"प्रज्ञप्तिवादी निकाय": अवतरणों में अंतर
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कुछ वादी ऐसे होते हैं, जो परस्पर आश्रित सभी धर्मों को प्रज्ञप्त (कल्पित) मानकर उनके प्रति सत्यत: अभिनिवेश करते हैं, वे ही प्रज्ञप्तिवादी है। महावंशटीका के अनुसार 'रूप भी निर्वाण की भाँति परमार्थत: है' – ऐसा मानने वाले प्रज्ञप्तिवादी कहलाते हैं। | कुछ वादी ऐसे होते हैं, जो परस्पर आश्रित सभी धर्मों को प्रज्ञप्त (कल्पित) मानकर उनके प्रति सत्यत: अभिनिवेश करते हैं, वे ही प्रज्ञप्तिवादी है। महावंशटीका के अनुसार 'रूप भी निर्वाण की भाँति परमार्थत: है' – ऐसा मानने वाले प्रज्ञप्तिवादी कहलाते हैं। | ||
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13:45, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण
बौद्ध धर्म में प्रज्ञप्तिवादी निकाय अठारह निकायों में से एक है:-
कुछ वादी ऐसे होते हैं, जो परस्पर आश्रित सभी धर्मों को प्रज्ञप्त (कल्पित) मानकर उनके प्रति सत्यत: अभिनिवेश करते हैं, वे ही प्रज्ञप्तिवादी है। महावंशटीका के अनुसार 'रूप भी निर्वाण की भाँति परमार्थत: है' – ऐसा मानने वाले प्रज्ञप्तिवादी कहलाते हैं।