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'''लौरिया-नन्दनगढ़''' [[बिहार]] के चम्पारन ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।
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*लौरिया-नन्दनगढ़ का स्तम्भ अन्य स्तम्भों में सर्वथा सुरक्षित और अखण्डित है। इसके अध्ययन से अशोक के स्तम्भों और उसके विभिन्न अवयवों का स्पष्ट चित्र उभरता है।  
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*यह स्तम्भ भी अशोक के अन्य स्तम्भों की भाँति चुनाव के बलुआ पत्थर से निर्मित तथा एकाश्मक हैं। स्तम्भ के शीर्ष भाग पर बैठे हुए सिंह बने हुए हैं, जिनकी माँसपेशियों तथा शिराओं का सफल अंकन हुआ है।  
*इसके अध्ययन से अशोक के स्तम्भों और उसके विभिन्न अवयवों का स्पष्ट चित्र उभरता है।  
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07:51, 8 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

लौरिया-नन्दनगढ़ बिहार के चम्पारन ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।

  • लौरिया-नन्दनगढ़ में अशोक का एक प्रस्तर स्तम्भ स्थित है।
  • इस स्तम्भ पर अशोक के सप्त धम्म लेख अंकित हैं।
  • लौरिया-नन्दनगढ़ का स्तम्भ अन्य स्तम्भों में सर्वथा सुरक्षित और अखण्डित है।
  • इसके अध्ययन से अशोक के स्तम्भों और उसके विभिन्न अवयवों का स्पष्ट चित्र उभरता है।
  • यह स्तम्भ भी अशोक के अन्य स्तम्भों की भाँति चुनाव के बलुआ पत्थर से निर्मित तथा एकाश्मक है।
  • स्तम्भ के शीर्ष भाग पर बैठे हुए सिंह बने हुए हैं, जिनकी माँसपेशियों तथा शिराओं का सफल अंकन हुआ है।
  • लौरिया-नन्दनगढ़ में स्थित स्तम्भ की ऊँचाई लगभग 40 फुट है।
  • स्तम्भ पर चमकते हुए शीशे की तरह पॉलिश है।
  • ये इतने चमकीले हैं कि बहुत विद्वानों ने तो इन स्तम्भों को धातु का बना हुआ समझा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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