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रानी महल

रानी महल उत्तर प्रदेश के इतिहास प्रसिद्ध झाँसी ज़िले में स्थित है। भारत की प्रसिद्ध योद्धा तथा वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई का यह महल था, इसीलिए इसे रानी महल कहा जाता है। इस महल का निर्माण नेवालकर परिवार के रघुनाथ द्वितीय ने करवाया था।

  • यह महल देशभक्ति बलों का केंद्र था, जिसका नेतृत्व रानी और मराठा सरदारों तात्या टोपे और नाना साहिब ने किया था, जिन्होनें 1857 ई. में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई लड़ी थी।[1]
  • रानी महल दो मंजिला इमारत है*, जिसकी छत सपाट है तथा इसे चौकोर आँगन के सामने बनाया गया है। आँगन के एक ओर कुआं और दूसरी और फ़व्वारा है।
  • इस महल में छह कक्ष हैं, जिसमें प्रसिद्ध दरबार कक्ष भी शामिल है। ये कक्ष गलियारे के साथ-साथ बनाये गए हैं, जो एक-दूसरे के समानांतर चलते हैं।
  • रानी महल में कुछ छोटे कमरे भी हैं। दरबार कक्ष की दीवारों को विभिन्न वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के चमकदार रंगों वाले चित्रों से सजाया गया है।
  • इस विशाल इमारत का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटिश तोपखाने द्वारा नष्ट कर दिया गया था।
  • झाँसी के इस प्रसिद्ध रानी महल को अब एक ऐतिहासिक संग्रहालय में बदल दिया गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रानी महल, झाँसी (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 06 मई, 2015।

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