गुरबचन सिंह रंधावा
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गुरबचन सिंह रंधावा भारत के प्रसिद्ध एथलीटों में गिने जाते हैं। उन्हें भारतीय एथलेटिक्स का सबसे उम्दा ऑलराउंडर कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा। ट्रैक एंड फ़ील्ड की हर विधा में माहिर रंधावा ने स्कूल और कॉलेज के दिनों से ही धमाल मचाना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने बेहतर प्रदर्शन से कई रिकॉर्डों को तोड़ा था।
- पंजाब के इस शेर ने 21 वर्ष की आयु में पहली बार राष्ट्रीय खेलों में अपनी पहचान बनाई थी।
- वर्ष 1960 में गुरबचन सिंह रंधावा ने राजधानी दिल्ली में 5793 प्वाइंट बनाकर डॉ. सीएम मुथैया के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।
- रंधावा ने ऊँची कूद, जैवलिन और 110 मीटर हर्ड्ल्स जीतकर 2 दिनों के अंदर ही चार रिकॉर्ड तोड़ डाले थे।
- 1962 में जकार्ता एशियन गेम्स में 10 इवेंट में एशिया में उन्होंने सबसे जबरदस्त प्रदर्शन किया।
- स्वर्ण पदक विजेता इस भारतीय एथलीट ने जापान के शोशुकी सुज़ुकी को पूरे 550 अंकों के साथ पीछे छोड़ा था।
- गुरबचन सिंह रंधावा ने 1964 में टोक्यो ओलंपिक में यादगार प्रदर्शन किया था, लेकिन किस्मत का साथ ना होने की वजह से वे पदक पाने से चूक गए।
- रंधावा को खेल विरासत में मिला है और मिल्खा सिंह की तरह ही उनके कई रिकॉर्ड वर्षों से सलामत हैं।
- जानकारों की मानें तो यदि डिकेथन में रंधावा को बेहतर सुविधाएँ मिली होतीं तो वे विश्व में चोटी के एथलीटों में शुमार हो सकते थे।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गुरबचन सिंह रंधावा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 14 दिसम्बर, 2012।