"अपदान" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | *'''अपदान''' बौद्ध धर्मग्रंथ '[[त्रिपिटक]]' के '[[खुद्दकनिकाय]]' का 13वाँ ग्रंथ जो निम्न 4 भागों में विभाजित है- | |
− | * | + | |
+ | # बुद्धापदान | ||
+ | # पच्चेकबुद्धापदान | ||
+ | # थेरापदान | ||
+ | # थेरीअपदान। | ||
*पालिभाषा में 'अपदान' का अर्थ 'जीवनरचित' है। | *पालिभाषा में 'अपदान' का अर्थ 'जीवनरचित' है। | ||
− | *इन भागों में क्रमशः बुद्धों की प्रशंसा, | + | *इन भागों में क्रमशः बुद्धों की प्रशंसा, प्रत्येक बुद्धों द्वारा कही गयी गाथाएँ, थेरों (भिक्षुओं) की गाथाएँ तथा थेरियों की गाथाएँ हैं। |
{{इन्हेंभीदेखें|अवदानशतक}} | {{इन्हेंभीदेखें|अवदानशतक}} | ||
− | + | ||
− | + | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
पंक्ति 12: | पंक्ति 16: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | {{बौद्ध साहित्य}} | + | {{बौद्ध साहित्य}}{{बौद्ध धर्म}} |
− | {{बौद्ध धर्म}} | ||
[[Category:बौद्ध_धर्म]] | [[Category:बौद्ध_धर्म]] | ||
[[Category:साहित्य_कोश]] | [[Category:साहित्य_कोश]] |
08:15, 12 दिसम्बर 2011 का अवतरण
- अपदान बौद्ध धर्मग्रंथ 'त्रिपिटक' के 'खुद्दकनिकाय' का 13वाँ ग्रंथ जो निम्न 4 भागों में विभाजित है-
- बुद्धापदान
- पच्चेकबुद्धापदान
- थेरापदान
- थेरीअपदान।
- पालिभाषा में 'अपदान' का अर्थ 'जीवनरचित' है।
- इन भागों में क्रमशः बुद्धों की प्रशंसा, प्रत्येक बुद्धों द्वारा कही गयी गाथाएँ, थेरों (भिक्षुओं) की गाथाएँ तथा थेरियों की गाथाएँ हैं।
इन्हें भी देखें: अवदानशतक