"बौद्ध संगीति तृतीय": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
*यदि इसे सही मान लिया जाए कि अशोक ने अपना [[सारनाथ]] वाला स्तम्भ लेख इस संगीति के बाद उत्कीर्ण कराया था, तब यह मानना उचित होगा, कि इस संगीति के निर्णयों को इतने अधिक [[बौद्ध]] भिक्षु-भिक्षुणियों ने स्वीकार नहीं किया कि अशोक को धमकी देनी पड़ी कि संघ में फूट डालने वालों को कड़ा दण्ड दिया जायेगा। | *यदि इसे सही मान लिया जाए कि अशोक ने अपना [[सारनाथ]] वाला स्तम्भ लेख इस संगीति के बाद उत्कीर्ण कराया था, तब यह मानना उचित होगा, कि इस संगीति के निर्णयों को इतने अधिक [[बौद्ध]] भिक्षु-भिक्षुणियों ने स्वीकार नहीं किया कि अशोक को धमकी देनी पड़ी कि संघ में फूट डालने वालों को कड़ा दण्ड दिया जायेगा। | ||
*इस संगीति के बाद भी भरपूर प्रयास किए गए कि सभी भिक्षुओं को एक ही तरह के बौद्ध संघ के अंतर्गत रखा जाये, किंतु देश और काल के अनुसार इनमें बदलाव आता रहा। | *इस संगीति के बाद भी भरपूर प्रयास किए गए कि सभी भिक्षुओं को एक ही तरह के बौद्ध संघ के अंतर्गत रखा जाये, किंतु देश और काल के अनुसार इनमें बदलाव आता रहा। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{बौद्ध धर्म}} | {{बौद्ध धर्म}} | ||
[[Category:बौद्ध धर्म]] | [[Category:बौद्ध धर्म]][[Category:गौतम बुद्ध]][[Category:अशोक]][[Category:मौर्य काल]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category:बौद्ध धर्म कोश]] | |||
[[Category:धर्म कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
05:47, 15 मार्च 2020 के समय का अवतरण
तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन 249 ई.पू. में सम्राट अशोक के शासनकाल में पाटलीपुत्र में किया गया था। इस बौद्ध संगीति की अध्यक्षता तिस्स ने की थी। इसी संगीति में 'अभिधम्मपिटक' की रचना हुई और बौद्ध भिक्षुओं को विभिन्न देशों में भेजा गया। इनमें अशोक के पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा गया था।
- बौद्ध अनुश्रुतियों के अनुसार महात्मा बुद्ध के निर्वाण के 236 वर्ष बाद इस संगीति का आयोजन हुआ।
- सम्राट अशोक के संरक्षण में तृतीय संगीति 249 ई.पू. में पाटलीपुत्र में हुई थी।
- इसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध बौद्ध ग्रन्थ ‘कथावत्थु’ के रचयिता तिस्स मोग्गलीपुत्र ने की थी।
- विश्वास किया जाता है कि इस संगीति में 'त्रिपिटक' को अन्तिम रूप प्रदान किया गया।
- यदि इसे सही मान लिया जाए कि अशोक ने अपना सारनाथ वाला स्तम्भ लेख इस संगीति के बाद उत्कीर्ण कराया था, तब यह मानना उचित होगा, कि इस संगीति के निर्णयों को इतने अधिक बौद्ध भिक्षु-भिक्षुणियों ने स्वीकार नहीं किया कि अशोक को धमकी देनी पड़ी कि संघ में फूट डालने वालों को कड़ा दण्ड दिया जायेगा।
- इस संगीति के बाद भी भरपूर प्रयास किए गए कि सभी भिक्षुओं को एक ही तरह के बौद्ध संघ के अंतर्गत रखा जाये, किंतु देश और काल के अनुसार इनमें बदलाव आता रहा।
|
|
|
|
|