विशुद्धिमग्ग

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विशुद्धिमग्ग या 'विसुद्धिमग्ग' बुद्धघोष द्वारा रचित हीनयान सम्प्रदाय का ग्रंथ है।

  • इस ग्रंथ की रचना पाली भाषा में की गई थी। यह त्रिपिटक के बाद सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।
  • ग्रंथ की संरचना 'रथविनितसूत्त' पर आधारित है, जिसमें शिष्य की विशुद्धि से आरम्भ करके निब्बान तक की प्रगति का मार्ग सात सोपानों में बताया गया है।

इन्हें भी देखें: बौद्ध दर्शन, बौद्ध परिषद, बौद्ध धार्मिक स्थल, बौद्ध संगीति एवं बुद्ध


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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