम्स में रंजन ने पुरुष डबल ट्रैप इवेंट में 186 का स्कोर करके स्वर्ण मेडल को अपने नाम पर किया था, इसके अलावा उन्होंने इसी इवेंट में कांस्य पदक भी जीता था। बिजिंग में हुए साल 2011 के आईएसएसएफ़ विश्वकप में रंजन ने रजत पदक जीतने के साथ ओलंपिक के लिए अपनी जगह को भी पक्का कर लिया था। लंदन ओलंपिक में अच्छी शुरुआत करने के बावजूद रंजन सोढ़ी फाइनल में अपनी जगह को पक्का नहीं कर सके थे और उन्हें निराश होकर बाहर होना पड़ा था।

पुरस्कार व सम्मान

  1. 2009 में शूटिंग में शानदार प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार दिया गया।
  2. 2011 में सीएनए-आईबीएन इंडियन ऑफ दी इयर।
  3. 2013 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया।

सफलताएँ

नई दिल्ली में हुए साल 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में डबल ट्रैप इवेंट में रजत पदक जीता।

  1. 2010 में नयी दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरूष डबल ट्रैप पेयर्स इवेंट में रजत पदक को जीता।
  2. 2010 में ग्वांझाऊ में हुए एशियन गेम्स में डबल ट्रैप इवेंट में स्वर्ण मेडल जीता।
  3. 2010 में ग्वांझऊ में हुए एशियन गेम्स में पुरूष डबल ट्रैप पेयर्स में कांस्य पदक जीता।
  4. 2010 में इजमीर में हुए आईएसएसएफ़ विश्वकप के फाइनल में डबल ट्रैप इवेंट में स्वर्ण मेडल जीता।
  5. 2011 में अल अईन में हुए आईएसएसएफ़ विश्वकप फाइनल में डबल ट्रैप इवेंट में स्वर्ण मेडल जीता।
  6. 2012 में मरीबोर में हुए आईएसएसएफ़ विश्वकप के फाइनल में डबल ट्रैप इवेंट में रजत पदक को जीता।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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