वशाति
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वशाति अथवा 'बसाति' नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत, उद्योगपर्व में हुआ है-
'वशातयः शाल्वक: केकयाश्च तथाम्बष्ठा ये त्रिगर्ताश्च मुख्याः।'[1]
- महाभारत, सभापर्व[2], दाक्षिणात्यपाठ में भी 'वशाति' या 'वसाति' निवासियों का उल्लेख पांडवों के राजसूय यज्ञ में उपायान लेकर उपस्थित होने वाले लोगों के संबंध में है-
'शैव्यो वसादिभः सार्ध त्रिगार्तोमालर्वः सह।'
- वशाति जनपद का अभिज्ञान हिमाचल प्रदेश में स्थित 'सीबी' से किया गया है। इस तथ्य की पुष्टि उपर्युक्त उद्धरण में प्रदेश के अन्य पार्श्ववर्ती जनपदों के उल्लेख से होती है।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत, उद्योगपर्व 30, 23
- ↑ सभापर्व 51
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 837 |