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* यहाँ | [[चित्र:Culture-icon-2.png|right|90px]] | ||
* यहाँ हम भारतीय संस्कृति से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय संस्कृति विश्व की प्रधान संस्कृति है, यह कोई गर्वोक्ति नहीं, बल्कि वास्तविकता है। भारतीय संस्कृति को देव संस्कृति कहकर सम्मानित किया गया है। | |||
- | * भारत के अनेकों धर्मों तथा परम्पराओं और उनका आपस में संमिश्रण ने विश्व के अनेकों स्थानों को भी प्रभावित किया है। हजारों वर्षों से भारत की सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाओं, रीति-रिवाजों आदि में विविधता बनी रही है जो कि आज भी विद्यमान है, और यही अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की महान विशेषता है। | ||
{{प्रांगण नोट}} | {{प्रांगण नोट}} | ||
| | {{Headnote2|मुख्य आकर्षण- [[:श्रेणी:संस्कृति कोश|संस्कृति कोश]] '''·''' [[भारतीय संस्कृति]]}} | ||
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<div style="padding-left:8px; background:#efeabd; border:thin solid #d2cd9f;">'''विशेष आलेख'''</div> | |||
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[ | <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[दीपावली]]'''</div> | ||
[[चित्र:Lakshmi-Ganesh-Saraswati.jpg|right|120px|right|लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती |link=दीपावली]] | |||
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'''[[दीपावली]]''' अथवा '''दिवाली''' [[भारत]] के प्रमुख त्योहारों में से एक है। त्योहारों का जो वातावरण [[धनतेरस]] से प्रारम्भ होता है, वह दिवाली के दिन पूरे चरम पर आता है। दीपावली की रात्रि को घरों तथा दुकानों पर भारी संख्या में [[दीपक]], मोमबत्तियां और बल्ब जलाए जाते हैं। दीपावली [[भारत]] के त्योहारों में अपना विशिष्ट स्थान रखती है। इस दिन [[महालक्ष्मी देवी|लक्ष्मी]] के पूजन का विशेष विधान है। रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी [[महालक्ष्मी देवी|महालक्ष्मीजी]], विघ्न-विनाशक [[गणेश]] जी और विद्या एवं कला की देवी मातेश्वरी [[सरस्वती देवी]] की पूजा-आराधना की जाती है। [[ब्रह्मपुराण]] के अनुसार [[कार्तिक]] [[अमावस्या]] की इस अंधेरी रात्रि अर्थात अर्धरात्रि में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक में आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार [[कार्तिक]] [[अमावस्या]] को भगवान श्री [[राम|रामचंद्रजी]] चौदह वर्ष का वनवास काटकर तथा असुरी वृत्तियों के प्रतीक [[रावण]] का संहार करके [[अयोध्या]] लौटे थे तब अयोध्यावासियों ने राम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। इसीलिए दीपावली [[हिंदू|हिंदुओं]] के प्रमुख त्योहारों में से एक है। [[दीपावली|.... और पढ़ें]] | |||
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| class=" | | class="bg64" style="border:1px solid #e8d79c;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f5e6b2; border:thin solid #e8d79c;"> '''चयनित लेख'''</div> | ||
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[वैशाखी]]'''</div> | |||
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[ | <div id="rollnone"> [[चित्र:Baisakhi-1.jpg|right|100px|link=वैशाखी]] </div> | ||
<div id="rollnone"> [[चित्र: | <poem> | ||
'''[[वैशाखी]]''' [[पंजाब]] राज्य, [[भारत]] में [[सिक्ख]] समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। देश विदेश में वैशाखी के अवसर पर, विशेषकर पंजाब में मेले लगते हैं। लोग सुबह-सुबह सरोवरों और नदियों में [[स्नान]] कर मंदिरों और गुरुद्वारों में जाते हैं। लंगर लगाये जाते हैं और चारों तरफ़ लोग प्रसन्न दिखलायी देते हैं। विशेषकर किसान, [[गेहूँ]] की फ़सल को देखकर उनका मन नाचने लगता है। गेहूँ को पंजाबी किसान '[[कनक]]' यानि [[सोना]] मानते हैं। यह फ़सल किसान के लिए सोना ही होती है, उसकी मेहनत का [[रंग]] दिखायी देता है। वैशाखी पर गेहूँ की कटाई शुरू हो जाती है। वैशाखी पर्व 'बंगाल में पैला (पीला) बैसाख' नाम से, दक्षिण में 'बिशु' नाम से और '[[केरल]], [[तमिलनाडु]], [[असम]] में [[बिहू]]' के नाम से मनाया जाता है। अंग्रेज़ी कलैंडर में तारीखों के बदलाव के कारण अब वैशाखी [[14 अप्रॅल]] को मनायी जाती है। [[वैशाखी|.... और पढ़ें]] | |||
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07:55, 12 मई 2021 के समय का अवतरण
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