अनूप श्रीधर
अनूप श्रीधर
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पूरा नाम | अनूप श्रीधर |
जन्म | 11 अप्रॅल, 1983 |
जन्म भूमि | बैंगलौर, कर्नाटक |
अभिभावक | पिता- डी.आर. श्रीधर |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | बैडमिंटन |
शिक्षा | बी.कॉम |
विद्यालय | साई भगवान महावीर जैन कॉलेज |
पुरस्कार-उपाधि | अर्जुन पुरस्कार, 2007 |
प्रसिद्धि | भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी |
नागरिकता | भारतीय |
क़द | 6 फुट, 2 इंच |
कोच | प्रकाश पादुकोण, विमल कुमार, टॉम जॉन |
अद्यतन | 14:11, 16 सितम्बर 2021 (IST)
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अनूप श्रीधर (अंग्रेज़ी: Anup Sridhar, जन्म- 11 अप्रॅल, 1983) भारतीय बैडमिंटन हैं। वह देश के प्रतिभाशाली बैडमिंटन खिलाड़ी में से एक माने जाते हैं। अपने पूरे खेल कॅरियर के दौरान अनूप श्रीधर ने कई बड़े और मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ियों के खिलाफ जीत दर्ज की है। उनको इस खेल में सबसे तेज स्मैश मारने के तौर पर भी पहचाना जाता है। वर्ष 2007 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
परिचय
बचपन से ही अनूप श्रीधर ने बैडमिंटन की ट्रेनिंग करना शुरू कर दिया था और इसके लिए वह अपनी स्किल्स को लेकर काफी गंभीर रहे। लेकिन वह शुरू में जूनियर बैडमिंटन टाइटल को जीत पाने में कामयाब नहीं हो सके; किंतु इस असफलता ने उन्हें और कड़ी मेहनत करने पर मजबूर किया जिसके बाद अनूप ने सीनियर नेशनल टाइटल को अपने नाम पर किया। युवा बैडमिंटन खिलाड़ी अनूप श्रीधर नेशनल बैडमिंटन चैंपियन खिलाड़ी बनकर सभी के सामने आये और अपने कॅरियर की शुरुआत से उन्हें सभी एक तेज स्मैश मारने वाले खिलाड़ी के तौर पर जानने लगे, जिसका विपक्षी खिलाड़ी के पास कोई तोड़ नहीं दिखता था।[1]
निजी जीवन
11 अप्रैल 1983 को कर्नाटक के बैंगलौर में जन्म लेने वाले अनूप श्रीधर के पिता का नाम डी. आर. श्रीधर है, जो विजया बैंक में जनरल मैनेजर के अलावा चीफ विजिलेंस ऑफीसर भी रहे हैं। अनूप श्रीधर ने सेंट जोसेफ बयॉज हाई स्कूल से पढ़ाई की, जिसके बाद साई भगवान महावीर जैन कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री हासिल की।
कॅरियर
बैडमिंटन में कॅरियर बनाने के लिए अनूप श्रीधर ने बैंगलौर स्थित टाटा पादुकोण बैडमिंटन में ट्रेनिंग ली, जहां पर अपनी स्किल्स को बेहतर करने के अलावा इस खेल की बारीकियों के बार में अनूप को विमल कुमार, टॉम जॉन और प्रकाश पादुकोण ने उनकी काफी मदद की।
नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप साल 2004 का खिताब जीतने के बाद अनूप ने साल 2005 और 2006 में भी इस खिताब को जीता, जिसके बाद वह लगातार 3 बार इसे जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। इसके अलावा अनूप ने घरेलू स्तर पर भी कई बैडमिंटन टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनूप श्रीधर ने अपना डेब्यू साल 2002 में किया जिसमें उन्होंने इंडिया एशियन सैटेलाइट टूर्नामेंट के लिए सफलतापूर्वक क्वालीफाइ किया था। इसके अलावा अनूप ने अंतरराष्ट्रीय लेवल पर भी कई बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लिया जिसमें साल 2002 में इंटरनेशनल मलेशिया सैटेलाइट टूर्नामेंट, साल 2004 में हुए कैंटबरी इंटरनेशनल टूर्नामेंट शामिल हैं। पहली बड़ी सफलता अनूप श्रीधर को अपने कॅरियर में साल 2005 में 30 हंगेरियन इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट मिली, जिसमें वह विजेता बने थे। वहीं साल 2006 में मेलबर्न में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में अनूप भारतीय बैडमिंटन टीम का हिस्सा भी थे, जिसने कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा अनूप साल 2006 में हुए योनेक्स जर्मन ओपन टूर्नामेंट के सेमीफाइनल तक पहुंचे थे। साल 2008 के बिजिंग ओलंपिक में भी अनूप श्रीधर ने हिस्सा लिया, जिसमें वह पुरुषों के व्यक्तिगत इवेंट में दूसरे राउंड से ही बाहर हो गए थे।[1]
सम्मान व पुरस्कार
- साल 2008 में अर्जुन पुरस्कार
- एकलव्य पुरस्कार साल 2004
- यंग अचीवर्स अवार्ड साल 2008
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी अनूप श्रीधर के बारे में जानिए सभी जानकारी (हिंदी) hindi.sportzcraazy.com। अभिगमन तिथि: 16 सितम्बर, 2021।
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