रवि कुमार दहिया

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रवि कुमार दहिया
रवि कुमार दहिया
रवि कुमार दहिया
पूरा नाम रवि कुमार दहिया
जन्म 12 दिसम्बर, 1997
जन्म भूमि नाहरी, सोनीपत, हरियाणा
अभिभावक पिता- राकेश दहिया
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र कुश्ती (फ्रीस्टाइल)
प्रसिद्धि फ्रीस्टाइल पहलवान
नागरिकता भारतीय
कोच सतपाल सिंह और वीरेंद्र कुमार
लम्बाई 5 फुट 7 इंच (170 सेंटीमीटर)
अन्य जानकारी साल 2018 में रवि कुमार ने जबरदस्त वापसी करते हुए बुखारेस्ट में हुई वर्ल्ड अंडर 23 रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। 57 किग्रा वर्ग में उस चैंपियनशिप में भारत के लिए यह एकमात्र पदक था।
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रवि कुमार दहिया (अंग्रेज़ी: Ravi Kumar Dahiya, जन्म- 12 दिसम्बर, 1997, सोनीपत, हरियाणा) भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। वह ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलम्पिक) में पुरुषों की 57 कि.ग्रा. भार वर्ग की कुश्ती के रजत पदक विजेता हैं। भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने शानदार प्रदर्शन किया, किन्तु फाइनल मुकाबले में उन्हें रूस के पहलवान जावुर युगुऐव से पराजय का सामना करना पड़ा और वह स्वर्ण पदक से चूक गये। इससे पहले रवि कुमार दहिया ने 4 अगस्त, 2021 को सनसनीखेज प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नुरिसलाम सनायेव को हराकर 57 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक के फाइनल में प्रवेश किया था। 2012 के लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार के बाद रवि कुमार दहिया ओलंपिक फाइनल में प्रवेश करने वाले दूसरे भारतीय पहलवान हैं।

परिचय

रवि कुमार दहिया का जन्म 12 दिसंबर 1997 को हरियाणा के सोनीपत में स्थित एक छोटे से गांव में हुआ था। वह निम्न वर्गीय परिवार से आते हैं। रवि कुमार भी उसी जगह से संबंध रखते है जहाँ से फोगाट बहनें, बजरंग पुनिया, योगेश्वर दत्त जैसे दिग्गज रेसलर रखते है। रवि कुमार दहिया बचपन से इन्हें ही देखते हुए बड़े हुए और इन्हीं को देखकर उन्होंने पहलवानी करने का निर्णय लिया। इनके पिता राकेश दहिया एक किसान हैं जो दूसरों की जमीन किराये पर लेकर खेती करते हैं, उनके पास खुद की कोई जमीन नहीं है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद परिवार ने रवि कुमार के पहलवान बनने के सपने में कोई अड़चन नहीं आने दी। उन्हें उनके सपने के प्रति पूरा प्रोत्साहन दिया।[1]

रवि कुमार ने बहुत छोटी उम्र (10 साल) से कुश्ती सीखना शुरू कर दिया था। अपने गाँव के आस-पास कोई कुश्ती प्रशिक्षण केंद्र नहीं मिला तो उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में जाकर सतपाल सिंह से कुश्ती सीखी। रवि के पिता अपने बेटे की डेली डाइट को पूरा करने के लिए फल और दूध, दही, घी देने के लिए उनके ग्राम नहरी से उत्तरी दिल्ली तक रोजाना जाते थे।

कॅरियर

रवि कुमार दहिया के कॅरियर की शुरुआत साल्वाडोर डी बाहिया में 2015 जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप से शुरू हुई। इस चैंपियनशिप में उन्होंने 55 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती वर्ग में कांस्य पदक जीता। 2017 में रवि कुमार ने सीनियर नेशनल गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल में पहुंचे, लेकिन चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा। साल 2018 में रवि कुमार ने जबरदस्त वापसी करते हुए बुखारेस्ट में हुई वर्ल्ड अंडर 23 रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। 57 किग्रा वर्ग में उस चैंपियनशिप में भारत के लिए यह एकमात्र पदक था। 2019 में खिताब जीतने वाली टीम, हरियाणा हैमर का प्रतिनिधित्व करते हुए वह प्रो रेसलिंग लीग में नाबाद रहे। उसी वर्ष वह शीआन में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक मैच हार गए।

रवि कुमार दहिया ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू किया। 16वे राउंड में यूरोपीय चैंपियन आर्सेन हारुत्युनियन और क्वार्टर फाइनल में 2017 के विश्व चैंपियन युकी ताकाहाशी को हराने के बाद, उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए 6 खिलाड़ियों के कोटे में अपना स्थान शामिल किया। लेकिन सेमीफाइनल में, वे गत चैंपियन और अंतिम स्वर्ण पदक विजेता ज़ौर उगुएव से मैच हार गये और कांस्य पदक के साथ संतोष किया। इस पदक ने उन्हें युवा और खेल मंत्रालय के टारगेट ओलंपिक पोडियम में शामिल किया।[1]

टोक्यो ओलंपिक 2020

2020 में रवि कुमार दहिया ने नई दिल्ली में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। रवि कुमार दहिया और दीपक पूनिया टोक्यो ओलंपिक 2020 में 57 किग्रा और 83 किग्रा पुरुष पहलवान वर्ग दोनों में सेमीफाइनल में पहुंच गए थे। दहिया ने क्वार्टर फाइनल में बल्गेरियाई पहलवान को हराया। दीपक पुनिया अपने सेमीफाइनल में हार गये और रवि का सामना सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के सनायेव नुरिसलाम से हुआ, जिसमें उन्होंने जीतकर फाइनल मुकाबले में प्रवेश कर लिया। 4 अगस्त, 2021 को टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के चौथे पदक की पुष्टि हो गई। पहलवान रवि कुमार दहिया ने सेमीफाइनल मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई। इसी के साथ उन्होंने देश के लिए मेडल पक्का कर दिया था।[1]

भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 में कुश्ती के पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान के नुरिसलाम को हराकर फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही भारत के लिए एक और पदक पक्का कर लिया है। रवि कुमार दहिया ने सेमीफाइनल मुकाबले में नुरिसलाम को विक्ट्री बाई फॉल के माध्यम से 7-9 से हराया। रवि 2-9 से पिछड़ रहे थे लेकिन यहां से भारतीय पहलवान ने जबरदस्त वापसी की और मुकाबला अपने नाम किया। आखिरी मिनट में उन्होंने कजाख पहलवान के पैरों पर हमला किया और इसके बाद उन्होंने अपनी मजबूत भुजाओं में विपक्षी को जकड़ लिया। इसी समय विपक्षी पहलवान ने पकड़ से छूटने के लिए रवि को काटना शुरू कर दिया, लेकिन उन्होंने भी जीत की ठान रखी थी। रवि कुमार दहिया ने अपनी मजबूत पकड़ ढीली नहीं की और चित करते हुए मुकाबला अपने नाम कर लिया।[2]

तस्वीरों में उनकी दाहिनी बांह में काटने के गहरे निशान का खुलासा हुआ है। इस कुश्ती की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। लोग कजाकिस्तान के पहलवान नुरिसलाम की आलोचना कर रहे हैं। रवि कुमार दहिया ने ओपनिंग बाउट में कोलंबिया के ऑस्कर टाइगरेरोस को 13-2 से हराया था। उन्होंने यह बाउट टेक्निकल सुपेरिओरिटी के जरिए जीती। इसके बाद उन्होंने 1/4 फाइनल मुकाबले में बुल्गारिया के गिओरजी वांगेलोव को 14-4 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।

5 अगस्त, 2021 को टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने शानदार प्रदर्शन किया, किन्तु फाइनल मुकाबले में उन्हें रूस के पहलवान जावुर युगुऐव से पराजय का सामना करना पड़ा और वह स्वर्ण पदक से चूक गये और रजत पदक से ही उन्हें संतोष करना पड़ा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 रवि कुमार दहिया का जीवन परिचय (हिंदी) dilsedeshi.com। अभिगमन तिथि: 01 अगस्त, 2021।
  2. रवि दहिया की मजबूत पकड़ से छूटने के लिए दांत से काटने लगा पहलवान (हिंदी) navbharattimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 01 अगस्त, 2021।

बाहरी कड़ियाँ

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