विश्वनाथन आनंद
विश्वनाथन आनंद
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पूरा नाम | विश्वनाथन आनंद |
जन्म | 11 दिसम्बर 1969 |
जन्म भूमि | मयीलाडूतुरै, तमिलनाडु |
पति/पत्नी | अरुणा आनंद |
खेल-क्षेत्र | शतरंज |
पुरस्कार-उपाधि | पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, अर्जुन पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार |
प्रसिद्धि | लगातार चार बार विश्व शतरंज चैंपियन (कुल पाँच बार) |
नागरिकता | भारतीय |
अद्यतन | 19:48, 31 मई 2012 (IST)
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विश्वनाथन आनंद भारत के प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी, अंतर्राष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर एवं वर्तमान विश्व चैंपियन हैं।
खेल जीवन
वर्ष 2000 में उन्होंने फीडे विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती थी। वर्ष 2007 की विश्व चैंपियनशिप में विजय के बाद वे शतरंज के निर्विवाद बादशाह बन गये। 14 से 29 अक्टूबर 2008 के मध्य संपन्न विश्व शतरंज चैंपियनशिप में उन्होंने व्लादिमीर क्रैमनिक को हराकर अपना खिताब बरकरार रखा है। इस विजय के साथ ही वे चैंपियनशिप के तीन भिन्न प्रारूपों यानि नॉकआउट, टूर्नामेंट तथा मैच में जीतने वाले विश्व शतरंज इतिहास के पहले खिलाड़ी बन गये हैं। वाणिज्य में स्नातक विश्वनाथन आनंद पढ़ने के अलावा तैराकी और संगीत के बहुत शौक़ीन हैं।
खेल उपलब्धियाँ
- 1988 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने। [1]
- 2000 में फीडे विश्व शतरंज चैम्पियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय बने ।
- शतरंज ऑस्कर 6 बार जीता।
- 2007 और 2008 में विश्व शतरंज चैंपियन रहे।
पाँच बार विश्व चैंपियन
विश्वनाथन आनंद अब तक पाँच बार विश्व शतरंज चैंपियन बन चुके हैं। वर्ष 2000 में पहली बार विश्व चैंपियन बने विश्वनाथन आनंद, वर्ष 2007 से अब तक (2012) लगातार चार बार विश्व चैंपियन हैं।
पुरस्कार
विश्वनाथन आनंद को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जो निम्नलिखित है-
वर्ष | पुरस्कार |
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1985 | अर्जुन पुरस्कार |
1987 | पद्मश्री, राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार |
1991-92 | राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार |
2000 | पद्म भूषण |
1997, 1998, 2003, 2004, 2007 और 2008 | शतरंज ऑस्कर |
1998 | स्पोर्ट्स स्टार मिलेनियम अवार्ड |
2007 | पद्म विभूषण |
2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 | विश्व शतरंज चैंपियन |
समाचार
विश्वनाथन आनंद पाँचवीं बार विश्व चैंपियन
- 30 मई, 2012 बुधवार
भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने बुधवार को यहां इजराइल के बोरिस गेलफेंड को हराकर अपना विश्व चैंपियनशिप का खिताब बरकरार रखने में सफलता अर्जित की। इस जीत के साथ ही आनंद पांचवीं बार विश्व चैंपियन बन गए हैं। फ़ाइनल मुकाबला 6-6 से टाई रहने के बाद टाइब्रेकर के जरिए विश्व चैम्पियनशिप का फैसला हुआ। टाईब्रेकर की पहली बाजी 33 चाल के बाद ड्रा पर समाप्त हुई लेकिन 42 वर्षीय आनंद ने दूसरी बाजी में बोरिस गेलफेंड को 77 चाल में हराकर बढ़त बना ली। चार गेम के रेपिड टाईब्रेकर की अंतिम दो बाजी भी ड्रा रही जिससे आनंद ने लगातार तीसरी बार अपने विश्व खिताब की सफलतापूर्वक रक्षा की। आनंद का यह कुल पांचवां और लगातार चौथा विश्व चैम्पियनशिप खिताब है। इस दिग्गज भारतीय ने अपना पहला विश्व खिताब वर्ष 2000 में जीता था जिसके बाद वह 2007, 2008 और 2010 में लगातार तीन बार विश्व चैम्पियन बनने में सफल रहे। वह 2007 से विश्व चैम्पियन हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विश्वनाथन आनंद प्रोफ़ाइल (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल)। । अभिगमन तिथि: 21 अगस्त, 2010।
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