"प्रांगण:मुखपृष्ठ/भाषा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(6 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 53 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{| width="100%"
{| width="100%"
|
|
{| width="100%" style="background:#fcfbfc; border:1px solid #a7d7f9; border-top:none; padding:none;" cellspacing="0"  cellpadding="0"
{| width="100%" class="headbg37" style="border:1px solid #a7d7f9; border-radius:5px; margin-left:5px; padding:5px;" cellspacing="0"  cellpadding="0"
| valign="top"|
|-
{| style="margin:0; width:100%" cellpadding="0" cellspacing="0"
|  
|- class="headbg37"
[[चित्र:Bhasha.gif|right|80px]]
| class="portal-menu" style="border-left:none; width:7%"|[[मुखपृष्ठ]]
* यहाँ हम [[भारत]] की विभिन्न भाषाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है, और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। भाषा [[संस्कृति]] का वाहन है और उसका अंग भी। -'''[[रामविलास शर्मा]]'''
| class="portal-menu" style="width:12%;"|[[प्रांगण:भारत गणराज्य|भारत गणराज्य]]
* भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से हम सोचते है और अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। मनुष्य अपने विचार, भावनाओं एवं अनुभुतियों को भाषा के माध्यम से ही व्यक्त करता है।
| class="portal-menu" style="width:7%;"|[[प्रांगण:इतिहास|इतिहास]]
{{Headnote2|मुख्य आकर्षण- [[हिन्दी सामान्य ज्ञान]] '''·''' [[हिन्दी]] '''·''' [[:श्रेणी:भाषा और लिपि|भाषा से संबंधित सभी लेख देखें]]}}
| class="portal-menu" style="width:7%;"| [[प्रांगण:पर्यटन|पर्यटन]]
| class="portal-menu" style="width:8%;"|[[प्रांगण:साहित्य|साहित्य]]
| class="portal-menu" style="width:8%; "|[[प्रांगण:दर्शन|दर्शन]]
| class="portal-menu" style="width:6%;"| [[प्रांगण:धर्म|धर्म]]
| class="portal-menu" style="width:9%;"|[[प्रांगण:संस्कृति|संस्कृति]]
| class="portal-menu" style="width:8%;"|[[प्रांगण:भूगोल|भूगोल]]
| class="portal-menu" style="width:7%"|[[प्रांगण:कला|कला]]
| class="portal-menu" style="width:8%"|[[प्रांगण:खेल|खेल]]
| class="portal-menu" style="width:7%; border-bottom:none; background:transparent;"|[[प्रांगण:भाषा|भाषा]]
| class="portal-menu" style="width:8%; border-right:none;"|[[प्रांगण:विज्ञान|विज्ञान]]
|- style=" padding-top:none;" class="headbg37"
| colspan="13"|
{| width="100%" style="background:transparent;" border="0"
| valign="top" style="width:40%; border:none;"|
* यहाँ हम भारत की विभिन्न भाषाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।<br />
* एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है, और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है।
{{प्रांगण नोट}}
{{प्रांगण नोट}}
| valign="middle" style="width:20%; border:none;"|
[[चित्र:Bhasha text image.gif|center]]
[[चित्र:Bhasha.jpg|center|70px]]
| valign="top" style="width:40%; border:none;"|
* भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से हम सोचते है और अपने विचारों को व्यक्त करते है। <br />
* मनुष्य अपने विचार, भावनाओं एवं अनुभुतियों को भाषा के माध्यम से ही व्यक्त करता है।
|}
|}
|}
|}
|-
|-
|
|
{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
{| width="100%"  
|-
| style="border:1px solid #a6d4f7;padding:10px; background:#f4faff" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#cce9ff; border:thin solid #a6d4f7">'''विशेष आलेख'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[हिन्दी भाषा]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Hindi-Alphabhet.jpg|right|150px|हिन्दी वर्णमाला|link=हिन्दी भाषा]] </div>
*हिन्दी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है।
*सन [[1991]] ई. की जनगणना के अनुसार, '''23.342 करोड़ भारतीय हिन्दी का उपयोग मातृभाषा''' के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 33.727 करोड़ लोग इसकी लगभग 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं।
*हिंदी की प्रमुख बोलियों में [[अवधी भाषा|अवधी]], [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]], [[ब्रज भाषा]], छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, हरियाणवी, कुमांऊनी, मागधी और मारवाड़ी शामिल हैं।
*हिन्दी की आदि जननि [[संस्कृत]] है। संस्कृत पालि, [[प्राकृत भाषा]] से होती हुई अपभ्रंश तक पहुँचती है।
*हिन्दी के आधुनिक काल में प्रारम्भ में एक ओर [[उर्दू]] का प्रचार होने और दूसरी ओर काव्य की भाषा ब्रजभाषा होने के कारण '''खड़ी बोली''' को अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ा।
*भाषा के सर्वागीण मानकीकरण का प्रश्न सबसे पहले 1950 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग ने ही उठाया।
*संविधान सभा में हिन्दी को राजभाषा बनाने का प्रस्ताव '''गोपाल स्वामी आयंगर''' ने रखा। संविधान सभा में राजभाषा के नाम पर हुए मतदान में हिन्दुस्तानी के 77 वोट तथा हिन्दी को 78 वोट मिले।
*'''केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय''' ने लिपि के मानकीकरण पर अधिक ध्यान दिया और '[[देवनागरी लिपि]]' तथा 'हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण' (1983 ई.) का प्रकाशन किया।  '''[[हिन्दी|.... और पढ़ें]]'''
|-
| style="border:1px solid #a6d4f7;padding:10px;" class="bgtour3" valign="top" |
{| width="100%" align="left" cellpadding="0" cellspacing="0" style="background:transparent;"
|-
| colspan="3" | <div style="padding-left:5px; background:#bee3ff">'''चयनित चित्र'''</div>
----
|-
|-
| style="background:#bee3ff; width:5%;"|
| style="border:1px solid #a6d4f7;padding:10px; background:#f4faff; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#cce9ff; border:thin solid #a6d4f7">'''विशेष आलेख'''</div>
| style="width:90%;" valign="top" |
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[देवनागरी लिपि]]'''</div>
[[चित्र:Brahmi Lipi-1.jpg|370px|ब्राह्मी लिपि|center]]
<div id="rollnone"> [[चित्र:Devnagari.jpg|right|100px|border|link=देवनागरी लिपि]] </div>
| style="background:#bee3ff; width:5%" |
<poem>
        '''[[देवनागरी लिपि]]''' एक ऐसी [[लिपि]] है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ लिखीं जाती हैं। भाषा विज्ञान की शब्दावली में यह 'अक्षरात्मक' लिपि कहलाती है। यह विश्व में प्रचलित सभी लिपियों की अपेक्षा अधिक पूर्णतर है। इसके लिखित और उच्चरित रूप में कोई अंतर नहीं पड़ता है। प्रत्येक ध्वनि संकेत यथावत लिखा जाता है। इसमें कुल '''52 अक्षर हैं, जिसमें 14 [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] और 38 [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]]''' हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था, विन्यास भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं। एक मत के अनुसार देवनगर [[काशी]] में प्रचलन के कारण इसका नाम देवनागरी पड़ा। [[संस्कृत]], [[पालि भाषा|पालि]], [[हिन्दी]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[कोंकणी भाषा|कोंकणी]], [[सिन्धी भाषा|सिन्धी]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[नेपाली भाषा|नेपाली]], [[गढ़वाली]], [[बोडो भाषा|बोडो]], [[अंगिका]], [[मगही भाषा|मगही]], [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]], [[मैथिली भाषा|मैथिली]], [[संथाली भाषा|संथाली]] आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसे '''नागरी लिपि''' भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], बिष्णुपुरिया [[मणिपुरी]], रोमन और [[उर्दू]] भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं।  '''[[देवनागरी लिपि|.... और पढ़ें]]'''
</poem>
|-
|-
| colspan="3"|
| style="border:1px solid #c4f4d1;padding:10px; background:#f2fbf5; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #a6d4f7">'''चयनित लेख'''</div>
----
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[हिंदी]]'''</div>
<div style="text-align:center;">[[ब्राह्मी लिपि|अशोक की ब्राह्मी लिपि के अक्षर]]</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Hindi-Alphabhet.jpg|right|100px|हिन्दी वर्णमाला|border|link=हिंदी]] </div>
|}
<poem>
        '''[[हिंदी]]''' भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है। सन [[2001]] ई. की जनगणना के अनुसार, '''25.79 करोड़ भारतीय हिन्दी का उपयोग मातृभाषा''' के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 42.20 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं। हिन्दी की प्रमुख बोलियों में [[अवधी भाषा|अवधी]], [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]], [[ब्रज भाषा]], छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, हरियाणवी, कुमांऊनी, मागधी और मारवाड़ी शामिल हैं। हिन्दी की आदि जननि [[संस्कृत]] है। संस्कृत पालि, [[प्राकृत भाषा]] से होती हुई अपभ्रंश तक पहुँचती है। भाषा के सर्वांगीण मानकीकरण का प्रश्न सबसे पहले 1950 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग ने ही उठाया। 'केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय' ने लिपि के मानकीकरण पर अधिक ध्यान दिया और '[[देवनागरी लिपि]]' तथा 'हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण' (1983 ई.) का प्रकाशन किया। सन [[1998]] के पूर्व, मातृभाषियों की संख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आँकड़े मिलते थे, उनमें हिन्दी को तीसरा स्थान दिया जाता था। '''[[हिंदी|.... और पढ़ें]]'''
</poem>
|}
|}
{| width="49%" align="right" cellpadding="1" cellspacing="5"
{| width="100%"  
|-valign="top"
|-valign="top"
| style="border:1px solid #a7e4b8;padding:10px;width:50%; background:#f2fcf5" valign="top" |   
| style="border:1px solid #a7e4b8;padding:10px;width:50%; background:#f2fcf5; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " valign="top" |   
<div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #afeac0">'''कुछ चुने हुए लेख'''</div>
<div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #afeac0">'''कुछ लेख'''</div>
* [[हिंदी अकादमी]]
* [[हिन्दी अकादमी]]
* [[हिंदी संस्थान]]
* [[हिन्दी संस्थान]]
* [[अल्प]]
* [[हिन्दी]]
* [[नम्रता]]
* [[हिन्दी सामान्य ज्ञान]]
* [[नमस्कार]]
* [[सूक्ति और कहावत]]
* [[दीक्षा]]
* [[खरोष्ठी|खरोष्ठी लिपि]]
* [[अंग्रेज़ी भाषा]]
* [[पालि भाषा]]
* [[ब्राह्मी लिपि अशोक-काल]]
* [[ब्राह्मी लिपि]]
* [[अशोक के शिलालेख]]
* [[पाणिनि]]
* [[अष्टाध्यायी]]
* [[संस्कृत भाषा]]
* [[देवनागरी लिपि]]
* [[रसखान का कला-पक्ष]]
* [[रसखान की भाषा]]
* [[राजस्थानी भाषा]]
* [[राजस्थानी भाषा]]
* [[हिन्दी वेबसाइट और ब्लॉग]]
* [[अरबी भाषा]]
* [[अरबी भाषा]]
* [[ब्रजभाषा]]
* [[ब्रजभाषा]]
* [[कश्मीरी भाषा]]
* [[कश्मीरी भाषा]]
* [[ब्राह्मी लिपि अशोक-काल]]
* [[अंग्रेज़ी भाषा]]
* [[देवनागरी लिपि]]
| {{Robelbox|theme=13|title=भाषा श्रेणी वृक्ष}}
* [[खरोष्ठी|खरोष्ठी लिपि]]
<div style="{{Robelbox/pad}}; font-size:100%; height:420px; overflow:auto;">
* [[अशोक के शिलालेख]]
| style="border:1px solid #a7e4b8;padding:10px;width:50%; background:#f2fcf5" valign="top" | 
<div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #afeac0">'''भाषा श्रेणी वृक्ष'''</div>
<categorytree mode=pages>भाषा और लिपि</categorytree>
<categorytree mode=pages>भाषा और लिपि</categorytree>
</div>
{{Robelbox/close}}
|}
|}
|-
|}
|
 
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भाषा साँचे सूची}}
{{भाषा साँचे सूची}}
|}
 
__NOTOC__
__NOTOC__
__NOEDITSECTION__
__NOEDITSECTION__


[[Category:प्रांगण]]
[[Category:प्रांगण]]
[[Category:भाषा और लिपि]]
{{DISPLAYTITLE:भाषा मुखपृष्ठ}}

07:56, 12 मई 2021 के समय का अवतरण

  • यहाँ हम भारत की विभिन्न भाषाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है, और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। भाषा संस्कृति का वाहन है और उसका अंग भी। -रामविलास शर्मा
  • भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से हम सोचते है और अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। मनुष्य अपने विचार, भावनाओं एवं अनुभुतियों को भाषा के माध्यम से ही व्यक्त करता है।
मुख्य आकर्षण- हिन्दी सामान्य ज्ञान · हिन्दी · भाषा से संबंधित सभी लेख देखें
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
विशेष आलेख

        देवनागरी लिपि एक ऐसी लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ लिखीं जाती हैं। भाषा विज्ञान की शब्दावली में यह 'अक्षरात्मक' लिपि कहलाती है। यह विश्व में प्रचलित सभी लिपियों की अपेक्षा अधिक पूर्णतर है। इसके लिखित और उच्चरित रूप में कोई अंतर नहीं पड़ता है। प्रत्येक ध्वनि संकेत यथावत लिखा जाता है। इसमें कुल 52 अक्षर हैं, जिसमें 14 स्वर और 38 व्यंजन हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था, विन्यास भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं। एक मत के अनुसार देवनगर काशी में प्रचलन के कारण इसका नाम देवनागरी पड़ा। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसे नागरी लिपि भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमन और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। .... और पढ़ें

चयनित लेख
हिन्दी वर्णमाला
हिन्दी वर्णमाला

        हिंदी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है। सन 2001 ई. की जनगणना के अनुसार, 25.79 करोड़ भारतीय हिन्दी का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 42.20 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं। हिन्दी की प्रमुख बोलियों में अवधी, भोजपुरी, ब्रज भाषा, छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, हरियाणवी, कुमांऊनी, मागधी और मारवाड़ी शामिल हैं। हिन्दी की आदि जननि संस्कृत है। संस्कृत पालि, प्राकृत भाषा से होती हुई अपभ्रंश तक पहुँचती है। भाषा के सर्वांगीण मानकीकरण का प्रश्न सबसे पहले 1950 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग ने ही उठाया। 'केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय' ने लिपि के मानकीकरण पर अधिक ध्यान दिया और 'देवनागरी लिपि' तथा 'हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण' (1983 ई.) का प्रकाशन किया। सन 1998 के पूर्व, मातृभाषियों की संख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आँकड़े मिलते थे, उनमें हिन्दी को तीसरा स्थान दिया जाता था। .... और पढ़ें

कुछ लेख
भाषा श्रेणी वृक्ष

संबंधित लेख