"मोरा गाँव" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 +
==संबंधित लेख==
 +
{{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}}
 +
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
 +
 
__INDEX__
 
__INDEX__
  
 
[[Category:मथुरा]]
 
[[Category:मथुरा]]
 
[[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]]
 
[[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]]

13:02, 4 मार्च 2011 का अवतरण

  • मोरा गाँव ज़िला मथुरा, उत्तर प्रदेश में स्थित है।
  • मोरा ग्राम से महाक्षत्रप शोडास[1] के समय का एक शिला पट्ट लेख प्राप्त हुआ था जो मथुरा के संग्रहालय में है। इससे ज्ञात होता है कि इस ग्राम में तोषा नामक किसी स्त्री ने एक मंदिर बनवाकर पंचवीरों की मूर्तियां स्थापित की थीं।
  • डॉ. ल्यूडर्स के मत में इस लेख में जिन पंचवीरों का उल्लेख है वे कृष्ण, बलराम आदि यदुवंशीय योद्धा थे।
  • लेख उच्चकोटि की संस्कृत में है और छंद भुजंगप्रयात है।
  • इसी ग्राम से एक स्त्री की मूर्ति भी प्राप्त हुई है जो ल्यूडर्स के मत में तोषा की है।
  • यहीं से तीन महावीरों की मूर्तियां मिली थीं जो अब मथुरा-संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
  • एक अभिलिखित ईट भी मोरा से प्राप्त हुइ थी जो मथुरा संग्रहालय में सुरक्षित है जिससे ज्ञात होता है कि जिस भवन में यह ईंट लगी थी उसे बृहस्पतिमित्र की पुत्री राजभार्या यशोमती ने बनवाया था।
  • यह बृहस्पतिमित्र वहीं शुंग-वंशीय नरेश जान पड़ता है जिसके सिक्के कौशांबी तथा अहिच्छात्र में प्राप्त हुए थे। यशोमती का विवाह मथुरा के किसी राजा से हुआ होगा।
  • मोरा से क्षत्रप रंजुबल का भी अभिलेख प्राप्त हुआ है। इसमें इसे महाक्षत्रप कहा गया है। इसका समय प्रथम शती ई. है।
  • शकक्षत्रपों के इन अभिलेखों से सिद्ध होता है कि मथुरा पर प्रथम-द्वितीय शती ई. में शकों का प्रभुत्व था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 80-57 ई0 पू0

संबंधित लेख