"के. वाई. वेंकटेश": अवतरणों में अंतर
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}}'''के. वाई. वेंकटेश''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''K. Y. Venkatesh'') भारतीय पैरा एथलीट हैं। उनका जन्म एकान्ड्रप्लेश़ यानि बौनेपन के साथ हुआ। इसके कारण उनका कद 4 फीट 2 इंच ही रह गया। चौथे वर्ल्ड ड्वॉर्फ गेम्स में छह पदक जीतकर [[2005]] में उन्होंने 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में अपना नाम दर्ज कराया था। यह वास्तव में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, कई सक्षम एथलीटों ने इस तरह की पहचान हासिल नहीं की है। | }}'''के. वाई. वेंकटेश''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''K. Y. Venkatesh'') भारतीय पैरा एथलीट हैं। उनका जन्म एकान्ड्रप्लेश़ यानि बौनेपन के साथ हुआ। इसके कारण उनका कद 4 फीट 2 इंच ही रह गया। चौथे वर्ल्ड ड्वॉर्फ गेम्स में छह पदक जीतकर [[2005]] में उन्होंने 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में अपना नाम दर्ज कराया था। यह वास्तव में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, कई सक्षम एथलीटों ने इस तरह की पहचान हासिल नहीं की है। वर्ष [[2021]] में आपको [[भारत सरकार]] ने '[[पद्म श्री]]' से सम्मानित किया है। | ||
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के. वाई. वेंकटेश अपने [[परिवार]] में एक बड़े भाई और चार बहनों के साथ सबसे छोटे थे। उनके [[पिता]] एक सरकारी आयुर्वेद चिकित्सक थे, जिन्होंने वेंकटेश की खेलों में रुचि विकसित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। जब वे हाई स्कूल में थे, तब वे उन्हें [[शतरंज]] में प्रशिक्षित करते थे, जिससे युवा वेंकटेश को इसमें भाग लेने का मौका मिलता था। | के. वाई. वेंकटेश अपने [[परिवार]] में एक बड़े भाई और चार बहनों के साथ सबसे छोटे थे। उनके [[पिता]] एक सरकारी आयुर्वेद चिकित्सक थे, जिन्होंने वेंकटेश की खेलों में रुचि विकसित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। जब वे हाई स्कूल में थे, तब वे उन्हें [[शतरंज]] में प्रशिक्षित करते थे, जिससे युवा वेंकटेश को इसमें भाग लेने का मौका मिलता था। | ||
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4 फीट 2 इंच लंबे इस भारतीय चैंपियन ने पोलियो से पीड़ित एक महिला की [[कहानी]] से मिली प्रेरणा की ऐसी सफलता हासिल की। उनकी उपलब्धियां यह थीं कि उन्होंने तैराकी से इंग्लिश चैनल पार किया। इससे वेंकटेश की अपनी विकलांगता और खेल को देखने की धारणा बदल जाती है। चैंपियन पैरा खिलाड़ी के. वाई. वेंकटेश [[बेंगलुरु]] के रहने वाले हैं। उनका बौनापन एक चिकित्सीय/शारीरिक स्थिति का परिणाम था। लेकिन फिर भी उन्होंने [[2005]] में वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में सबसे ज्यादा मेडल जीते और मास्टर्स डिग्री के साथ एक अच्छा अकादमिक कॅरियर भी बनाया।<ref name="pp">{{cite web |url= https://www.kreedon.com/hi/ky-venkatesh-dwarf-athlete/?amp|title=केवाई वेंकटेश, भारत के एक महान बौने एथलीट|accessmonthday=07 जुलाई|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= kreedon.com|language=हिंदी}}</ref> | 4 फीट 2 इंच लंबे इस भारतीय चैंपियन ने पोलियो से पीड़ित एक महिला की [[कहानी]] से मिली प्रेरणा की ऐसी सफलता हासिल की। उनकी उपलब्धियां यह थीं कि उन्होंने तैराकी से इंग्लिश चैनल पार किया। इससे वेंकटेश की अपनी विकलांगता और खेल को देखने की धारणा बदल जाती है। चैंपियन पैरा खिलाड़ी के. वाई. वेंकटेश [[बेंगलुरु]] के रहने वाले हैं। उनका बौनापन एक चिकित्सीय/शारीरिक स्थिति का परिणाम था। लेकिन फिर भी उन्होंने [[2005]] में वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में सबसे ज्यादा मेडल जीते और मास्टर्स डिग्री के साथ एक अच्छा अकादमिक कॅरियर भी बनाया।<ref name="pp">{{cite web |url= https://www.kreedon.com/hi/ky-venkatesh-dwarf-athlete/?amp|title=केवाई वेंकटेश, भारत के एक महान बौने एथलीट|accessmonthday=07 जुलाई|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= kreedon.com|language=हिंदी}}</ref> | ||
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10:21, 7 जुलाई 2021 के समय का अवतरण
के. वाई. वेंकटेश
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पूरा नाम | के. वाई. वेंकटेश |
जन्म भूमि | बैंगलुरू |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | भारतीय पैरा एथलीट |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री (2021) |
प्रसिद्धि | पैरा एथलीट |
नागरिकता | भारतीय |
कद | 4 फीट 2 इंच |
अन्य जानकारी | अपने कॅरियर के दौरान के. वाई. वेंकटेश ने एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, फ़ुटबॉल और बैडमिंटन जैसी विभिन्न प्रतिस्पधाओं में पदक जीते हैं। |
अद्यतन | 15:44, 7 जुलाई 2021 (IST)
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के. वाई. वेंकटेश (अंग्रेज़ी: K. Y. Venkatesh) भारतीय पैरा एथलीट हैं। उनका जन्म एकान्ड्रप्लेश़ यानि बौनेपन के साथ हुआ। इसके कारण उनका कद 4 फीट 2 इंच ही रह गया। चौथे वर्ल्ड ड्वॉर्फ गेम्स में छह पदक जीतकर 2005 में उन्होंने 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में अपना नाम दर्ज कराया था। यह वास्तव में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, कई सक्षम एथलीटों ने इस तरह की पहचान हासिल नहीं की है। वर्ष 2021 में आपको भारत सरकार ने 'पद्म श्री' से सम्मानित किया है।
परिचय
के. वाई. वेंकटेश अपने परिवार में एक बड़े भाई और चार बहनों के साथ सबसे छोटे थे। उनके पिता एक सरकारी आयुर्वेद चिकित्सक थे, जिन्होंने वेंकटेश की खेलों में रुचि विकसित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। जब वे हाई स्कूल में थे, तब वे उन्हें शतरंज में प्रशिक्षित करते थे, जिससे युवा वेंकटेश को इसमें भाग लेने का मौका मिलता था।
4 फीट 2 इंच लंबे इस भारतीय चैंपियन ने पोलियो से पीड़ित एक महिला की कहानी से मिली प्रेरणा की ऐसी सफलता हासिल की। उनकी उपलब्धियां यह थीं कि उन्होंने तैराकी से इंग्लिश चैनल पार किया। इससे वेंकटेश की अपनी विकलांगता और खेल को देखने की धारणा बदल जाती है। चैंपियन पैरा खिलाड़ी के. वाई. वेंकटेश बेंगलुरु के रहने वाले हैं। उनका बौनापन एक चिकित्सीय/शारीरिक स्थिति का परिणाम था। लेकिन फिर भी उन्होंने 2005 में वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में सबसे ज्यादा मेडल जीते और मास्टर्स डिग्री के साथ एक अच्छा अकादमिक कॅरियर भी बनाया।[1]
कॅरियर
अपने कॅरियर के दौरान के. वाई. वेंकटेश ने एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, फ़ुटबॉल और बैडमिंटन जैसी विभिन्न प्रतिस्पधाओं में पदक जीते हैं। इतना ही नहीं ऑस्ट्रिया में आयोजित एक बहु विकलांगता चैंपियनशिप की शॉट पुट स्पर्धा में स्वर्ण पदक भी जीता। साल 2004 में ओपन ट्रैक एंड फील्ड चैम्पियनशिप की शॉट पुट, डिस्कस थ्रो और भाला फेंक स्पर्धा में उन्होंने तीन स्वर्ण और दो रजत पदक पर कब्जा जमाया। अपनी महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 2006 में हॉकी में स्वर्ण, फुटबॉल और बास्केटबॉल में रजत और 2006 की यूरोपियन ओपन चैम्पियनशिप की बैडमिंटन स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया।
साल 2012 में खेलों से सन्यास लेने के बाद के. वाई. वेंकटेश ने कर्नाटक पैरा-बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव के रूप में काम किया। के. वाई. वेंकटेश विकलांग व्यक्तियों के बीच खेल को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए प्रशासनिक स्तर पर काम कर रहे हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ केवाई वेंकटेश, भारत के एक महान बौने एथलीट (हिंदी) kreedon.com। अभिगमन तिथि: 07 जुलाई, 2021।