"तरुण गोगोई" के अवतरणों में अंतर

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'''तरुण गोगोई''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Tarun Gogoi'' ; जन्म- [[11 अक्टूबर]], [[1936]], [[असम]]; मृत्यु- [[23 नवंबर]], [[2020]], [[गुवाहाटी]]) [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के कद्दावर राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने [[2001]] से [[2016]] तक [[असम के मुख्यमंत्री]] के रूप में कार्य किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य रहे तरुण गोगोई ने [[असम]] में लगातार तीन चुनावी जीत दर्ज कराई थीं। तरुण गोगोई [[17 मई]], [[2001]] को असम के [[मुख्यमंत्री]] बने थे। उन्होंने [[24 मई]], [[2016]] को मुख्यमंत्री के रूप में लगातार 15 [[वर्ष]] पूरे किए थे।
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==परिचय==
 
==परिचय==
 
तरुण गोगोई का जन्म 11 अक्टूबर, 1936 को असम में हुआ था। छ: बार लोकसभा के सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे तरुण गोगोई वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद [[कांग्रेस]] में धीरे-धीरे कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए। [[इंदिरा गांधी]] के ज़माने में वे पहली बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में संयुक्त सचिव बने और उसके बाद [[राजीव गांधी]] के समय में महासचिव नियुक्त हुए। तरुण गोगोई के [[परिवार]] में पत्नी, एक बेटा और बेटी हैं।
 
तरुण गोगोई का जन्म 11 अक्टूबर, 1936 को असम में हुआ था। छ: बार लोकसभा के सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे तरुण गोगोई वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद [[कांग्रेस]] में धीरे-धीरे कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए। [[इंदिरा गांधी]] के ज़माने में वे पहली बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में संयुक्त सचिव बने और उसके बाद [[राजीव गांधी]] के समय में महासचिव नियुक्त हुए। तरुण गोगोई के [[परिवार]] में पत्नी, एक बेटा और बेटी हैं।
 
==लोकतांत्रिक शख़्स==
 
==लोकतांत्रिक शख़्स==
 
तरुण गोगोई हर तरह से लोकतांत्रिक शख़्स थे। वे वरिष्ठ होने के बाद भी आलोचनाओं को सही नज़रिए से लेते थे। इसमें असम में बड़े पैमाने के निवेश हासिल नहीं कर पाने के चलते उनकी सरकार की होने वाली आलोचना भी शामिल है। [[असम]] के पूर्व सूचना निदेशक जेपी सैकिया के अनुसार- "आप उनकी सरकार के ख़िलाफ़ भी ख़बर लिख सकते थे, भले ही स्टोरी में काफ़ी आलोचना क्यों ना हो; लेकिन अगली प्रेस कांफ्रेंस में भी वे आपकी तरफ़ मुस्कुराते हुए दिखाई देंगे और आजकल के राजनेताओं की तरह आक्रामकता से पेश नहीं आते थे।"<ref>{{cite web |url=https://www.bbc.com/hindi/india-55048489 |title=असम के शालीन और क़द्दावर नेता नहीं रहे|accessmonthday=23 नवंबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bbc.com |language=हिंदी}}</ref>
 
तरुण गोगोई हर तरह से लोकतांत्रिक शख़्स थे। वे वरिष्ठ होने के बाद भी आलोचनाओं को सही नज़रिए से लेते थे। इसमें असम में बड़े पैमाने के निवेश हासिल नहीं कर पाने के चलते उनकी सरकार की होने वाली आलोचना भी शामिल है। [[असम]] के पूर्व सूचना निदेशक जेपी सैकिया के अनुसार- "आप उनकी सरकार के ख़िलाफ़ भी ख़बर लिख सकते थे, भले ही स्टोरी में काफ़ी आलोचना क्यों ना हो; लेकिन अगली प्रेस कांफ्रेंस में भी वे आपकी तरफ़ मुस्कुराते हुए दिखाई देंगे और आजकल के राजनेताओं की तरह आक्रामकता से पेश नहीं आते थे।"<ref>{{cite web |url=https://www.bbc.com/hindi/india-55048489 |title=असम के शालीन और क़द्दावर नेता नहीं रहे|accessmonthday=23 नवंबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bbc.com |language=हिंदी}}</ref>
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तरुण गोगोई का ध्यान असम के चरमपंथ की समस्याओं को हल करने पर था, जिनमें उल्फा सशस्त्र आंदोलन, बोडो अलगाववादी आंदोलन और दिमासा और कार्बी समुदाय का सशस्त्र विद्रोह शामिल था। जब उल्फा चरमपंथियों में [[2010]] में बिखराव हुआ, तब वे आंशिक तौर पर कामयाब रहे थे; क्योंकि इससे कई चरमपंथी नेता केंद्र के साथ बातचीत करने के लिए वापस लौट आए थे। उस समय उल्फ़ा के ज़्यादातर बड़े नेता [[बांग्लादेश]] में रहते थे।
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==लोकप्रियता==
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कई लोगों का मानना है कि तरुण गोगोई [[असम]] के मूल निवासियों में कांग्रेस के समर्थन को बरक़रार रखना चाहते थे, जिसे [[1979]] से [[1985]] तक छह साल लंबे संघर्ष के दौरान [[कांग्रेस]] ने खो दिया था। [[2016]] तक राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी रही, यह इस बात का सबूत है कि असम के लोगों के बीच कांग्रेस और गोगोई दोनों लोकप्रिय थे, लेकिन फिर [[2016]] के चुनाव में [[भाजपा]] ने राज्य में शानदार जीत हासिल की।
 
==मृत्यु==
 
==मृत्यु==
बहुत ही कम बोलने वाले 'सलीक़ेदार लेकिन चतुर' असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का 86 साल की उम्र में [[23 नवंबर]], [[2020]] को निधन हुआ।  
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बहुत ही कम बोलने वाले 'सलीक़ेदार लेकिन चतुर' असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का 86 साल की उम्र में [[23 नवंबर]], [[2020]] को निधन हुआ। उनको [[2 नवंबर]] को जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। तरुण गोगोई [[25 अगस्त]], 2020 को [[कोरोना विषाणु]] से संक्रमित पाये गये थे और इसके अगले दिन उन्हें जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी।
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[[राष्ट्रपति]] [[रामनाथ कोविंद]] ने तरुण गोगोई को श्रद्धांजलि देते हुए कहा- "गोगोई के निधन की खबर सुनकर बहुत दु:ख हुआ"। राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा कि- "[[असम]] के पूर्व मुख्यमंत्री श्री तरुण गोगोई के निधन की खबर सुनकर बहुत दु:ख हुआ। देश ने समर्द्ध राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव वाले एक अनुभवी नेता को खो दिया है। कार्यालय में उनका लंबा कार्यकाल असम में युगांतरकारी परिवर्तन का काल था"।
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[[प्रधानमंत्री]] [[नरेंद्र मोदी]] ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि- "श्री तरुण गोगोई जी लोकप्रिय नेता और वरिष्ठ प्रशासक थे, जिनका असम के साथ-साथ केंद्र में भी सालों का राजनीतिक अनुभव था। उनके निधन से दु:खी हूं। इस दु:ख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके [[परिवार]] और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति"।
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वहीं पूर्व [[कांग्रेस]] अध्यक्ष [[राहुल गांधी]] ने ट्वीट किया- "तरुण गोगोई सच्चे कांग्रेसी नेता थे। उन्होंने असम में सभी लोगों और समुदायों को एक साथ लाने के लिए अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया। मेरे लिए वह एक महान और कुशल शिक्षक थे। मैं उन्हें तहे दिल से प्यार और उनका सम्मान करता था। मैं उन्हें याद करूंगा। गौरव और परिवार को मेरा प्यार और संवेदनाएं।"
  
 
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05:12, 24 नवम्बर 2020 का अवतरण

तरुण गोगोई
तरुण गोगोई
पूरा नाम तरुण गोगोई
जन्म 11 अक्टूबर, 1936
जन्म भूमि असम
मृत्यु 23 नवंबर, 2020
मृत्यु स्थान गुवाहाटी
पति/पत्नी डॉली गोगोई
संतान पुत्र- गौरव गोगोई, पुत्री- चंद्रिमा गोगोई
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कार्य काल पूर्व मुख्यमंत्री, असम (तीन बार)

17 मई, 2001 से 24 मई, 2016 तक

विद्यालय गौहाटी विश्वविड्यालय
अन्य जानकारी तरुण गोगोई हर तरह से लोकतांत्रिक शख़्स थे। वे वरिष्ठ होने के बाद भी आलोचनाओं को सही नज़रिए से लेते थे।

तरुण गोगोई (अंग्रेज़ी: Tarun Gogoi ; जन्म- 11 अक्टूबर, 1936, असम; मृत्यु- 23 नवंबर, 2020, गुवाहाटी) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कद्दावर राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने 2001 से 2016 तक असम के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य रहे तरुण गोगोई ने असम में लगातार तीन चुनावी जीत दर्ज कराई थीं। तरुण गोगोई 17 मई, 2001 को असम के मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 24 मई, 2016 को मुख्यमंत्री के रूप में लगातार 15 वर्ष पूरे किए थे।

परिचय

तरुण गोगोई का जन्म 11 अक्टूबर, 1936 को असम में हुआ था। छ: बार लोकसभा के सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे तरुण गोगोई वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद कांग्रेस में धीरे-धीरे कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए। इंदिरा गांधी के ज़माने में वे पहली बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में संयुक्त सचिव बने और उसके बाद राजीव गांधी के समय में महासचिव नियुक्त हुए। तरुण गोगोई के परिवार में पत्नी, एक बेटा और बेटी हैं।

लोकतांत्रिक शख़्स

तरुण गोगोई हर तरह से लोकतांत्रिक शख़्स थे। वे वरिष्ठ होने के बाद भी आलोचनाओं को सही नज़रिए से लेते थे। इसमें असम में बड़े पैमाने के निवेश हासिल नहीं कर पाने के चलते उनकी सरकार की होने वाली आलोचना भी शामिल है। असम के पूर्व सूचना निदेशक जेपी सैकिया के अनुसार- "आप उनकी सरकार के ख़िलाफ़ भी ख़बर लिख सकते थे, भले ही स्टोरी में काफ़ी आलोचना क्यों ना हो; लेकिन अगली प्रेस कांफ्रेंस में भी वे आपकी तरफ़ मुस्कुराते हुए दिखाई देंगे और आजकल के राजनेताओं की तरह आक्रामकता से पेश नहीं आते थे।"[1]

तरुण गोगोई का ध्यान असम के चरमपंथ की समस्याओं को हल करने पर था, जिनमें उल्फा सशस्त्र आंदोलन, बोडो अलगाववादी आंदोलन और दिमासा और कार्बी समुदाय का सशस्त्र विद्रोह शामिल था। जब उल्फा चरमपंथियों में 2010 में बिखराव हुआ, तब वे आंशिक तौर पर कामयाब रहे थे; क्योंकि इससे कई चरमपंथी नेता केंद्र के साथ बातचीत करने के लिए वापस लौट आए थे। उस समय उल्फ़ा के ज़्यादातर बड़े नेता बांग्लादेश में रहते थे।

लोकप्रियता

कई लोगों का मानना है कि तरुण गोगोई असम के मूल निवासियों में कांग्रेस के समर्थन को बरक़रार रखना चाहते थे, जिसे 1979 से 1985 तक छह साल लंबे संघर्ष के दौरान कांग्रेस ने खो दिया था। 2016 तक राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी रही, यह इस बात का सबूत है कि असम के लोगों के बीच कांग्रेस और गोगोई दोनों लोकप्रिय थे, लेकिन फिर 2016 के चुनाव में भाजपा ने राज्य में शानदार जीत हासिल की।

मृत्यु

बहुत ही कम बोलने वाले 'सलीक़ेदार लेकिन चतुर' असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का 86 साल की उम्र में 23 नवंबर, 2020 को निधन हुआ। उनको 2 नवंबर को जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। तरुण गोगोई 25 अगस्त, 2020 को कोरोना विषाणु से संक्रमित पाये गये थे और इसके अगले दिन उन्हें जीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तरुण गोगोई को श्रद्धांजलि देते हुए कहा- "गोगोई के निधन की खबर सुनकर बहुत दु:ख हुआ"। राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा कि- "असम के पूर्व मुख्यमंत्री श्री तरुण गोगोई के निधन की खबर सुनकर बहुत दु:ख हुआ। देश ने समर्द्ध राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव वाले एक अनुभवी नेता को खो दिया है। कार्यालय में उनका लंबा कार्यकाल असम में युगांतरकारी परिवर्तन का काल था"।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि- "श्री तरुण गोगोई जी लोकप्रिय नेता और वरिष्ठ प्रशासक थे, जिनका असम के साथ-साथ केंद्र में भी सालों का राजनीतिक अनुभव था। उनके निधन से दु:खी हूं। इस दु:ख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति"।

वहीं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया- "तरुण गोगोई सच्चे कांग्रेसी नेता थे। उन्होंने असम में सभी लोगों और समुदायों को एक साथ लाने के लिए अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया। मेरे लिए वह एक महान और कुशल शिक्षक थे। मैं उन्हें तहे दिल से प्यार और उनका सम्मान करता था। मैं उन्हें याद करूंगा। गौरव और परिवार को मेरा प्यार और संवेदनाएं।"


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. असम के शालीन और क़द्दावर नेता नहीं रहे (हिंदी) bbc.com। अभिगमन तिथि: 23 नवंबर, 2020।

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