'वेदस्मृता वेदवतीं त्रिदिवामिक्षुलां कृमिम्,
करीषिणीं चित्रवाहां च चित्रसेनां च निम्नगाम्।'[1]
- महाभारत के इस उद्धरण में अन्य नदियों के साथ ही इक्षुला का भी उल्लेख है।
- यह इक्षु या इक्षुमती हो सकती है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 77-78| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ महाभारत भीष्म पर्व 9, 17
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