मुख़्तार अब्बास नक़वी
मुख़्तार अब्बास नक़वी
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पूरा नाम | मुख़्तार अब्बास नक़वी |
जन्म | 15 अक्टूबर, 1957 |
जन्म भूमि | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
पति/पत्नी | सीमा नक़वी |
संतान | एक |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
कार्य काल | अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री-3 सितंबर, 2017 से अल्पसंख्यक राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार-12 जुलाई, 2016-3 सितंबर, 2017 |
शिक्षा | पोस्ट ग्रेजुएशन (मास कम्युनिकेशन) |
विद्यालय | एशियन एकेडमी ऑफ़ हायर एजुकेशन |
चुनाव क्षेत्र | झारखण्ड |
अन्य जानकारी | नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख़्तार अब्बास नक़वी ने देश के हज कोटे को बढ़वाने में अहम योगदान दिया है। |
अद्यतन | 17:32, 1 अप्रॅल 2020 (IST)
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मुख़्तार अब्बास नक़वी (अंग्रेज़ी: Mukhtar Abbas Naqvi, जन्म- 15 अक्टूबर, 1957, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ और राजनेता हैं। वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं। भारत की 17वीं लोकभा में वह भारत सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री हैं। राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में से एक मुख़्तार अब्बास नक़वी ने नरेन्द्र मोदी की दूसरी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ले ली है। विनम्र और मिलनसार स्वभाव के मुख़्तार अब्बास नक़वी ने पार्टी के साथ-साथ पूरे देश में एक बड़े मुस्लिम नेता के रूप में अपनी पहचान कायम की है। छात्र जीवन से ही राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले नक़वी 'भाजपा युवा मोर्चा' के उपाध्यक्ष रहे हैं। एक-एक कदम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपनी पहचान स्थापित की है।
परिचय
मुख़्तार अब्बास नक़वी का जन्म 15 अक्टूबर, 1957 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। हंडिया तहसील के प्रतापपुर ब्लॉक में एक छोटा-सा गांव है भदारी, इसी गांव से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद मुख़्तार अब्बास नक़वी ने जब कॉलेज का रुख किया तो राजनीति ने उन्हें आकर्षित करना शुरू कर दिया। गांव से हर दिन आना जाना जब कठिन होने लगा तो उन्होंने इलाहाबाद में ही रहकर पढ़ने का मन बनाया। इसी दौरान उनकी मुलाकात समाजवादी नेता राजनारायण से हुई। इस मुलाकात ने उनको राजनीति में आगे आने के लिए और प्रभावित किया। मुख़्तार अब्बास नक़वी को उनका साथ भाने लगा और वह कई आंदोलन का हिस्सा रहे। आपातकाल के दौरान वह आंदोलन का हिस्सा रहे।[1] 1975 में आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण के "संपूर्ण क्रांति" आंदोलन में सक्रिय रहे और मात्र 17 वर्ष की उम्र में "मीसा-डी.आई.आर" में जेल में नजरबन्द किये गए। जनता पार्टी की तरफ से राजनारायण ने जब इंदिरा गांधी को हराया तो मुख़्तार अब्बास नक़वी समेत कई लोगों में उत्साह भर गया।
बढ़ता क़द और विवाह
मुख़्तार अब्बास नक़वी राजनीति में अब अपनी पहचान बनाने लगे थे। जन संचार में स्नातकोत्तर की डिग्री उन्हें राजनीति में काम आ रही थी। साल 1978-1979 तक वह युवा जनता के उपाध्यक्ष बने। इसके इतर एक हिन्दू लड़की सीमा के साथ उनका प्रेम चर्चा में था। सीमा और नक़वी दोनों के घर में इस रिश्ते को लेकर ऐतराज था। इन सबके बावजूद भी नक़वी ने हार नहीं मानी और सारे विरोध को दरकिनार करते हुए सीमा से निकाह और विवाह कर लिया। उन्होंने कोर्ट मैरिज भी की। मुख़्तार अब्बास नक़वी के घर में इस्लामिक और हिंदू दोनों त्योहार एक समान तरीके से मनाये जाते हैं।
भाजपा का अल्पसंख्यक चेहरा
भारतीय जनता पार्टी का अल्पसंख्यक चेहरा' कहलाने वाले मुख़्तार अब्बास नक़वी ने दूसरी बार नरेन्द्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ ली है। इस बार उनको कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है। राजनैतिक-सामाजिक क्षेत्र में महात्मा गांधी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और नरेन्द्र मोदी से प्रभावित रहे मुख़्तार अब्बास नक़वी इस सिद्धांत पर यकीन करते हैं कि- सीखना कभी बंद नहीं होना चाहिए, क्योंकि जीवन का हर अध्याय एक सबक है।
नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख़्तार अब्बास नक़वी ने देश के हज कोटे को बढ़वाने में अहम योगदान दिया है। मंत्रालय के प्रयासों के फलस्वरूप सऊदी अरब ने 2019 के लिए भारत के वार्षिक हज कोटे में 25 हजार की वृद्धि की। इंडोनेशिया के बाद भारत का हज कोटा सबसे ज्यादा रखा गया है। वर्ष 2019 में पाकिस्तान से भी ज्यादा भारत के करीब दो लाख यात्री हज कर सकेंगे। हज यात्रा पर जाने वालों में बिना "मेहरम" (पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जाने वाली 2,340 मुस्लिम महिलाएं भी अब शामिल हो सकेंगी।[2]
लेखक
राजनीति के अलावा मुख़्तार अब्बास नक़वी एक लेखक भी हैं और उनकी तीन पुस्तकें- 'स्याह' (1991), 'दंगा' (1998) और 'वैशाली' (2007) प्रकाशित हो चुकी हैं।
राजनीतिक सफर
लोकतान्त्रिक मूल्यों एवं सामाजिक सरोकार को लेकर कई आंदोलनों-अभियानों में सक्रिय रहे मुख़्तार अब्बास नक़वी ने मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। भाजपा उम्मीदवार के रूप में अब तक दो विधानसभा (1991, 1993) एवं तीन लोकसभा (1998, 1999, 2009) चुनाव लड़ चुके मुख़्तार अब्बास नक़वी 1998 में उत्तर प्रदेश की रामपुर संसदीय सीट से भाजपा के पहले मुस्लिम लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। मुख़्तार अब्बास नक़वी ने पहले बीजेपी के टिकट पर मऊ जिले की सदर विधानसभा सीट से दो बार विधानसभा पहुंचने की कोशिश की थी, पर असफल रहे। 1991 में वह मात्र 133 मतों से सीपीआई के इम्तियाज अहमद से चुनाव हार गए थे। उसके बाद 1993 के विधानसभा चुनावों में बसपा के नसीम ने लगभग 10000 मतों से उन्हें चुनाव में हरा दिया।
वह 2002, 2010, 2016 में राज्यसभा सदस्य चुने गए। 1998 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना प्रसारण एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री रहे मुख़्तार अब्बास नक़वी के कार्यकाल में "डायरेक्ट टू होम" प्रसारण व्यवस्था एवं भारतीय फिल्म क्षेत्र को उद्योग का अधिकृत दर्जा देने जैसे अहम फैसले किये गये। नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मिला।
अपने सरल, मिलनसार स्वभाव के लिए लोकप्रिय मुख़्तार अब्बास नक़वी ने राज्यसभा में सरकार के अल्पमत में होने के बावजूद विपक्ष के साथ संपर्क-संवाद-समन्वय बना कर महत्वपूर्ण विधायी कार्य सफलतापूर्वक संपन्न कराए। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान केंद्रीय चुनाव प्रबंधन-समन्वय के प्रमुख, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य एवं पार्टी की चुनाव सुधार समिति के अध्यक्ष के रूप में कई अहम एवं चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके मुख़्तार अब्बास नक़वी कई राज्यों के संगठन प्रभारी भी रह चुके हैं।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मुख्तार अब्बास नकवी का सफर (हिंदी) prabhatkhabar.com। अभिगमन तिथि: 1 अप्रॅल, 2020।
- ↑ 2.0 2.1 मुख्तार अब्बास नकवी जीवन परिचय (हिंदी) haribhoomi.com। अभिगमन तिथि: 1 अप्रॅल, 2020।
बाहरी कड़ियँ
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नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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