जाइत देखलि पथ नागरि सजनि गे -विद्यापति

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आरिफ़ बेग (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:56, 1 फ़रवरी 2013 का अवतरण ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Vidyapati.jpg |च...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
जाइत देखलि पथ नागरि सजनि गे -विद्यापति
विद्यापति का काल्पनिक चित्र
विद्यापति का काल्पनिक चित्र
कवि विद्यापति
जन्म सन् 1350 से 1374 के मध्य
जन्म स्थान बिसपी गाँव, मधुबनी ज़िला, बिहार
मृत्यु सन् 1440 से 1448 के मध्य
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ कीर्तिलता, मणिमंजरा नाटिका, गंगावाक्यावली, भूपरिक्रमा आदि
भाषा संस्कृत, अवहट्ट और मैथिली
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
विद्यापति की रचनाएँ

जाइत देखलि पथ नागरि सजनि गे, आगरि सुबुधि सेगानि।
कनकलता सनि सुनदरि सजनि में, विहि निरमाओलि आनि।।
हस्ति-गमन जकां चलइत सजनिगे, देखइत राजकुमारि।
जनिकर एहनि सोहागिनि सजनि में, पाओल पदरथ वारि।।
नील वसन तन घरेल सजनिगे, सिरलेल चिकुर सम्हारि।
तापर भमरा पिबय रस सजनिगे, बइसल आंखि पसारि।।
केहरि सम कटि गुन अछि सजनि में, लोचन अम्बुज धारि।।
विद्यापति कवि गाओलसजनि में, गुन पाओल अवधारि।।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख