इससे तो अच्छा है -आदित्य चौधरी

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इससे तो अच्छा है-आदित्य चौधरी

करना सियासत[1], तिजारत[2] की ख़ातिर  ।
इससे तो अच्छा है नाक़ारा[3] रहते ।।

चूल्हे बुझाकर, अलावों का मजमा ।
इससे तो अच्छा है कुहरे में रहते ।।

गर है लियाक़त[4] का आग़ाज़[5] सजदा ।
इससे तो अच्छा है आवारा रहते ।।

महलों की खिड़की से रिश्तों को तकना ।
इससे तो अच्छा है गलियों में रहते ।।

ग़ैरों की महफ़िल में बेवजहा हँसना ।
इससे तो अच्छा है तन्हा ही रहते ।।

बेमानी वादों से जनता को ठगना ।
इससे तो अच्छा है तुम चुप ही रहते ।।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सियासत=राजनीति
  2. तिजारत=व्यापार
  3. नाक़ारा=बेरोज़गार
  4. लियाक़त=तमीज़
  5. आग़ाज़=शुरुआत