बलन्धरा काशीराज की कन्या थी। इसके विवाह का शुल्क बल ही रखा गया था, अर्थात् जो अधिक बलवान होगा, उसी से बलन्धरा का विवाह होना था। पाण्डु के पुत्र भीमसेन महाबली थे, उन्हीं से बलन्धरा का विवाह सम्पन्न हुआ।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संपादन: राणा प्रसाद शर्मा |पृष्ठ संख्या: 347 |