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'''एम. पी. जबीर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Jabir Madari Pillyalil'', जन्म- [[8 जून]], [[1996]], मंजेरी, [[केरल]]) भारतीय एथलीट हैं। उन्होंने ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो) में [[भारत]] की ओर से 400 मीटर बाधा दौड़ में प्रतिभाग किया था। [[23 जुलाई]], [[2021]] से शुरू हुये टोक्यो ओलम्पिक में एम. पी. जबीर ने विश्व रैंकिंग के माध्यम से ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन वह कोई पदक नहीं जीत सके। एम. पी. जबीर को वर्ल्ड एथलेटिक्स की रोड टू ओलंपिक रैंकिंग में 34वां स्थान मिला था, जहां 40 एथलीटों ने टोक्यो ओलम्पिक के लिये क्वालीफाई किया था। [[29 जून]], [[2021]] को [[पटियाला]] में संपन्न हुई इंटर स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एम. पी. जबीर ने 400 मीटर बाधा दौड़ में 49.78 सेकेंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता था।
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==परिचय==
==परिचय==
एम. पी. जबीर ने 11वीं कक्षा में ही दौड़ में रुचि लेना शुरू कर दिया था, लेकिन उन्हें कुछ आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके पहले कोच अजयन ने उनका खर्चा उठाया। उन्होंने अपने हाई-स्कूल के दिनों में अजयन के निर्देशन में प्रशिक्षण लिया, लेकिन बाद में भारतीय नौसेना में शामिल हो गए और वहां अभ्यास करना शुरू कर दिया। फिर वो [[2016]] में पहली बार राष्ट्रीय शिविर में शामिल हुए और कुछ अनुभवी कोचों के अधीन उचित प्रशिक्षण प्राप्त करना शुरू किया।<ref name="pp">{{cite web |url=https://olympics.com/hi/news/who-is-mp-jabir-five-things-to-know-about-the-tokyo-bound-indian-athlete |title=कौन हैं टोक्यो जाने वाले भारतीय एथलीट एमपी जबीर?|accessmonthday=19 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= olympics.com|language=हिंदी}}</ref>
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==रूसी ओलंपियन का प्रभाव==
==रूसी ओलंपियन का प्रभाव==
पूर्व रूसी ओलंपियन गेलिना बुखारिना ने पिछले कुछ वर्षों में एम. पी. जबीर सहित भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीटों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने पाया कि हर्डलर का रवैया सही था, लेकिन उनकी तकनीक सही नहीं थी और उसे ठीक करने में उन्होंने मदद की। इसके परिणाम कुछ ही समय में नजर आने शुरू हो गए क्योंकि एम. पी. जबीर ने[[ 2017]] एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। बुखारिना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि "वह (जबीर) अपने कांस्य पदक के साथ रात को लगभग 12 बजे मेरे कमरे में आया और कहा, 'कोच पदक यहां है'।"
पूर्व रूसी ओलंपियन गेलिना बुखारिना ने पिछले कुछ वर्षों में एम. पी. जबीर सहित भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीटों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने पाया कि हर्डलर का रवैया सही था, लेकिन उनकी तकनीक सही नहीं थी और उसे ठीक करने में उन्होंने मदद की। इसके परिणाम कुछ ही समय में नजर आने शुरू हो गए क्योंकि एम. पी. जबीर ने [[ 2017]] एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। बुखारिना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि "वह (जबीर) अपने कांस्य पदक के साथ रात को लगभग 12 बजे मेरे कमरे में आया और कहा, 'कोच पदक यहां है'।"
==पीटी उषा की राह==
==पीटी उषा की राह==
एम. पी. जबीर ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, 2020 में 400 मीटर बाधा दौड़ में भाग लेने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट रहे। ट्रैक एंड फील्ड दिग्गज [[पीटी उषा]] [[1984]] के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला थीं। संयोग से उषा और जबीर दोनों [[भारत]] के [[केरल]] राज्य से आते हैं।<ref name="pp"/>
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==भारतीय नौसेना में नौकरी==
==भारतीय नौसेना में नौकरी==
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10:57, 19 अगस्त 2021 के समय का अवतरण

एम. पी. जबीर
एम. पी. जबीर
एम. पी. जबीर
पूरा नाम एम. पी. जबीर
जन्म 8 जून, 1996
जन्म भूमि मंजेरी, केरल
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र ट्रैक एंड फील्ड (400 मी. बाधा दौड़)
प्रसिद्धि भारतीय एथलीट
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी एम. पी. जबीर ने 2017 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
अद्यतन‎

एम. पी. जबीर (अंग्रेज़ी: Jabir Madari Pillyalil, जन्म- 8 जून, 1996, मंजेरी, केरल) भारतीय एथलीट हैं। उन्होंने ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो) में भारत की ओर से 400 मीटर बाधा दौड़ में प्रतिभाग किया था। 23 जुलाई, 2021 से शुरू हुये टोक्यो ओलम्पिक में एम. पी. जबीर ने विश्व रैंकिंग के माध्यम से ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन वह कोई पदक नहीं जीत सके। एम. पी. जबीर को वर्ल्ड एथलेटिक्स की रोड टू ओलंपिक रैंकिंग में 34वां स्थान मिला था, जहां 40 एथलीटों ने टोक्यो ओलम्पिक के लिये क्वालीफाई किया था। 29 जून, 2021 को पटियाला में संपन्न हुई इंटर स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एम. पी. जबीर ने 400 मीटर बाधा दौड़ में 49.78 सेकेंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता था।

परिचय

एम. पी. जबीर ने 11वीं कक्षा में ही दौड़ में रुचि लेना शुरू कर दिया था, लेकिन उन्हें कुछ आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनके पहले कोच अजयन ने उनका खर्चा उठाया। उन्होंने अपने हाई-स्कूल के दिनों में अजयन के निर्देशन में प्रशिक्षण लिया, लेकिन बाद में भारतीय नौसेना में शामिल हो गए और वहां अभ्यास करना शुरू कर दिया। फिर वो 2016 में पहली बार राष्ट्रीय शिविर में शामिल हुए और कुछ अनुभवी कोचों के अधीन उचित प्रशिक्षण प्राप्त करना शुरू किया।[1]

रूसी ओलंपियन का प्रभाव

पूर्व रूसी ओलंपियन गेलिना बुखारिना ने पिछले कुछ वर्षों में एम. पी. जबीर सहित भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीटों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने पाया कि हर्डलर का रवैया सही था, लेकिन उनकी तकनीक सही नहीं थी और उसे ठीक करने में उन्होंने मदद की। इसके परिणाम कुछ ही समय में नजर आने शुरू हो गए क्योंकि एम. पी. जबीर ने 2017 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। बुखारिना ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि "वह (जबीर) अपने कांस्य पदक के साथ रात को लगभग 12 बजे मेरे कमरे में आया और कहा, 'कोच पदक यहां है'।"

पीटी उषा की राह

एम. पी. जबीर ग्रीष्मकालीन ओलंपिक, 2020 में 400 मीटर बाधा दौड़ में भाग लेने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट रहे। ट्रैक एंड फील्ड दिग्गज पीटी ऊषा 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में 400 मीटर बाधा दौड़ में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला थीं। संयोग से उषा और जबीर दोनों भारत के केरल राज्य से आते हैं।[1]

भारतीय नौसेना में नौकरी

एम. पी. जबीर ने भारतीय नौसेना और सर्विसेज का प्रतिनिधित्व करते हुए कई आयोजनों में भाग लिया है। वह भारतीय नौसेना में नौकरी करते हैं और वर्तमान में भारत के कोच्चि में मालाबार तट पर तैनात हैं। टोक्यो 2020 के लिए खुद को तैयार करने के लिए नौसेना प्रशिक्षण टीम की मदद से अभ्यास किया। विशेष प्रशिक्षण सत्रों ने उन्हें ओलंपिक खेलों से पहले के महत्वपूर्ण महीनों में चोटों से दूर रखा।

फुटबॉल प्रशंसक

हालांकि, एथलेटिक्स एम. पी. जबीर की पहली पसंद है। इसके साथ ही वह भारतीय और यूरोपीय फ़ुटबॉल के प्रशंसक हैं। वह पसंदीदा संगीत और प्रेरक उद्बोधन सुनकर आराम करते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 कौन हैं टोक्यो जाने वाले भारतीय एथलीट एमपी जबीर? (हिंदी) olympics.com। अभिगमन तिथि: 19 अगस्त, 2021।

बाहरी कड़ियाँ

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