"प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड /Proto- Austriliad {{tocright}} इस शाखा में ऑस्ट्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड /Proto- Austriliad  
प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड ([[अंग्रेज़ी]]: Proto Austriliad) एक शाखा है जिसमें [[ऑस्ट्रेलिया]] के मूल निवासियों की शारीरिक विशेषताओं का समावेश होता है। इसमें भारत की अधिकांश जनजातियाँ आ जाती हैं। 'तिने वेली' से प्राप्त प्रागैतिहासिक खोपड़ियों में भी इस प्रजाति के तत्त्व मिलते हैं। [[संस्कृत साहित्य]] में जिस 'निषाद' जाति का उल्लेख मिलता है, वे तथा 'फान इक्सटेड्स' ने जिस ‘वेडिडड’ शाखा का उल्लेख किया है, वह भी इसी वर्ग में आती है। दक्षिण भारत की 'चेंचू' तथा [[मध्य प्रदेश]] के भीलों में इस प्रजाति के लक्षण पाये जाते हैं।  
{{tocright}}
इस शाखा में ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की शारीरिक विशेषताओं का समावेश होता है। इसमें भारत की अधिकांश जनजातियाँ आ जाती हैं। 'तिने वेली' से प्राप्त प्रागैतिहासिक खोपड़ियों में भी इस प्रजाति के तत्त्व मिलते हैं। [[संस्कृत साहित्य]] में जिस 'निषाद' जाति का उल्लेख मिलता है, वे तथा 'फान इक्सटेड्स' ने जिस ‘वेडिडड’ शाखा का उल्लेख किया है, वह भी इसी वर्ग में आती है। दक्षिण भारत की 'चेंचू' तथा [[मध्य प्रदेश]] के भीलों में इस प्रजाति के लक्षण पाये जाते हैं।  
;शारीरिक रचना
;शारीरिक रचना
कद छोटा, सिर लम्बा, बाल घुंघराले, त्वचा का रंग चाकलेटी, नाक चौड़ी, होंठ मोटे, बालों का रंग काला, आँखें काली एवं भूरी आदि इस प्रजाति के शरीरिक लक्षण हैं।
कद छोटा, सिर लम्बा, बाल घुंघराले, त्वचा का रंग चाकलेटी, नाक चौड़ी, होंठ मोटे, बालों का रंग काला, आँखें काली एवं भूरी आदि इस प्रजाति के शरीरिक लक्षण हैं।
;विशेषताएँ
;विशेषताएँ
यह जाति सम्भवतः 'फिलिस्तीन से भारत', '[[बर्मा]]', '[[मलय|मलाया]]', '[[इण्डोनेशिया]]', 'आस्ट्रेलिया', 'इण्डोचीन' आदि स्थानों पर पहुंची। [[भारत]] में निवास करने वाली 'कोल' एवं 'मुण्डा' जातियों में 'प्रोटो- ऑस्ट्रेलियाड' जाति के कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं। [[आर्य|आर्यों]] के भारत में आने के समय यह जाति के लोग सम्भवतः कृषि कार्य को जानते थे, साथ ही पशुपालन एवं वस्त्र निर्माण तकनीक से भी भिज्ञ थे। ये लोग समूह बनाकर रहते थे।
यह जाति सम्भवतः 'फिलिस्तीन से भारत', 'बर्मा' (वर्तमान [[म्यांमार]]), '[[मलय|मलाया]]', '[[इंडोनेशिया]]', '[[आस्ट्रेलिया]]', 'इण्डोचीन' आदि स्थानों पर पहुंची। [[भारत]] में निवास करने वाली 'कोल' एवं 'मुण्डा' जातियों में 'प्रोटो- ऑस्ट्रेलियाड' जाति के कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं। [[आर्य|आर्यों]] के भारत में आने के समय यह जाति के लोग सम्भवतः कृषि कार्य को जानते थे, साथ ही पशुपालन एवं वस्त्र निर्माण तकनीक से भी भिज्ञ थे। ये लोग समूह बनाकर रहते थे।




पंक्ति 18: पंक्ति 16:
{{जातियाँ और जन जातियाँ}}
{{जातियाँ और जन जातियाँ}}
[[Category:जातियाँ और जन जातियाँ]]
[[Category:जातियाँ और जन जातियाँ]]
[[Category:इतिहास]][[Category:इतिहास_कोश]]
[[Category:इतिहास_कोश]]
[[Category:संस्कृति]]
[[Category:प्राचीन संस्कृति]]
[[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:संस्कृति कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

08:19, 22 जनवरी 2013 के समय का अवतरण

प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड (अंग्रेज़ी: Proto Austriliad) एक शाखा है जिसमें ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की शारीरिक विशेषताओं का समावेश होता है। इसमें भारत की अधिकांश जनजातियाँ आ जाती हैं। 'तिने वेली' से प्राप्त प्रागैतिहासिक खोपड़ियों में भी इस प्रजाति के तत्त्व मिलते हैं। संस्कृत साहित्य में जिस 'निषाद' जाति का उल्लेख मिलता है, वे तथा 'फान इक्सटेड्स' ने जिस ‘वेडिडड’ शाखा का उल्लेख किया है, वह भी इसी वर्ग में आती है। दक्षिण भारत की 'चेंचू' तथा मध्य प्रदेश के भीलों में इस प्रजाति के लक्षण पाये जाते हैं।

शारीरिक रचना

कद छोटा, सिर लम्बा, बाल घुंघराले, त्वचा का रंग चाकलेटी, नाक चौड़ी, होंठ मोटे, बालों का रंग काला, आँखें काली एवं भूरी आदि इस प्रजाति के शरीरिक लक्षण हैं।

विशेषताएँ

यह जाति सम्भवतः 'फिलिस्तीन से भारत', 'बर्मा' (वर्तमान म्यांमार), 'मलाया', 'इंडोनेशिया', 'आस्ट्रेलिया', 'इण्डोचीन' आदि स्थानों पर पहुंची। भारत में निवास करने वाली 'कोल' एवं 'मुण्डा' जातियों में 'प्रोटो- ऑस्ट्रेलियाड' जाति के कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं। आर्यों के भारत में आने के समय यह जाति के लोग सम्भवतः कृषि कार्य को जानते थे, साथ ही पशुपालन एवं वस्त्र निर्माण तकनीक से भी भिज्ञ थे। ये लोग समूह बनाकर रहते थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख