मंडल व्यूह
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मंडल व्यूह का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह ने सांतवे दिन कौरव सेना को इसी 'मंडल व्यूह' द्वारा सजाया था।
- इस व्यूह का गठन परिपत्र रूप में होता था।
- ये बेहद कठिन व्यूहों में से एक था पर फिर भी पांडवों ने इसे 'वज्र व्यूह' द्वारा भेद दिया था।
- इस व्यूह के प्रत्युत्तर में भीष्म ने 'औरमी व्यूह' की रचना की थी। इसका तात्पर्य होता है समुद्र ये समुद्र की लहरों के समान प्रतीत होता था।
- फिर इस व्यूह के प्रत्युत्तर में अर्जुन ने 'श्रीन्गातका व्यूह' की रचना की थी।
- ये व्यूह एक भवन के समान दिखता था।[1]
- चक्रव्यूह
- वज्र व्यूह
- क्रौंच व्यूह
- अर्धचन्द्र व्यूह
- चक्रशकट व्यूह
- मगर व्यूह
- औरमी व्यूह
- गरुड़ व्यूह
- श्रीन्गातका व्यूह
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत का चक्रव्यूह तथा दूसरे व्यूह Dev Rana=हिन्दी। अभिगमन तिथि: 8 जनवरी, 2016।
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