अंबपाली महात्मा बुद्ध के समकालीन वैशाली की 'लिच्छवी' गणिका थी। वह भगवान बुद्ध के प्रभाव से उनकी शिष्या बन गई थी। अंबपाली ने बौद्ध संघ का अनेक प्रकार के दानों से महत उपकार किया। वह बुद्ध और उनके संघ की अनन्य उपासिका हो गई थी। उसने अपने पाप के जीवन से मुख मोड़कर अर्हत् का जीवन बिताना स्वीकार किया था।
अंबपाली बौद्ध धर्म के समय प्रचलित पाली भाषा का शब्द है। यह वैशाली की अति रूपवती एक गणिका थी जिसको गौतम बुद्ध ने दीक्षा देकर उसका उद्धार किया था। हिंदी भाषा में इसको आम्रपाली माना जाता है।[1]
संक्षिप्त परिचय
- महात्मा बुद्ध 'राजगृह' जाते या लौटते समय वैशाली में अवश्य रुकते थे। यहीं पर एक बार उन्होंने अंबपाली का भी आतिथ्य ग्रहण किया था।
- बौद्ध ग्रंथों में बुद्ध के जीवन चरित पर प्रकाश डालने वाली घटनाओं का जो वर्णन मिलता है, उन्हीं में से अंबपाली के संबंध की एक प्रसिद्ध और रुचिकर घटना है-
कहा जाता है कि जब 'तथागत' (बुद्ध) एक बार वैशाली में ठहरे, तब जहाँ उन्होंने देवताओं की तरह दीप्यमान लिच्छवी राजपूत्रों की भोजन के लिए प्रार्थना अस्वीकार कर दी, वहीं उन्होंने गणिका अंबपाली की निष्ठा से प्रसन्न होकर उसका आतिथ्य स्वीकार किया। इससे गर्विणी अंबपाली ने उन राजपूत्रों को लज्जित करते हुए अपने रथ को उनके रथ के बराबर हाँका। उसने संघ को आमों का अपना बगीचा भी दान कर दिया, जिससे वह अपना चौमासा वहाँ बिता सके।
- इसमें संदेह नहीं कि अंबपाली ऐतिहासिक महिला थी, यद्यपि कथा के चमत्कारों ने उसे असाधारण बना दिया है। संभवत वह अभिजातकुलीना थी और इतनी सुंदरी थी कि लिच्छवियों की परंपरा के अनुसार उसके पिता को उसे सर्वभोग्या बनाना पड़ा।
- संभवत उसने गणिका जीवन भी बिताया था। उसके कृपापात्रों में शायद मगध का राजा बिंबिसार भी था।
- बिंबिसार का अंबपाली से एक पुत्र होना भी बताया जाता है। जो भी हो, बाद में अंबपाली बुद्ध और उनके संघ की अनन्य उपासिका हो गई थी और उसने पाप के जीवन से मुख मोड़ लिया था।[2]
इन्हें भी देखें: आम्रपाली, बिम्बिसार, अजातशत्रु, बुद्ध एवं बौद्ध धर्म
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
बौद्ध धर्म शब्दावली |
---|
सुजीता • सुमंत दर्शी • विशाख • विमल कीर्ति • वज्राचार्य • वज्रवाराही • वज्र भैरव • वज्रगर्भ • वज्रकालिका • महाप्रजापति • मंडपदायिका • भद्राकपिला • ब्रह्मदत्ता • पृथु भैरव • पूर्ण मैत्रायणी पुत्र • पूर्ण काश्यप • पटाचारा • नलक • नदीकृकंठ • नंदा (बौद्ध) • धर्म दिन्ना • धमेख • द्रोणोबन • देवदत्त • दशबल • दंतपुर • थेरीगाथा • त्रिरत्न • त्रियान • त्रिमुखी • तनुभूमि • ज्वलनांत • जलगर्भ • छंदक • चातुर्महाराजिक • चलासन • चरणाद्री • चक्रांतर • चक्रसंवर • गोपा • खेमा • खसर्प • खदूरवासिनी • क्रकुच्छंद • केयुरबल • कृष्ण (बुद्ध) • कुशीनार • कुलिशासन • कुक्कुटपाद • कुकुत्संद • कुंभ (बौद्ध) • किसा गौतमी • काय • आश्रव • अंबपाली • अव्याकृत धर्म • अकुशलधर्म • उत्पाद |