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'''मिंगन्ती''' [[चीन]] के प्रारम्भिक हान वंश का एक महान सम्राट (58-75 ई.) था। सम्राट मिंगन्ती ने 62 ई. में अपने राजदूत [[भारत]] भेजे थे। वह चीन का प्रथम सम्राट था, जिसने सबसे पहले चीन में [[महात्मा बुद्ध]] द्वारा प्रवर्तित [[बौद्ध धर्म]] का प्रचार-प्रसार किया था।
'''मिंगन्ती''' [[चीन]] के प्रारम्भिक हान वंश का एक महान् सम्राट (58-75 ई.) था। सम्राट मिंगन्ती ने 62 ई. में अपने राजदूत [[भारत]] भेजे थे। वह चीन का प्रथम सम्राट था, जिसने सबसे पहले चीन में [[महात्मा बुद्ध]] द्वारा प्रवर्तित [[बौद्ध धर्म]] का प्रचार-प्रसार किया था।


*मिंगन्ती ने 62 ई. में स्वप्न में भगबान बुद्ध का दर्शन किया था।
*मिंगन्ती ने 62 ई. में स्वप्न में भगबान बुद्ध का दर्शन किया था।

11:21, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

मिंगन्ती चीन के प्रारम्भिक हान वंश का एक महान् सम्राट (58-75 ई.) था। सम्राट मिंगन्ती ने 62 ई. में अपने राजदूत भारत भेजे थे। वह चीन का प्रथम सम्राट था, जिसने सबसे पहले चीन में महात्मा बुद्ध द्वारा प्रवर्तित बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया था।

  • मिंगन्ती ने 62 ई. में स्वप्न में भगबान बुद्ध का दर्शन किया था।
  • इसी के फलस्वरूप उसने बुद्ध तथा उनके धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए राजदूत भारत भेजे।
  • उसके राजदूत कुछ बौद्ध ग्रन्थ, मूर्तियाँ तथा भारतीय बौद्ध भिक्षुओं-'काश्यप भातंग' तथा 'गोवर्धन' को लेकर चीन वापस लौटे।
  • बाद के दिनों में काश्यप भातंग तथा गोवर्धन दोनों भारतीय भिक्षु चीन में ही बस गये।
  • उन्होंने कुछ बौद्ध ग्रन्थों का चीनी भाषा में अनुवाद किया तथा कुछ चीनियों को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया।
  • इस प्रकार सम्राट मिंगन्ती ने ही सबसे पहले चीन में बौद्ध धर्म का प्रवेश कराया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 362 |


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