बहादुरपुर का युद्ध

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
हिमानी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:28, 14 जुलाई 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} *बहादुरपुर का युद्ध एक संघर्ष है जो [[24 फर...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
  • बहादुरपुर का युद्ध एक संघर्ष है जो 24 फरवरी 1658 को हुआ।
  • यह युद्ध भारत के मुग़ल बादशाह शाहजहां (शासनकाल:1628-57/58) के बेटों के बीच उत्तराधिकार की लड़ाई का निर्णय करने में सहायक रहा।
  • 1657 में शाहजहां के बीमार पड़ने पर उनके चारों पुत्र दारा शिकोह, शाहशुजा, औरंगज़ेबमुराद बख़्श सत्ता के लिए लड़ने लगे। दूसरे पुत्र शुजा ने तुरंत स्वयं को बंगाल का स्वतंत्र प्रशासक घोषिक कर दिया ।
  • दारा के पुत्र सुलेमान शिकोह ने शुजा को उत्तर प्रदेश में वाराणसी (भूतपूर्व बनारस) के पूर्वोत्तर में 8 किलोमीटर दूर स्थित बहादुरपुर में हरा दिया।
  • सुलेमान शिकोह को बाद में उनके चाचा औरंगज़ेब ने क़ैद करके फांसी दे दी। औरंगज़ेब ने 1658 में शाहजहां को कैद कर एक महीने बाद स्वयं को बादशाह घोषित कर दिया। उन्होंने दारा, मुराद और शुजा (जो फ़रार होकर 1660 में म्यांमार (भूतपूर्व बर्मा) में मरे) को भी हराया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख