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*बौद्ध परम्परा की ऐसी मान्यता है कि इस पिटक का संकलन [[अशोक]] के समय में सम्पन्न तृतीय बौद्ध संगीति में 'मोग्गलिपुत्त तिस्म' ने किया ।  
 
*बौद्ध परम्परा की ऐसी मान्यता है कि इस पिटक का संकलन [[अशोक]] के समय में सम्पन्न तृतीय बौद्ध संगीति में 'मोग्गलिपुत्त तिस्म' ने किया ।  
 
*इस पिटक के अन्य सात ग्रंथ-  
 
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*इन्हें 'सत्तपकरण' कहा जाता है।  
 
*इन्हें 'सत्तपकरण' कहा जाता है।  
 
*[[त्रिपिटक|त्रिपिटकों]] के अतिरिक्त [[पालि भाषा]] में लिखे गये कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण बौद्ध ग्रंथ- [[मिलिन्दपन्ह]], [[दीपवंश]] एवं [[महावंश]] हैं।
 
*[[त्रिपिटक|त्रिपिटकों]] के अतिरिक्त [[पालि भाषा]] में लिखे गये कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण बौद्ध ग्रंथ- [[मिलिन्दपन्ह]], [[दीपवंश]] एवं [[महावंश]] हैं।
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==संबंधित लेख==
 
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06:34, 7 अक्टूबर 2011 का अवतरण

  • अभिधम्म पिटक में बौद्ध मतों की दार्शनिक व्याख्या की गयी है।
  • बौद्ध परम्परा की ऐसी मान्यता है कि इस पिटक का संकलन अशोक के समय में सम्पन्न तृतीय बौद्ध संगीति में 'मोग्गलिपुत्त तिस्म' ने किया ।
  • इस पिटक के अन्य सात ग्रंथ-
  1. धम्मसंगणि
  2. विभंग
  3. धातुकथा
  4. पुग्गलपन्नति
  5. कथावत्तु
  6. यमक
  7. पत्थान



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