"धम्मपद": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''धम्मपद''' एक [[पालि भाषा|पालि]] शब्द है जिसका अर्थात "सिद्धांत के शब्द" या "सत्य का मार्ग" है।
[[चित्र:Dhammapada.jpg|thumb|200px|धम्मपद]]
*धम्मपद संभवत: पालि [[बौद्ध]] धार्मिक [[ग्रंथ|ग्रंथों]] में सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसे अन्य बौद्ध लेखों में उद्धत किया जाता है।   
'''धम्मपद''' [[बौद्ध साहित्य]] का सर्वोत्कृष्ट लोकप्रिय [[ग्रंथ]] है। इसमें [[बुद्ध|बुद्ध भगवान]] के नैतिक उपदेशों का संग्रह है। धम्मपद एक [[पालि भाषा|पालि]] शब्द है, जिसका अर्थ है- "सिद्धांत के शब्द" या "सत्य का मार्ग"।<br />
<br />
*धम्मपद संभवत: पालि [[बौद्ध]] धार्मिक [[ग्रंथ|ग्रंथों]] में सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसे [[गीता]] के समान पवित्र माना है।
*धम्मपद अन्य बौद्ध लेखों में उद्धत किया जाता है।   
*धम्मपद मूल बौद्ध शिक्षाओं<ref>मूलत: नीतिगत शिक्षा</ref> का संग्रह है, जो आसान सूक्तियों की शैली में हैं।  
*धम्मपद मूल बौद्ध शिक्षाओं<ref>मूलत: नीतिगत शिक्षा</ref> का संग्रह है, जो आसान सूक्तियों की शैली में हैं।  
*[[सुत्तपिटक]]<ref>प्रवचन समूह</ref> के [[खुद्दकनिकाय]]<ref>लघु संकलन</ref> के दूसरे पाठ के रूप में धम्मपद में 26 अध्यायों में 423 पद हैं।  
*[[सुत्तपिटक]]<ref>प्रवचन समूह</ref> के [[खुद्दकनिकाय]]<ref>लघु संकलन</ref> के दूसरे पाठ के रूप में धम्मपद में 26 अध्यायों में 423 पद हैं।  
पंक्ति 10: पंक्ति 13:


{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{बौद्ध साहित्य}}
{{बौद्ध साहित्य}}{{बौद्ध धर्म}}
{{बौद्ध धर्म}}
[[Category:बौद्ध_धर्म]][[Category:साहित्य_कोश]][[Category:बौद्ध साहित्य]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
[[Category:बौद्ध_धर्म]]
[[Category:साहित्य_कोश]]
[[Category:बौद्ध साहित्य]]
[[Category:बौद्ध धर्म कोश]]
 
 
__INDEX__
__INDEX__

11:37, 28 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

धम्मपद

धम्मपद बौद्ध साहित्य का सर्वोत्कृष्ट लोकप्रिय ग्रंथ है। इसमें बुद्ध भगवान के नैतिक उपदेशों का संग्रह है। धम्मपद एक पालि शब्द है, जिसका अर्थ है- "सिद्धांत के शब्द" या "सत्य का मार्ग"।

  • धम्मपद संभवत: पालि बौद्ध धार्मिक ग्रंथों में सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसे गीता के समान पवित्र माना है।
  • धम्मपद अन्य बौद्ध लेखों में उद्धत किया जाता है।
  • धम्मपद मूल बौद्ध शिक्षाओं[1] का संग्रह है, जो आसान सूक्तियों की शैली में हैं।
  • सुत्तपिटक[2] के खुद्दकनिकाय[3] के दूसरे पाठ के रूप में धम्मपद में 26 अध्यायों में 423 पद हैं।
  • कतिपय अंतर के साथ इसके प्राकृत, संस्कृत और चीनी भाषा में संस्करण और अन्य भाषाओं में अनुवाद भी उपलब्ध हैं।
  • आधे से अधिक पद अन्य धार्मिक ग्रंथों से लिए गए है और इनमें अधिकांश बौद्ध नीति-वाक्य सम्मिलित हैं।
  • इनके लिये भारतीय साहित्य की सारगर्भित कहावतों के भंडार से भी सामग्री ली गई है।
  • धम्मपद पुस्तक थेरवाद और महायान, दोनों परंपराओं को मानने वाले बौद्ध देशों में लोकप्रिय है।
  • श्रीलंका में धम्मपद को शताब्दियों से नवदीक्षित भिक्षुओं के मार्गदर्शन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और कहा जाता है कि प्रत्येक भिक्षु को यह कंठस्थ है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मूलत: नीतिगत शिक्षा
  2. प्रवचन समूह
  3. लघु संकलन

संबंधित लेख