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'''मनिका बत्रा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Manika Batra'', जन्म- [[15 जून]], [[1995]], [[दिल्ली]]) राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता, ओलंपियन और अन्य कई ख़िताब जीत चुकीं भारतीय टेबल टेनिस के बेहतरीन सितारों में से एक हैं। उन्होंने गोल्ड कोस्ट में साल 2018 में अपने शानदार प्रदर्शन से हलचल सी मचा दी थी, उन्होंने कुल चार पदक जीते, जिनमें से दो स्वर्ण पदक थे। राष्ट्रमंडल खेलों का वह साल उनके करियर का अब तक का सबसे सफल वर्ष रहा था। [[भारत]] की यह स्टार महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक, 2020 में ख़ास नहीं कर पाईं। उन्हें तीसरे दौर में ऑस्ट्रियाई खिलाड़ी सोफिया पोलकानोवा के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद टेबल टेनिस में भारत की चुनौती समाप्त हो गई।
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==परिचय==
 
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मनिका बत्रा
मनिका बत्रा
पूरा नाम मनिका बत्रा
जन्म 15 जून, 1995
जन्म भूमि दिल्ली, भारत
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र टेबल टेनिस
प्रसिद्धि भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी
नागरिकता भारतीय
क़द 1.83 मी. (6 फीट 0 इंच)
अन्य जानकारी साल 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में मनिका बत्रा ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया और बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने फाइनल में सिंगापुर की यू मेंगयू को हराकर महिला एकल का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
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मनिका बत्रा (अंग्रेज़ी: Manika Batra, जन्म- 15 जून, 1995, दिल्ली) राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता, ओलंपियन और अन्य कई ख़िताब जीत चुकीं भारतीय टेबल टेनिस के बेहतरीन सितारों में से एक हैं। उन्होंने गोल्ड कोस्ट में साल 2018 में अपने शानदार प्रदर्शन से हलचल सी मचा दी थी, उन्होंने कुल चार पदक जीते, जिनमें से दो स्वर्ण पदक थे। राष्ट्रमंडल खेलों का वह साल उनके करियर का अब तक का सबसे सफल वर्ष रहा था। वर्ष 2020 में उन्हें राजीव गाँधी खेल रत्न (अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न) से सम्मानित किया गया था। भारत की यह स्टार महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक, 2020 में ख़ास नहीं कर पाईं। उन्हें तीसरे दौर में ऑस्ट्रियाई खिलाड़ी सोफिया पोलकानोवा के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद टेबल टेनिस में भारत की चुनौती समाप्त हो गई।

परिचय

मनिका बत्रा का जन्म 15 जून 1995 को हुआ था। वह अपने तीन भाई बहनों में सबसे छोटी हैं। उनका परिवार नारायणा विहार दिल्ली का रहवासी है। उन्होंने मात्र चार वर्ष की उम्र में ही टेबल टेनिस खेलनी शुरू कर दी थी। बड़ी बहन आँचल तथा बड़े भाई साहिल दोनों ही टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। राज्य स्तर अंडर-8 प्रतियोगिता जीतने के पश्चात् मनिका बत्रा ने सन्दीप गुप्ता से प्रशिक्षण लेने का निर्णय लिया, जिन्होंने उन्हें हंसराज मॉडल स्कूल में प्रवेश लेने को कहा जहाँ उनकी शिक्षा पूर्ण हुई।[1]

प्रथम ओलम्पिक

रियो 2016 में अपना ओलंपिक डेब्यू करने से पहले मनिका बत्रा ने 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीते। टेबल टेनिस हमेशा से ही उनका पहला प्यार रहा। उन्होंने अपने भाई-बहनों के साथ कम उम्र से ही इस खेल को खेलना शुरू कर दिया था। यही नहीं, दिल्ली में जन्मी बत्रा ने टेबल टेनिस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी किशोरावस्था में मॉडलिंग के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया था। ठीक उसी तरह पी. वी. सिंधु और साइना नेहवाल ने भी भारत में बैडमिंटन के लिए किया है, मनिका बत्रा भारत में अपने खेल का "चेहरा" बनना चाहती हैं।

आदर्श

मनिका बत्रा के अनुसार- "टेबल टेनिस की तरह, बैडमिंटन भी भारत में बहुत प्रसिद्ध नहीं था। आज बैडमिंटन के खेल को जितना महत्व दिया जाता है, मैं भारत में टेबल टेनिस को उससे भी अधिक ऊंचाइयों तक लेकर जाना चाहती हूं।” वास्तव में उन्हें टेबल टेनिस बहुत पसंद है, वह अपने गले में टेबल टेनिस गेंद और बैट के आकार में एक पेन्डेंट भी पहनती हैं। अपने आदर्श अचंत शरत कमल की तरह, जिनके साथ खेलने में वह गर्व महसूस करती हैं। मनिका बत्रा ने महज़ 21 वर्ष की आयु में ओलंपिक खेलों के लिए क्वालिफाई कर लिया। हालांकि, वह पहले दौर में ही बाहर हो गईं, इस हार ने बेहतरीन युवा खिलाड़ी को एक बड़ी सीख दी।

आईटीटीएफ़ रैंकिंग

ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने के अगल वर्ष वह आईटीटीएफ़ रैंकिंग में 104वें स्थान पर पहुंच गई, जिससे वह भारत की सर्वोच्च रैंक वाली महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गईं। इसके बाद उन्होंने मौमा दास के साथ मिलकर इतिहास रच डाला, उनकी यह जोड़ी विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप के क्वार्टर-फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस जोड़ी बन गई।[1]

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण विजेता

साल 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में मनिका बत्रा ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया और बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने फाइनल में सिंगापुर की यू मेंगयू को हराकर महिला एकल का स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। इस जीत ने मनिका बत्रा को राष्ट्रमंडल खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बना दिया। उन्होंने फाइनल में सिंगापुर की चार बार की स्वर्ण पदक विजेता को हराकर भारतीय महिला टीम को स्वर्ण पदक दिलाया। यह जीत और भी अधिक प्रभावशाली इसलिए रही, क्योंकि 2002 के बाद से सिंगापुर की महिला टेबल टेनिस टीम राष्ट्रमंडल खेलों में अजेय रही।

मनिका बत्रा के शानदार प्रदर्शन से उन्हें आईटीटीएफ के ‘ब्रेकथ्रू स्टार’ ख़िताब से सम्मानित किया गया। इसी के साथ वह यह ख़िताब जीतने वाली एकमात्र भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गईं। उसके बाद से उन्होंने महिलाओं के एकल में खुद को शीर्ष 100 खिलाड़ियों की सूची में शुमार कर लिया है।[1]

ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020

टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा का ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो) का सफर बहुत जल्द समाप्त हो गया। उनको तीसरे दौर में ऑस्ट्रियाई खिलाड़ी सोफिया पोलकानोवा के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 63वीं रैंकिंग वाली मनिका बत्रा 17वें रैंक की पोलकानोवा के खिलाफ एक भी सेट नहीं जीत पाईं। सोफिया ने उन्हें 4-0 (11-8, 11-2, 11-5 और 11-7) से शिकस्त दी। मनिका की हार के साथ ही महिला टेबल टेनिस में भारतीय चुनौती भी समाप्त हो गई। इससे पहले दिन में भारत की अन्य खिलाड़ी सुतीर्था मुखर्जी को भी दूसरे दौर में हार का सामना करना पड़ा। दूसरे राउंड में सुर्तिथा को पुर्तग़ाल की खिलाड़ी फु यु ने सीधे सेटों में 3-11, 3-11, 5-11, 5-11 से शिकस्त दी।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 मनिका बत्रा (हिंदी) olympics.com। अभिगमन तिथि: 10 अगस्त, 2021। सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "pp" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है

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