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07:08, 17 मार्च 2011 का अवतरण

  • 'सुत्त' का शाब्दिक अर्थ है- धर्मोपदेश।
  • बुद्ध के धार्मिक विचारों व उपदेशों के संग्रह वाला गद्य-पद्य मिश्रित यह पिटक सम्भवतः त्रिपिटकों में सर्वाधिक बड़ा एवं श्रेष्ठ है।
  • यह पिटक पांच निकायों में विभाजित है, जो इस प्रकार है-
  1. दीघनिकाय,
  2. मज्झिमनिकाय,
  3. संयुक्तनिकाय,
  4. अंगुत्तरनिकाय और
  5. खुद्दकनिकाय



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