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'''परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य''' [[केरल]] के [[पालक्काड]] से 110 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह अभयारण्य [[तमिलनाडु]] के [[अन्नामलाई की पहाड़ियाँ|अन्नामलाई पर्वत श्रृंखलाओं]] और केरल के पालक्काड ज़िले में नेल्लियमपति पर्वत श्रृंखलाओं की घाटियों में विस्तृत है। यह हरियाली की एक अनोखी दुनिया है। परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य [[पश्चिमी घाट पर्वत|पश्चिमी घाट]] के 285 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला हुआ है।
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यहाँ आने वाले पर्यटकों को यह अभयारण्य केरल के दुर्लभ पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं से जुड़े अनोखे अनुभव प्रदान करता है। मलयर, कादर और मुथुवन जैसी कुछ पहाड़ी जनजातियाँ भी परम्बिकुलम के जंगलों में निवास करती हैं। यहाँ पाए जाने वाले प्राणियों में शामिल हैं- नीलगिरि लंगूर, शेर-पुंछ मकाक, [[बाघ]], [[नीलगिरि ताहर]], एशियायी [[हाथी]], चित्तीदार मृग, भारतीय जंगली कुत्ते और [[साँप|साँपों]] एवं मकड़ियों की अनेक प्रजातियों सहित चिड़ियों के अनेक प्रकार भी यहाँ दिखाई देते हैं।
 
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इस अभयारण्य में अनेक प्रजातियों के वृक्ष भी पाये जाते हैं, जैसे- टीक, [[नीम]], [[चंदन]] और रोजवुड। पर्यटक यहाँ प्राचीनतम टीक 'कन्निमरी' के ऊँचे वृक्ष भी देख सकते हैं। परम्बिकुलम जलाशय में बोट क्रूज की व्यवस्था की जा सकती है। वन अधिकारियों की अनुमति से अभयारण्य के अन्दर ट्रेकिंग की जा सकती है। परम्बिकुलम के मुख्यालय तूनक्कदवु के आरक्षित वन क्षेत्र में एक ट्री-हाउस है, जिसकी पहले से ही बुकिंग कराई जा सकती है।
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इस अभयारण्य में अनेक प्रजातियों के वृक्ष भी पाये जाते हैं, जैसे- सागवान (टीक), [[नीम]], [[चंदन]] और रोजवुड। पर्यटक यहाँ प्राचीनतम टीक 'कन्निमरी' के ऊँचे वृक्ष भी देख सकते हैं। परम्बिकुलम जलाशय में बोट क्रूज (नौकायन) की व्यवस्था की जा सकती है। वन अधिकारियों की अनुमति से अभयारण्य के अन्दर पैदल विचरण (ट्रेकिंग) की जा सकता है। परम्बिकुलम के मुख्यालय तूनक्कदवु के आरक्षित वन क्षेत्र में एक ट्री-हाउस है, जिसकी पहले से ही बुकिंग कराई जा सकती है।
 
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11:09, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य केरल के पालक्काड से 110 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह अभयारण्य तमिलनाडु के अन्नामलाई पर्वत श्रृंखलाओं और केरल के पालक्काड ज़िले में नेल्लियमपती पर्वत श्रृंखला की घाटियों में विस्तृत है। यह हरियाली की एक अनोखी दुनिया है। परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य पश्चिमी घाट के 285 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला हुआ है।

विभिन्न जीव जंतु

यहाँ आने वाले पर्यटकों को यह अभयारण्य केरल के दुर्लभ पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं से जुड़े अनोखे अनुभव प्रदान करता है। मलयर, कादर और मुथुवन जैसी कुछ पहाड़ी जनजातियाँ भी परम्बिकुलम के जंगलों में निवास करती हैं। यहाँ पाए जाने वाले प्राणियों में शामिल हैं- नीलगिरि लंगूर, शेर-पुंछ मकाक, बाघ, नीलगिरि ताहर, एशियायी हाथी, चित्तीदार मृग, भारतीय जंगली कुत्ते और साँपों एवं मकड़ियों की अनेक प्रजातियों सहित चिड़ियों के अनेक प्रकार भी यहाँ दिखाई देते हैं।

अन्य आकर्षक स्थल

इस अभयारण्य में अनेक प्रजातियों के वृक्ष भी पाये जाते हैं, जैसे- सागवान (टीक), नीम, चंदन और रोजवुड। पर्यटक यहाँ प्राचीनतम टीक 'कन्निमरी' के ऊँचे वृक्ष भी देख सकते हैं। परम्बिकुलम जलाशय में बोट क्रूज (नौकायन) की व्यवस्था की जा सकती है। वन अधिकारियों की अनुमति से अभयारण्य के अन्दर पैदल विचरण (ट्रेकिंग) की जा सकता है। परम्बिकुलम के मुख्यालय तूनक्कदवु के आरक्षित वन क्षेत्र में एक ट्री-हाउस है, जिसकी पहले से ही बुकिंग कराई जा सकती है।

ठहरने की सुविधा

तूनक्कदवु, थेल्लिक्कल और इलाथोड के राज्य वन विभाग के रेस्ट हाउस में ठहरने की व्यवस्था भी सुविधाजनक है।

यहाँ पहुँचने के लिए सड़क मार्ग द्वारा तमिलनाडु के पोल्लची से परम्बिकुलम पहुँचा जा सकता है। सड़क मार्ग से पालक्काड-पोल्लची 45 कि.मी. और पोल्लची-परम्बिकुलम लगभग 65 कि.मी. है। यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन पोल्लची है, जो लगभग 65 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा तमिलनाडु राज्य का कोयम्बटूर है, जो पालक्काड से लगभग 55 कि.मी. दूर है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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