निखत ज़रीन
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पूरा नाम | निखत ज़रीन |
जन्म | 14 जून, 1996 |
जन्म भूमि | निज़ामाबाद, तेलंगाना |
अभिभावक | माता- परवीन सुल्ताना
पिता- मुहम्मद जमील अहमद |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | मुक्केबाज़ी |
शिक्षा | बीए स्नातक |
विद्यालय | के ए.वी. कॉलेज, हैदराबाद |
प्रसिद्धि | भारतीय महिला मुक्केबाज़ |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | राष्ट्रमंडल खेल, राष्ट्रमंडल खेल 2022, राष्ट्रमंडल खेल 2018 |
विश्व चैम्पियनशिप | इस्तानबुल, 2022 - फ्लाईवेट - स्वर्ण पदक |
कॉमनवेल्थ खेल | बर्मिघम, 2022 - फ्लाईवेट - स्वर्ण पदक |
एशियन चैम्पियनशिप | बैंकॉक, 2019 - फ्लाईवेट - कांस्य पदक |
कद | 5 फीट 7 इंच |
वज़न | 52 कि.ग्रा. |
कोच | इमानी चिरंजीवी |
अद्यतन | 18:17, 6 सितम्बर 2022 (IST)
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निखत ज़रीन (अंग्रेज़ी: Nikhat Zareen, जन्म- 14 जून, 1996) भारतीय महिला मुक्केबाज़ हैं। बर्मिघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 के 10वें दिन भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। उन्होंने महिलाओं की लाइट फ्लाई कैटेगरी के फाइनल में उत्तरी आयरलैंड की कार्ले मैकनाउल को 5-0 से हराकर ये स्वर्ण पदक अपने नाम किया। टीम इंडिया का कॉमनवेल्थ गेम्स में यह 48वां पदक था। निखत ज़रीन पहली बार भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलीं और पदक जीता।
परिचय
निखत ज़रीन का जन्म 14 जून, 1996 को तेलंगाना के निज़ामाबाद में मुहम्मद जमील अहमद और परवीन सुल्ताना के घर हुआ। वह अपने घर में तीसरे नंबर की बेटी हैं। उनसे पहले उनकी दो बड़ी बहनें और एक छोटी बहन है। उनके पिता एक सेल्सपर्सन हैं और उनकी मां गृहणी। जब निखत ज़रीन 13 साल की थीं, तब से ही उन्होंने अपनी बॉक्सिंग की शुरुआत कर दी थी। उनके चाचा जो एक मुक्केबाज़ कोच थे, उनसे निखत ज़रीन ने प्रशिक्षण लेना आरम्भ किया। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उनके पिता ने भी उनका काफी सहयोग किया।
प्रारंभिक शिक्षा
निखत ज़रीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तेलंगाना से प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने हैदराबाद के ए.वी. कॉलेज से ग्रेजुएशन की। उसी कॉलेज से उन्होंने अपने बॉक्सिंग कॅरियर की शुरुआत की। ये उनका पहला कदम रहा था अपने कॅरियर की ओर। उन्होंने 2011 मे अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ महिला युवा और जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। निखत ज़रीन ने गुवाहाटी में आयोजित दूसरे इंडिया ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। साल 2014 में बुल्गारिया में आयोजित किया गया यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।[1]
राष्ट्रमंडल खेल, 2022
निखत ज़रीन ने पहले ही राउंड से दमदार शुरुआत की और इसे आखिरी राउंड तक बरकरार रखा। उन्होंने इस मुकाबले को 5-0 से जीतकर कीर्तिमान रच दिया। निखत ज़रीन का भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में यह पहला पदक है। निखत ज़रीन से पहले ही बॉक्सिंग में दो और स्वर्ण पदक मिले थे। महिला कैटेगरी में नीतू और पुरुष कैटेगरी में अमित पंघाल ने देश को स्वर्ण दिलाया। निखत ज़रीन सेमीफाइनल में शानदार खेली थीं। उन्होंने इंग्लैंड की बॉक्सर को 5-0 से हराया। इस मैच के बाद उनके चेहरे पर स्वर्ण जीतने का आत्मविश्वास साफ दिखाई दे रहा था। निखत ज़रीन ने सेमीफाइनल के प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए फाइनल में भी पंच जड़ दिया और भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।
कॅरियर
निखत ज़रीन को उनके पिता द्वारा 2009 में भारतीय खेल प्राधिकरण (विशाखापत्तनम) में दाखिला कराया गया था। वहाँ उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता राव के तहत मुक्केबाजी में प्रशिक्षित किया गया। अगले वर्ष साल 2010 में निखत ज़रीन को इरोड नेशनल्स में ‘स्वर्णन बेस्ट बॉक्सर’ के रूप में घोषित किया गया। 2011 में उन्होंने तुर्की में आयोजित एआईबीए महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भाग लिया और तुर्की के अपने प्रतिद्वंद्वी उल्कु डेमिर को हराकर स्वर्ण पदक जीता।[2]
2014 में उन्होंने बुल्गारिया में आयोजित यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भाग लिया और रजत पदक जीता। साल 2015 में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भाग लिया और रूस से अपने प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज पाल्टसेवा एकातेरिना को हराकर स्वर्ण पदक जीता। निखत ज़रीन ने 2019 में बैंकॉक में आयोजित थाईलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक जीता। उसी वर्ष सोफिया, बुल्गारिया में आयोजित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता।
एसी गार्ड्स, हैदराबाद में बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय ने 19 जून 2021 को निखत ज़रीन को अपना स्टाफ अधिकारी नियुक्त किया। 19 मई 2022 को निखत ज़रीन ने इस्तांबुल, तुर्की में आयोजित महिला विश्व चैम्पियनशिप में भाग लिया और थाईलैंड के अपने प्रतिद्वंद्वी जितपोंग जुतामास को हराकर 52 कि.ग्रा. वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इस इवेंट को जीतने के बाद निखत ज़रीन ने भारत की शीर्ष पांच महिला मुक्केबाजों में अपना नाम जोड़ा, जिनमें मैरी कॉम, लैशराम सरिता देवी, जेनी आरएल और लेख केसी शामिल हैं।
उपलब्धियाँ
- 2011 में निखत ज़रीन ने यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप और एआईबीए महिला जूनियर में फ्लाईवेट वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया जो तुर्की में आयोजित किया गया था।
- 2014 में उन्होंने यूथ बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप, बुल्गारिया में रजत पदक जीता।
- उसी वर्ष उन्होंने तीसरे राष्ट्र कप में 51 कि.ग्रा. वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जो एक अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप थी जिसे सर्बिया के नोवी सैड में आयोजित किया गया था।
- 2015 में उन्होंने 16वीं सीनियर वुमन नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जो असम में आयोजित की गई थी।
- खेल मंत्री वी. श्रीनिवास गौड़ और तेलंगाना राज्य के खेल प्राधिकरण (एसएटीएस) ने निखत ज़रीन को 2020 में भारतीय एथलेटिक्स में उनके योगदान के लिए एक इलेक्ट्रिक स्कूटर और 10,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया।[2]
आदर्श
निखत ज़रीन ने अब तक कई बेहतरीन आयाम प्राप्त किए हैं, ऐसे में उन्होंने मोहम्मद अली को अपना आदर्श माना। इसके अलावा वह मोहम्मद अली की बेटी लैला अली की एक बहुत बड़ी प्रशंसक हैं और साथ ही साथ आदर्श भी मानती हैं। अपने आदर्श से वे हमेशा प्रेरणा लेती नजर आती हैं, जिनके माध्यम से उनके खेल में लगातार परिवर्तन देखा जाता है जो कहीं ना कहीं फायदेमंद साबित हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने दूसरे अच्छे मुक्केबाजों से भी प्रेरणा हासिल की है ताकि नई-नई बातों को सीखते हुए कार्यों को अंजाम दिया जा सके और जीत हासिल की जा सके।[3]
मुश्किल भरा सफर
जैसे-जैसे निखत ज़रीन आगे बढ़ने लगी थीं, वैसे-वैसे उन्हें ज्यादा परिश्रम करना पड़ रहा था और इस वजह से उन्हें थोड़ी थकान महसूस होने लगी थी। ऐसे में उनके जीवन का मुश्किल भरा सफर शुरू हो चुका था जहां कंधे की चोट की वजह से उन्हें मुख्य चैंपियनशिप में खेलने का मौका नहीं मिला और फिर उनकी एक बड़ी सर्जरी हुई। उसके बाद भी निखत ज़रीन के लिए सब कुछ आसान नहीं रहा और उन्होंने अपने डूबते हुए कॅरियर को बचाने के लिए पुरजोर कोशिश की। इस प्रकार से उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारते हुए हमेशा आगे बढ़ते हुए लोगों को प्रेरित किया और 2019 में आयोजित होने वाले “स्टैंडजा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट” में शानदार प्रदर्शन करते हुए फिर से स्वर्ण पदक जीतकर पुनः अपनी जीत सुनिश्चित कर दी।
स्वर्ण पदक जीतने वाली पांचवी विश्व चैंपियन
जब भी किसी प्रतियोगिता के बारे में जिक्र किया जाता है तो वहां पर विश्व चैंपियनशिप मुक्केबाजी की बात अवश्य रूप से होती है। जहां पर अब तक भारत को पांच बार विश्व चैंपियनशिप प्राप्त हुई है जिसमें सबसे पहले मैरीकॉम ने 2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018 में वर्ल्ड चैंपियनशिप हासिल की थी। निखत ज़रीन के अतिरिक्त सरिता देवी ने भी 2006 में स्वर्ण पदक जीतकर विश्व चैंपियनशिप हासिल की और जेनी आर. एल. ने भी 2006 में महत्वपूर्ण चैंपियनशिप हासिल की थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ निखत ज़रीन जीवन परिचय (हिंदी) deepawali.co.in। अभिगमन तिथि: 06 सितंबर, 2021।
- ↑ 2.0 2.1 निखत ज़रीन का जीवन परिचय (हिंदी) shubhamsirohi.com। अभिगमन तिथि: 06 सितंबर, 2021।
- ↑ निखत ज़रीन का जीवन परिचय (हिंदी) hihindi.com। अभिगमन तिथि: 06 सितंबर, 2021।
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