"अंगामी" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) (''''अंगामी''' नागालैंड राज्य की सोलह बोलियों में से एक ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
* इस बोली में तान के चढ़ाव-उतार से किसी-किसी शब्द में आठ अर्थों तक का बोध होता है। | * इस बोली में तान के चढ़ाव-उतार से किसी-किसी शब्द में आठ अर्थों तक का बोध होता है। | ||
* अब इसे [[रोमन लिपि]] में भी लिखा जाने लगा है। | * अब इसे [[रोमन लिपि]] में भी लिखा जाने लगा है। | ||
− | * [[नागरी लिपि]] में भी इस भाषा और इसके साहित्य को लिखित रूप देने का प्रयास हो रहा है। | + | * [[नागरी लिपि]] में भी इस भाषा और इसके साहित्य को लिखित रूप देने का प्रयास हो रहा है। <ref>{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%80|title=अंगामी|accessmonthday=28 जनवरी |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language= हिंदी}}</ref> |
12:00, 28 जनवरी 2014 का अवतरण
अंगामी नागालैंड राज्य की सोलह बोलियों में से एक प्रमुख बोली तथा राज्य की प्रमुख भाषा है। नागालैंड के निवासियों के बीच यह संपर्क भाषा के रूप में विकसित हो चुकी हैं।
- अंगामी भारत की 1652 भाषाओं एवं बोलियों में से एक है।
- देश में इसके बोलने वालों की संख्या लगभग एक लाख के क़रीब है।
- यह चीनी परिवार की असमी-बर्मी-शाखा की एक तानिम प्रधान भाषा है।
- इस बोली में तान के चढ़ाव-उतार से किसी-किसी शब्द में आठ अर्थों तक का बोध होता है।
- अब इसे रोमन लिपि में भी लिखा जाने लगा है।
- नागरी लिपि में भी इस भाषा और इसके साहित्य को लिखित रूप देने का प्रयास हो रहा है। [1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख