दोस्ती (सूक्तियाँ)
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
क्रमांक | सूक्तियाँ | सूक्ति कर्ता |
---|---|---|
(1) | मित्र का सम्मान करो, पीठ पीछे उसकी प्रशंसा करो और आवश्यकता पड़ने पर उसकी सहायता करो। | अरस्तू |
(2) | दोस्त वह है, जो आपको अपनी तरह जीने की पूरी आज़ादी दे। | जिम मॅारिसन |
(3) | अत्याचारी से बढ़कर अभागा व्यक्ति दूसरा नहीं, क्योंकि विपत्ति के समय कोई उसका मित्र नहीं होता। | |
(4) | सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता और भी दुर्लभ है। | |
(5) | ज्ञानी दोस्त ज़िंदगी का सबसे बड़ा वरदान है। | यूरीपिडीज |
(6) | कृतज्ञता मित्रता को चिरस्थायी रखती है और नए मित्र बनाती है। | फ्रेंकलिन |
(7) | झूठे मित्र साये की तरह होते हैं। धूप में साथ चलते हैं और अंधेरे में साथ छोड़ देते हैं। | अज्ञात |
(8) | सच्चे मित्र के तीन लक्षण हैं- अहित को रोकना, हित की रक्षा करना और विपत्ति में साथ नहीं छोड़ना। | |
(9) | सच्चे मित्र के सामने दुःख आधा और हर्ष दुगुना प्रतीत होता है। | जानसन |
(10) | धीरे बोल, जल्दी सोचों और छोटे-से विवाद पर पुरानी दोस्ती कुर्बान मत करो। | |
(11) | दोस्ती निस्संदेह रूप से निराश प्रेम की कसक के लिए उत्तम मरहम है। | जेन ऑस्टिन (1775-1817) |
(12) | एक छंटाक ख़ून किलो भर दोस्ती से ज़्यादा क़ीमती होता है। | स्पेनी कहावत |
(13) | हर मित्रता के पीछे कुछ स्वार्थ ज़रूर छिपा होता है। दुनिया में ऐसी कोई दोस्ती नहीं जिसके पीछे लोगों के अपने हित न छिपे हों, यह कटु सत्य है, लेकिन यही सत्य है। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख