"बी. के. एस. आयंगर": अवतरणों में अंतर
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'''बी. के. एस. आयंगर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''B. K. S. Iyengar'', जन्म- [[14 दिसम्बर]], [[1918]], [[वेल्लूर]], [[कर्नाटक]], मृत्यु- [[20 अगस्त]], [[2014]], [[पुणे]], [[महाराष्ट्र]]) [[योग]] का दुनिया से परिचय कराने वाले प्रसिद्ध भारतीय योग गुरु थे। उन्हें "आधुनिक योग का जनक" माना जाता है। उनकी उपलब्धियों के कारण उन्हें [[2002]] में '[[पद्मभूषण]]' और [[2014]] में '[[पद्मविभूषण]]' से सम्मानित किया गया था। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ योग गुरुओं में उनका एक महत्वपूर्ण स्थान है। बी. के. एस. आयंगर ने 'आयंगर योग' की स्थापना की तथा इसे सम्पूर्ण विश्व में मशहूर बनाया। 'टाइम' पत्रिका ने [[2004]] में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों की सूची में उनका नाम शामिल किया था। | '''बी. के. एस. आयंगर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''B. K. S. Iyengar'', जन्म- [[14 दिसम्बर]], [[1918]], [[वेल्लूर]], [[कर्नाटक]], मृत्यु- [[20 अगस्त]], [[2014]], [[पुणे]], [[महाराष्ट्र]]) [[योग]] का दुनिया से परिचय कराने वाले प्रसिद्ध भारतीय योग गुरु थे। उन्हें "आधुनिक योग का जनक" माना जाता है। उनकी उपलब्धियों के कारण उन्हें [[2002]] में '[[पद्मभूषण]]' और [[2014]] में '[[पद्मविभूषण]]' से सम्मानित किया गया था। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ योग गुरुओं में उनका एक महत्वपूर्ण स्थान है। बी. के. एस. आयंगर ने 'आयंगर योग' की स्थापना की तथा इसे सम्पूर्ण विश्व में मशहूर बनाया। 'टाइम' पत्रिका ने [[2004]] में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों की सूची में उनका नाम शामिल किया था। | ||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
बी. के. एस. आयंगर का जन्म [[14 दिसंबर]], [[1918]] को [[कर्नाटक|कर्नाटक राज्य]] के | बी. के. एस. आयंगर का जन्म [[14 दिसंबर]], [[1918]] को [[कर्नाटक|कर्नाटक राज्य]] के वेल्लूर नामक स्थान पर एक [[ब्राह्मण]] [[परिवार]] में हुआ था। उनका पूरा नाम बेल्लुर कृष्णामचार सुंदरराजा आयंगर है। अपने बाल्यकाल में बी. के. एस. आयंगर [[मलेरिया]], टायफाइड और [[क्षय रोग|क्षय]] (टीबी) जैसे गंभीर रोगों से पीड़ित हुए थे। बहुत उपचार करने के बाद भी वह इस रोग से निजात नहीं पा सके। [[1934]] में जब वह 16 वर्ष के थे, उन्होंने योग गुरु टी. कृष्णामचार्य से [[योग]] की शिक्षा लेना प्रारम्भ किया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और योग को ही अपना कर्म बना लिया। उन्होंने योग से अपनी सभी बीमारियों को दूर किया और एक दीर्घ आयु प्राप्त की। बी. के. एस. आयंगर के 'अष्टांग योग' की आज दुनिया भर में मान्यता है।<ref>{{cite web |url=http://yogshikhar.blogspot.in/p/iyengar-1991-2002-2014-14-1918-1934-16.html |title=बी.के.एस.अयंगर |accessmonthday=27 दिसम्बर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=yogshikhar.blogspot.in |language= हिंदी}}</ref> | ||
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बी. के. एस. आयंगर को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ योग गुरुओं में से एक माना जाता है। उन्होंने इस विषय पर कई प्रसिद्ध किताबें भी लिखी हैं, जैसे- | बी. के. एस. आयंगर को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ योग गुरुओं में से एक माना जाता है। उन्होंने इस विषय पर कई प्रसिद्ध किताबें भी लिखी हैं, जैसे- | ||
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आयंगर योग [[हठयोग]] का एक प्रकार है, जिसमें आसन के विकास के माध्यम से भौतिक शरीर के संरचनात्मक संरेखण पर ध्यान दिया जाता है। आसन की एक प्रणाली के अभ्यास के माध्यम से, यह स्वास्थ्य और भलाई के लिए शरीर, मन और [[आत्मा]] को एकजुट करता है। आधुनिक जीवन के तनाव को राहत देने के लिए ये एक शक्तिशाली उपकरण माना जाता है। आयंगर योग तीन प्रमुख तत्वों द्वारा [[योग]] की अन्य शैलियों से अलग है- तकनीक, क्रम और समय। | [[चित्र:B-K-S-Iyengar-1.jpg|thumb|200px|left|योग मुद्रा में बी. के. एस. आयंगर]] | ||
[[आयंगर योग]] [[हठयोग]] का एक प्रकार है, जिसमें आसन के विकास के माध्यम से भौतिक शरीर के संरचनात्मक संरेखण पर ध्यान दिया जाता है। आसन की एक प्रणाली के अभ्यास के माध्यम से, यह स्वास्थ्य और भलाई के लिए शरीर, मन और [[आत्मा]] को एकजुट करता है। आधुनिक जीवन के तनाव को राहत देने के लिए ये एक शक्तिशाली उपकरण माना जाता है। आयंगर योग तीन प्रमुख तत्वों द्वारा [[योग]] की अन्य शैलियों से अलग है- तकनीक, क्रम और समय। | |||
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11:42, 5 मार्च 2022 के समय का अवतरण
बी. के. एस. आयंगर
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पूरा नाम | बेल्लुर कृष्णामचार सुंदरराजा आयंगर |
जन्म | 14 दिसम्बर, 1918 |
जन्म भूमि | वेल्लूर, कर्नाटक |
मृत्यु | 20 अगस्त, 2014 |
मृत्यु स्थान | पुणे, महाराष्ट्र |
पति/पत्नी | रमामणि |
गुरु | टी. कृष्णामचार्य |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | 'योगा प्रैक्टिसेज', 'फिलोसोफी लाइट अॉन योग', 'लाइट अॉन प्राणायाम', 'लाइट अॉन द योग सूत्र अॉफ़ पतंजलि', 'लाइट अॉफ़ लाइफ़' आदि। |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण (2002), पद्म विभूषण (2014) |
प्रसिद्धि | योगाचार्य |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | बी. के. एस. आयंगर ने 'आयंगर योग' की स्थापना की थी। 'टाइम' पत्रिका ने 2004 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों की सूची में बी. के. एस. आयंगर का नाम शामिल किया था। |
बी. के. एस. आयंगर (अंग्रेज़ी: B. K. S. Iyengar, जन्म- 14 दिसम्बर, 1918, वेल्लूर, कर्नाटक, मृत्यु- 20 अगस्त, 2014, पुणे, महाराष्ट्र) योग का दुनिया से परिचय कराने वाले प्रसिद्ध भारतीय योग गुरु थे। उन्हें "आधुनिक योग का जनक" माना जाता है। उनकी उपलब्धियों के कारण उन्हें 2002 में 'पद्मभूषण' और 2014 में 'पद्मविभूषण' से सम्मानित किया गया था। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ योग गुरुओं में उनका एक महत्वपूर्ण स्थान है। बी. के. एस. आयंगर ने 'आयंगर योग' की स्थापना की तथा इसे सम्पूर्ण विश्व में मशहूर बनाया। 'टाइम' पत्रिका ने 2004 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों की सूची में उनका नाम शामिल किया था।
परिचय
बी. के. एस. आयंगर का जन्म 14 दिसंबर, 1918 को कर्नाटक राज्य के वेल्लूर नामक स्थान पर एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम बेल्लुर कृष्णामचार सुंदरराजा आयंगर है। अपने बाल्यकाल में बी. के. एस. आयंगर मलेरिया, टायफाइड और क्षय (टीबी) जैसे गंभीर रोगों से पीड़ित हुए थे। बहुत उपचार करने के बाद भी वह इस रोग से निजात नहीं पा सके। 1934 में जब वह 16 वर्ष के थे, उन्होंने योग गुरु टी. कृष्णामचार्य से योग की शिक्षा लेना प्रारम्भ किया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और योग को ही अपना कर्म बना लिया। उन्होंने योग से अपनी सभी बीमारियों को दूर किया और एक दीर्घ आयु प्राप्त की। बी. के. एस. आयंगर के 'अष्टांग योग' की आज दुनिया भर में मान्यता है।[1]
पुस्तकें
बी. के. एस. आयंगर को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ योग गुरुओं में से एक माना जाता है। उन्होंने इस विषय पर कई प्रसिद्ध किताबें भी लिखी हैं, जैसे-
- योगा प्रैक्टिसेज
- फिलोसोफी लाइट अॉन योग
- लाइट अॉन प्राणायाम
- लाइट अॉन द योग सूत्र अॉफ़ पतंजलि
- लाइट अॉफ़ लाइफ़
आयंगर योग
आयंगर योग हठयोग का एक प्रकार है, जिसमें आसन के विकास के माध्यम से भौतिक शरीर के संरचनात्मक संरेखण पर ध्यान दिया जाता है। आसन की एक प्रणाली के अभ्यास के माध्यम से, यह स्वास्थ्य और भलाई के लिए शरीर, मन और आत्मा को एकजुट करता है। आधुनिक जीवन के तनाव को राहत देने के लिए ये एक शक्तिशाली उपकरण माना जाता है। आयंगर योग तीन प्रमुख तत्वों द्वारा योग की अन्य शैलियों से अलग है- तकनीक, क्रम और समय।
उल्लेखनीय तथ्य
- गूगल ने अपने चिर परिचित अंदाज़ में योग गुरु बी. के. एस. आयंगर के 97वें जन्मदिन पर एक डूडल तैयार किया था, जिसमें एनिमेशन के ज़रिए योग के विभिन्न आसानों को दिखाया गया था।
- बी. के. एस. आयंगर का नाम टाइम पत्रिका की 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में भी शामिल था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बी.के.एस.अयंगर (हिंदी) yogshikhar.blogspot.in। अभिगमन तिथि: 27 दिसम्बर, 2016।