"बाबासाहेब पुरंदरे" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे''' (अंग्रेज़ी: ''Balwant Moreshwar...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Balwant Moreshwar Purandare'', जन्म [[29 जुलाई]], [[1922]]; मृत्यु- [[15 नवम्बर]], [[2021]]) मराठी साहित्यकार, नाटककार तथा [[इतिहास]] लेखक थे। वे [[शिवाजी]] से सम्बन्धित इतिहास शोध के लिये प्रसिद्ध रहे। प्रसिद्ध [[नाटक]] 'जाणता राजा' (विवेकशील राजा) उनकी ही कृति है। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें राज्य के सर्वोच्च सम्मान 'महाराष्ट्र भूषण' से सम्मानित किया था। [[भारत सरकार]] द्वारा बाबासाहेब पुरंदरे को '[[पद्म विभूषण]]' से सम्मानित किया गया था।
+
{{सूचना बक्सा साहित्यकार
 +
|चित्र=Balwant-Moreshwar-Purandare.jpeg
 +
|चित्र का नाम=बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे
 +
|पूरा नाम=बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे
 +
|अन्य नाम=
 +
|जन्म=[[29 जुलाई]], [[1922]]
 +
|जन्म भूमि=[[पुणे]], [[महाराष्ट्र]]
 +
|मृत्यु=[[15 नवम्बर]], [[2021]]
 +
|मृत्यु स्थान=[[पुणे]], [[महाराष्ट्र]]
 +
|अभिभावक=
 +
|पालक माता-पिता=
 +
|पति/पत्नी=निर्मला पुरंदरे
 +
|संतान=तीन
 +
|कर्म भूमि=[[भारत]]
 +
|कर्म-क्षेत्र=लेखक
 +
|मुख्य रचनाएँ=
 +
|विषय=
 +
|भाषा=मराठी
 +
|विद्यालय=
 +
|शिक्षा=
 +
|पुरस्कार-उपाधि=[[पद्म विभूषण]], [[2019]]<br />
 +
'महाराष्ट्र भूषण', महाराष्ट्र सरकार, [[2015]]
 +
|प्रसिद्धि=[[मराठी भाषा|मराठी]] [[साहित्यकार]], [[नाटककार]] तथा [[इतिहास]] लेखक
 +
|विशेष योगदान=[[शिवाजी]] सम्बन्धित इतिहास शोध
 +
|नागरिकता=भारतीय
 +
|संबंधित लेख=
 +
|शीर्षक 1=
 +
|पाठ 1=
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|अन्य जानकारी=बाबासाहेब पुरंदरे देश के लोकप्रिय [[इतिहासकार]] रहने के साथ थिएटर कलाकार भी रह चुके थे। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपने विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन=
 +
}}'''बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Balwant Moreshwar Purandare'', जन्म- [[29 जुलाई]], [[1922]]; मृत्यु- [[15 नवम्बर]], [[2021]]) [[मराठी भाषा|मराठी]] [[साहित्यकार]], [[नाटककार]] तथा [[इतिहास]] लेखक थे। वे [[शिवाजी]] से सम्बन्धित इतिहास शोध के लिये प्रसिद्ध रहे। प्रसिद्ध [[नाटक]] 'जाणता राजा' (विवेकशील राजा) उनकी ही कृति है। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें राज्य के सर्वोच्च सम्मान 'महाराष्ट्र भूषण' से सम्मानित किया था। [[भारत सरकार]] द्वारा बाबासाहेब पुरंदरे को '[[पद्म विभूषण]]' से सम्मानित किया गया था।
 
==परिचय==
 
==परिचय==
 
बाबासाहेब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई, 1922 को हुआ था। उन्हें [[महाराष्ट्र]] में शिवशहर के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाबासाहेब ने महान नाटक 'जाणता राजा' (जनता का राजा) के माध्यम से [[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी महाराज]] के इतिहास को घर-घर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह महानाट्य न केवल महाराष्ट्र में बल्कि [[आंध्र प्रदेश]], [[गोवा]] और देश के अन्य हिस्सों में भी प्रसिद्ध हुआ। बाबासाहेब पुरंदरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर कई किताबें लिखी हैं और अपना जीवन इतिहास और शोध के लिए समर्पित कर दिया था। उन्हें [[2019]] में [[भारत]] के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार 'पद्म विभूषण' और [[2015]] में 'महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। उन्होंने न केवल शिवराय (छत्रपति) का इतिहास लिखा बल्कि पेशवाओं के इतिहास को भी दुनिया के सामने रखा।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.bhaskar.com/local/maharashtra/pune/news/noted-historian-writer-and-padma-vibhushan-awardee-babasaheb-purandare-passed-away-at-the-age-of-100-in-pune-129119336.html|title=99 साल की उम्र में पुणे में निधन|accessmonthday=16 नवंबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bhaskar.com |language=हिंदी}}</ref>
 
बाबासाहेब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई, 1922 को हुआ था। उन्हें [[महाराष्ट्र]] में शिवशहर के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाबासाहेब ने महान नाटक 'जाणता राजा' (जनता का राजा) के माध्यम से [[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी महाराज]] के इतिहास को घर-घर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह महानाट्य न केवल महाराष्ट्र में बल्कि [[आंध्र प्रदेश]], [[गोवा]] और देश के अन्य हिस्सों में भी प्रसिद्ध हुआ। बाबासाहेब पुरंदरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर कई किताबें लिखी हैं और अपना जीवन इतिहास और शोध के लिए समर्पित कर दिया था। उन्हें [[2019]] में [[भारत]] के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार 'पद्म विभूषण' और [[2015]] में 'महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। उन्होंने न केवल शिवराय (छत्रपति) का इतिहास लिखा बल्कि पेशवाओं के इतिहास को भी दुनिया के सामने रखा।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.bhaskar.com/local/maharashtra/pune/news/noted-historian-writer-and-padma-vibhushan-awardee-babasaheb-purandare-passed-away-at-the-age-of-100-in-pune-129119336.html|title=99 साल की उम्र में पुणे में निधन|accessmonthday=16 नवंबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bhaskar.com |language=हिंदी}}</ref>
पंक्ति 5: पंक्ति 38:
 
बाबासाहेब पुरंदरे देश के लोकप्रिय [[इतिहासकार]] रहने के साथ थिएटर कलाकार भी रह चुके थे। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपने विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। बाबा पुरंदरे ने शिवाजी के जीवन से लेकर उनके प्रशासन और उनके काल के किलों पर भी कई किताबें लिखीं। इसके अलावा उन्होंने छत्रपति के जीवन और नेतृत्व शैली पर एक लोकप्रिय नाटक- जानता राजा का भी निर्देशन किया था।<ref name="RR">{{cite web |url=https://www.amarujala.com/india-news/noted-historian-padma-vibhushan-awardee-babasaheb-purandare-dead-at-99-in-pune-hospital-news-and-updates |title=पद्म विभूषण से सम्मानित इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे का 99 साल की उम्र में निधन|accessmonthday=16 नवंबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amarujala.com |language=हिंदी}}</ref>
 
बाबासाहेब पुरंदरे देश के लोकप्रिय [[इतिहासकार]] रहने के साथ थिएटर कलाकार भी रह चुके थे। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपने विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। बाबा पुरंदरे ने शिवाजी के जीवन से लेकर उनके प्रशासन और उनके काल के किलों पर भी कई किताबें लिखीं। इसके अलावा उन्होंने छत्रपति के जीवन और नेतृत्व शैली पर एक लोकप्रिय नाटक- जानता राजा का भी निर्देशन किया था।<ref name="RR">{{cite web |url=https://www.amarujala.com/india-news/noted-historian-padma-vibhushan-awardee-babasaheb-purandare-dead-at-99-in-pune-hospital-news-and-updates |title=पद्म विभूषण से सम्मानित इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे का 99 साल की उम्र में निधन|accessmonthday=16 नवंबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=amarujala.com |language=हिंदी}}</ref>
 
==लेखन कार्य==
 
==लेखन कार्य==
पुरंदरे को छत्रपति शिवाजी महाराज के पूर्व-प्रतिष्ठित उत्तराधिकारियों में से एक माना जाता था। पुरंदरे ने [[1980]] के दशक के मध्य में, शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित नाटक 'जाणता राजा' लिखा और निर्देशन भी किया था। 12 साल की उम्र में पुरंदरे ने [[नाना साहब पेशवा]] के जीवन पर आधारित एक किताब लिखी। [[1946]] में जब बाबासाहेब 24 वर्ष के थे तो उन्होंने शिवाजी महाराज के जीवन की कहानियों का संकलन 'जल्य थिंग्या' पूरा किया। बाबासाहेब ने [[शिवाजी]] और अन्य ऐतिहासिक विषयों से संबंधित 36 पुस्तकें लिखीं। जल्त्य थिंग्या के अलावा, उन्होंने मुज्र्याचे मंकारी, पुरंदर यांची दौलत, शनिवारवद्यतिल शामदान, पुरंदरच्य बुरुजावरुन, पुरंदरयांची नौबत, पुरंदर्यंचा सरकारवाडा और महाराज जैसे ऐतिहासिक सर्वव्यापी भी लिखे। उन्होंने भूलभुलैया नव रायगढ़, भूलभुलैया नव आगरा, भूलभुलैया नव पन्हालगढ़, भूलभुलैया नव प्रतापगढ़ और भूलभुलैया नव पुरंदर जैसे विभिन्न किलों पर जानकारीपूर्ण पुस्तकें लिखीं। [[1962]] में उन्होंने शिलंगनाचे सोन और [[1973]] में शेलारखिंड लिखी। जाने-माने अभिनेता और निर्माता रमेश देव ने पुरंदरे के [[उपन्यास]] शेलारखिंड पर सरजा फिल्म बनाई।<ref name="tt">{{cite web |url=https://www.aajtak.in/india/maharashtra/story/purandare-babasaheb-purandare-dies-pune-hospital-ntc-1357193-2021-11-15 |title=इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे का 99 साल की उम्र में निधन https://www.aajtak.in/india/maharashtra/story/purandare-babasaheb-purandare-dies-pune-hospital-ntc-1357193-2021-11-15|accessmonthday=16 नवंबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=aajtak.in |language=हिंदी}}</ref>
+
[[चित्र:Balwant-Moreshwar-Purandare-1.jpg|thumb|250px|बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे [[प्रधानमंत्री]] [[नरेंद्र मोदी]] के साथ]]
 +
पुरंदरे को छत्रपति शिवाजी महाराज के पूर्व-प्रतिष्ठित उत्तराधिकारियों में से एक माना जाता था। पुरंदरे ने [[1980]] के दशक के मध्य में, शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित नाटक 'जाणता राजा' लिखा और निर्देशन भी किया था। 12 साल की उम्र में पुरंदरे ने [[नाना साहब पेशवा]] के जीवन पर आधारित एक किताब लिखी। [[1946]] में जब बाबासाहेब 24 वर्ष के थे तो उन्होंने शिवाजी महाराज के जीवन की कहानियों का संकलन 'जल्य थिंग्या' पूरा किया। बाबासाहेब ने [[शिवाजी]] और अन्य ऐतिहासिक विषयों से संबंधित 36 पुस्तकें लिखीं। जल्त्य थिंग्या के अलावा, उन्होंने मुज्र्याचे मंकारी, पुरंदर यांची दौलत, शनिवारवद्यतिल शामदान, पुरंदरच्य बुरुजावरुन, पुरंदरयांची नौबत, पुरंदर्यंचा सरकारवाडा और महाराज जैसे ऐतिहासिक सर्वव्यापी भी लिखे। उन्होंने भूलभुलैया नव रायगढ़, भूलभुलैया नव आगरा, भूलभुलैया नव पन्हालगढ़, भूलभुलैया नव प्रतापगढ़ और भूलभुलैया नव पुरंदर जैसे विभिन्न किलों पर जानकारीपूर्ण पुस्तकें लिखीं। [[1962]] में उन्होंने शिलंगनाचे सोन और [[1973]] में शेलारखिंड लिखी। जाने-माने अभिनेता और निर्माता रमेश देव ने पुरंदरे के [[उपन्यास]] शेलारखिंड पर सरजा फिल्म बनाई।<ref name="tt">{{cite web |url=https://www.aajtak.in/india/maharashtra/story/purandare-babasaheb-purandare-dies-pune-hospital-ntc-1357193-2021-11-15 |title=इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे का 99 साल की उम्र में निधन|accessmonthday=16 नवंबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=aajtak.in |language=हिंदी}}</ref>
 
==मृत्यु==
 
==मृत्यु==
 
[[भारत]] के जाने-माने [[इतिहासकार]] और लेखक बाबासाहेब पुरंदरे का निधन [[15 नवम्बर]], [[2021]] सोमवार सुबह [[पुणे]] के दीनानाथ मंगेशकर मेमोरियल अस्पताल में हुआ। वे 99 वर्ष के थे। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, बाबासाहेब पुरंदरे को हालात गंभीर होने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसके बाद से ही उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो सका। बताया गया था कि बाबा पुरंदरे अपने घर में बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था।  
 
[[भारत]] के जाने-माने [[इतिहासकार]] और लेखक बाबासाहेब पुरंदरे का निधन [[15 नवम्बर]], [[2021]] सोमवार सुबह [[पुणे]] के दीनानाथ मंगेशकर मेमोरियल अस्पताल में हुआ। वे 99 वर्ष के थे। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, बाबासाहेब पुरंदरे को हालात गंभीर होने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसके बाद से ही उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो सका। बताया गया था कि बाबा पुरंदरे अपने घर में बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था।  

11:16, 16 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण

बाबासाहेब पुरंदरे
बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे
पूरा नाम बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे
जन्म 29 जुलाई, 1922
जन्म भूमि पुणे, महाराष्ट्र
मृत्यु 15 नवम्बर, 2021
मृत्यु स्थान पुणे, महाराष्ट्र
पति/पत्नी निर्मला पुरंदरे
संतान तीन
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र लेखक
भाषा मराठी
पुरस्कार-उपाधि पद्म विभूषण, 2019

'महाराष्ट्र भूषण', महाराष्ट्र सरकार, 2015

प्रसिद्धि मराठी साहित्यकार, नाटककार तथा इतिहास लेखक
विशेष योगदान शिवाजी सम्बन्धित इतिहास शोध
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी बाबासाहेब पुरंदरे देश के लोकप्रिय इतिहासकार रहने के साथ थिएटर कलाकार भी रह चुके थे। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपने विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे (अंग्रेज़ी: Balwant Moreshwar Purandare, जन्म- 29 जुलाई, 1922; मृत्यु- 15 नवम्बर, 2021) मराठी साहित्यकार, नाटककार तथा इतिहास लेखक थे। वे शिवाजी से सम्बन्धित इतिहास शोध के लिये प्रसिद्ध रहे। प्रसिद्ध नाटक 'जाणता राजा' (विवेकशील राजा) उनकी ही कृति है। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें राज्य के सर्वोच्च सम्मान 'महाराष्ट्र भूषण' से सम्मानित किया था। भारत सरकार द्वारा बाबासाहेब पुरंदरे को 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया था।

परिचय

बाबासाहेब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई, 1922 को हुआ था। उन्हें महाराष्ट्र में शिवशहर के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाबासाहेब ने महान नाटक 'जाणता राजा' (जनता का राजा) के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को घर-घर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह महानाट्य न केवल महाराष्ट्र में बल्कि आंध्र प्रदेश, गोवा और देश के अन्य हिस्सों में भी प्रसिद्ध हुआ। बाबासाहेब पुरंदरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर कई किताबें लिखी हैं और अपना जीवन इतिहास और शोध के लिए समर्पित कर दिया था। उन्हें 2019 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार 'पद्म विभूषण' और 2015 में 'महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। उन्होंने न केवल शिवराय (छत्रपति) का इतिहास लिखा बल्कि पेशवाओं के इतिहास को भी दुनिया के सामने रखा।[1]

बाबासाहेब पुरंदरे देश के लोकप्रिय इतिहासकार रहने के साथ थिएटर कलाकार भी रह चुके थे। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज पर अपने विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। बाबा पुरंदरे ने शिवाजी के जीवन से लेकर उनके प्रशासन और उनके काल के किलों पर भी कई किताबें लिखीं। इसके अलावा उन्होंने छत्रपति के जीवन और नेतृत्व शैली पर एक लोकप्रिय नाटक- जानता राजा का भी निर्देशन किया था।[2]

लेखन कार्य

बाबासाहेब मोरेश्वर पुरंदरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ

पुरंदरे को छत्रपति शिवाजी महाराज के पूर्व-प्रतिष्ठित उत्तराधिकारियों में से एक माना जाता था। पुरंदरे ने 1980 के दशक के मध्य में, शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित नाटक 'जाणता राजा' लिखा और निर्देशन भी किया था। 12 साल की उम्र में पुरंदरे ने नाना साहब पेशवा के जीवन पर आधारित एक किताब लिखी। 1946 में जब बाबासाहेब 24 वर्ष के थे तो उन्होंने शिवाजी महाराज के जीवन की कहानियों का संकलन 'जल्य थिंग्या' पूरा किया। बाबासाहेब ने शिवाजी और अन्य ऐतिहासिक विषयों से संबंधित 36 पुस्तकें लिखीं। जल्त्य थिंग्या के अलावा, उन्होंने मुज्र्याचे मंकारी, पुरंदर यांची दौलत, शनिवारवद्यतिल शामदान, पुरंदरच्य बुरुजावरुन, पुरंदरयांची नौबत, पुरंदर्यंचा सरकारवाडा और महाराज जैसे ऐतिहासिक सर्वव्यापी भी लिखे। उन्होंने भूलभुलैया नव रायगढ़, भूलभुलैया नव आगरा, भूलभुलैया नव पन्हालगढ़, भूलभुलैया नव प्रतापगढ़ और भूलभुलैया नव पुरंदर जैसे विभिन्न किलों पर जानकारीपूर्ण पुस्तकें लिखीं। 1962 में उन्होंने शिलंगनाचे सोन और 1973 में शेलारखिंड लिखी। जाने-माने अभिनेता और निर्माता रमेश देव ने पुरंदरे के उपन्यास शेलारखिंड पर सरजा फिल्म बनाई।[3]

मृत्यु

भारत के जाने-माने इतिहासकार और लेखक बाबासाहेब पुरंदरे का निधन 15 नवम्बर, 2021 सोमवार सुबह पुणे के दीनानाथ मंगेशकर मेमोरियल अस्पताल में हुआ। वे 99 वर्ष के थे। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, बाबासाहेब पुरंदरे को हालात गंभीर होने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसके बाद से ही उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो सका। बताया गया था कि बाबा पुरंदरे अपने घर में बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था।

बाबा पुरंदरे के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "दर्द को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। बाबासाहेब का जाना इतिहास और संस्कृति की दुनिया में बड़ा शून्य छोड़ गया है। उनका धन्यवाद है कि आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ी रहेंगी।" पीएम ने आगे कहा, "बाबासाहेब का काम प्रेरणा देने वाला था। मैं जब पुणे दौरे पर गया था तो उनका नाटक 'जनता राजा' देखा, जो कि छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित था। बाबासाहेब जब अहमदाबाद आते थे, तो भी मैं उनके कार्यक्रमों में हिस्सा लेने जाता था।"

गृहमंत्री अमित शाह ने भी बाबासाहेब के साथ अपनी फोटो शेयर कर कहा था, "कुछ वर्ष पूर्व बाबासाहेब पुरंदरे जी से भेंट कर एक लम्बी चर्चा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उनकी ऊर्जा और विचार सचमुच प्रेरणीय थे। उनका निधन एक युग का अंत है। उनके परिजनों व असंख्य प्रशंसकों के प्रति संवदेनाएँ व्यक्त करता हूँ। प्रभु उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति।"


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 99 साल की उम्र में पुणे में निधन (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 16 नवंबर, 2021।
  2. पद्म विभूषण से सम्मानित इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे का 99 साल की उम्र में निधन (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 16 नवंबर, 2021।
  3. इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे का 99 साल की उम्र में निधन (हिंदी) aajtak.in। अभिगमन तिथि: 16 नवंबर, 2021।

संबंधित लेख