आएल रितुपति - राज बसंत|
धाओल अलिकुल माधव-पंथ|
दिनकर किरन भेल पौगंड|
केसर कुसुम धएल हे दंड|
नृप-आसन नव पीठल पात|
कांचन कुसुम छत्र धरु माथ|
मौलि रसायल मुकुल भय ताल|
समुखहि कोकिल पंचम गाय|
सिखिकुल नाचत अलिकुल यंत्र|
द्विजकुल आन पढ़ आसिष मंत्र|
चन्द्रातप उड़े कुसुम पराग|
मलय पवन सहं भेल अनुराग|
कुंदबल्ली तरु धएल निसान|
पाटल तून असोक - दलवान|
किंसुक लवंग लता एक संग|
हेरि सिसिर रितु आगे दल भंग|
सेन साजल मधुमखिका कूल|
सिरिसक सबहूँ कएल निर्मूल|
उधारल सरसिज पाओल प्रान|
निज नव दल करू आसन दान|
नव वृन्दावन राज विहार|
विद्यापति कह समयक सार|