"अंचिता शेउली": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 57: | पंक्ति 57: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}} | {{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}} | ||
[[Category:पुरुष खिलाड़ी]][[Category:भारोत्तोलक]][[Category:भारोत्तोलन]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:खेलकूद कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]] | [[Category:पुरुष खिलाड़ी]][[Category:भारोत्तोलक]][[Category:भारोत्तोलन]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:खेलकूद कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:राष्ट्रमंडल खेल 2022]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
08:30, 13 अगस्त 2022 के समय का अवतरण
अंचिता शेउली
| |
पूरा नाम | अंचिता शेउली |
अन्य नाम | अंचिता |
जन्म | 24 नवम्बर, 2001 |
जन्म भूमि | देउलपुर, पश्चिम बंगाल |
अभिभावक | पिता- जगत शेउली माता- पूर्णिमा शेउली |
पति/पत्नी | अविवाहित |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | भारोत्तोलन (वेटलिफ़्टिंग) |
प्रसिद्धि | भारतीय भारोत्तोलक |
नागरिकता | भारतीय |
लम्बाई | 5 फीट 7 इंच |
कोच | विजय शर्मा |
अन्य जानकारी | अचिंता शेउली 73 कि.ग्रा. भार वर्ग में खेलते हैं। उन्होंने वर्ल्ड लिफ्टिंग चैंपियनशिप, 2021 में ही सिल्वर पदक अपने नाम कर लिया था। फिर कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में उन्होंने भारत के लिए तीसरा स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया है। |
अद्यतन | 16:52, 3 अगस्त 2022 (IST)
|
अंचिता शेउली (अंग्रेज़ी: Anchita Sheuli, जन्म- 24 नवम्बर, 2001) भारतीय भारोत्तोलक हैं, जो 73 किलोग्राम भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं। उन्होंने साल 2021 की जूनियर विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। वह दो बार राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता हैं। साल 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022, बर्मिघम, इंग्लैंड) में अंचिता शेउली ने 313 किलोग्राम का वज़न उठाकर खेलों का रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक जीत लिया।
परिचय
अंचिता शेउली का जन्म 24 नवंबर, 2001 को देउलपुर, पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूल से की और उसके बाद वह पूरी तरह से अपने भारोत्तोलन कॅरियर पर ध्यान केंद्रित करने लगे। जब अंचिता शेउली सिर्फ 10 साल के थे तो एक दिन पतंग पकड़ते-पकड़ते वे जिम तक जा पहुंचे। वहां इनके बड़े भाई आलोक वेटलिफ्टिंग की प्रैक्टिस करते थे। अंचिता शेउली को यही से प्रेरणा मिली और उनका झुकाव वेटलिफ्टिंग की तरफ हुआ। हालांकि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। पिता जगत साइकिल रिक्शा चलाते थे और मजदूरी मिलने पर मजदूर का काम भी करते थे, ताकि परिवार की जरूरतें पूरी हो सकें।[1]
पिता की मृत्यु
वर्ष 2013 में पिता की अचानक मौत ने अंचिता शेउली के परिवार के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया। पिता की मौत के बाद उनके भाई आलोक का सपना भी टूट गया। आलोक ने वेटलिफ्टिंग छोड़ दी और परिवार की जिम्मेदारी के लिए काम करने लगे। उनकी माता पूर्णिमा शेउली ने भी सिलाई-बुनाई का काम शुरू कर दिया ताकि बच्चों का पेट पाल सकें।
पिता की मौत के बाद अंचिता शेउली के बड़े भाई आलोक ने खुद वेटलिफ्टर बनने का सपना छोड़ दिया था, लेकिन अचिंता को वेटलिफ्टर बनाने का सपना संजो लिया। अंचिता शेउली भी टूट चुके थे और खेल से दूरी बनाना चाहते थे, क्योंकि घर की हालत ही ऐसी थी। लेकिन जिला स्तर, जूनियर लेवल और नेशनल स्तर पर उनके प्रदर्शन ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। भाई आलोक के अनुसार, मैं जो भी पैसे बचाता था, कोशिश करता था कि अचिंता की डाइट पूरी कर सकूं। हमने बहुत कम संसाधनों में भी प्रैक्टिस शुरू की और अचिंता लगातार बेहतर प्रदर्शन करते रहे। अचिंता के बेहतर प्रदर्शन ने उन्हें ऐसी पोजीशन पर ला दिया कि एक फाउंडेशन ने उनकी मदद की।
कॅरियर
अचिंता शेउली ने अपने वेटलिफ्टिंग कॅरियर की शुरुआत सन 2011 में की। उनके भाई ने ही उन्हें भारोत्तोलन में जाने के लिए प्रेरित किया था और उसी ने उन्हें पहले ट्रेनिंग दी थी। जो कि एक वेटलिफ्टर भी रहे हैं, अचिंता ने अपना पहला पदक सन 2015 में जीता। उन्होंने सन 2015 में कॉमनवल्थ यूथ चैंपियनशिप में भारत के लिए अपना पहला पदक जीता था। फिर वह लगातार ऐसा शानदार प्रदर्शन करते रहे और साल 2015 में ही आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में भी शामिल हो गए और उसी साल वहां इंडियन नेशनल कैंप में भी शामिल हुए। उन्होंने आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में 2016 व 2017 में ट्रेनिंग की।[1]
साल 2019 में रिलायंस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट ने अपने एलीट एथलीट स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत अंचिता शेउली का चयन किया। इस प्रोग्राम ने न सिर्फ आर्थिक मदद की बल्कि स्पोर्ट्स सोइकोथेरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस स्पेशलिस्ट भी अचिंता के लिए उपलब्ध कराए। फाउंडेश के हॉस्पिटल में अचिंता के न्यूट्रीशंस, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग, साइकोलॉजिक और डेटा एनालिसिस की व्यवस्था थी ताकि वे इंटरनेशनल कंपीटिशन के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकें। 2019 में कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप से शुरू हुई। अंचिता शेउली के स्पोर्ट्स कॅरियर की शुरुआत। उन्होंने 73 किलोग्राम कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता और उनका कॅरियर शुरू हो गया। इसके बाद उन्होंने फिर से कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियनशिप, 2021 में स्वर्ण पदक जीता।
अचिंता शेउली 73 किलो भार वर्ग में खेलते हैं, जिसके बाद उन्होंने वर्ल्ड लिफ्टिंग चैंपियनशिप, 2021 में ही सिल्वर पदक अपने नाम कर लिया। फिर कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में उन्होंने भारत के लिए तीसरा स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया है। ==कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में अचिंता शेउली ने 73 किलोग्राम भारवर्ग में भारत की ओर से प्रतिभाग किया। उन्होंने स्नैच में 143 कि.ग्रा. का वजन उठाया। क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में 166 कि.ग्रा. और तीसरे प्रयास में 170 किलोग्राम का वजन उठाया। वह दूसरे प्रयास में फेल भी हुए लेकिन तीसरे प्रयास में 170 कि.ग्रा. वजन उठाकर कुल 313 कि.ग्रा. वजन उठाया। यह कॉमनवेल्थ के लिए भी एक रिकॉर्ड है। खास बात यह रही कि उन्होंने सिल्वर जीतने वाले मलेशियाई खिलाड़ी से 10 कि.ग्रा. ज्यादा वजन उठाया और कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 का स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
उपलब्धियाँ
- अंचिता शेउली ने वर्ष 2019 में कॉमनवेल्थ गेम वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 73 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
- 2015 में कॉमनवेल्थ यूथ चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीता।[1]
- वर्ष 2018 में एशियाई यूथ चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीता।
- वर्ष 2021 में कॉमनवेल्थ गेम वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 73 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
- वर्ष 2021 में जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 73 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता।
- वर्ष 2022 में कॉमनवेल्थ गेम के 73 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 अचिंता शेउली का जीवन परिचय (हिंदी) gyanfast.com। अभिगमन तिथि: 03 जुलाई, 2022।
संबंधित लेख