"कालपी" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
+ | {{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | {{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | ||
− | |||
− | |||
[[Category:उत्तर प्रदेश]] | [[Category:उत्तर प्रदेश]] | ||
[[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर]] | [[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक नगर]] | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:इतिहास कोश]] | ||
+ | __INDEX__ |
07:37, 27 मार्च 2011 का अवतरण
- उत्तर प्रदेश के जालौन ज़िले में यमुना तट पर बसे कालपी नगर का इतिहास चंदेलकालीन है।
- दसवीं सदी के मध्य में कालपी में चंदेलों ने अपना राज्य स्थापित किया था।
- चंदेल नरेश मदन वर्मा और परमार्दिदेव (12वीं सदी) के समय कालपी एक समृद्धिशाली नगरी थी।
- 12वीं शताब्दी के अंत में इस पर कुतुबुद्दीन ऐबक का अधिकार हो गया।
- 1435 ई. में मालवा के हुशंगशाह का अधिकार हो गया।
- अकबर के समय कालपी सरकार (ज़िला) का मुख्यालय बन गया।
- अकबर का प्रसिद्ध दरबारी बीरबल कालपी का ही था।
- मध्य काल में कालपी व्यापारिक केन्द्र के रूप में भी जानी जाती थी।
- यहाँ एक दुर्ग बना हुआ था, जिसके अब खण्डहर ही शेष हैं।
- कालपी की प्राचीन इमारतों में दुर्ग के अतिरिक्त बीरबल का रंग महल, मुग़लों की टकसाल, गोपाल मन्दिर आदि हैं।
|
|
|
|
|