नागेन्द्र सिंह

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नागेन्द्र सिंह
नागेन्द्र सिंह
नागेन्द्र सिंह
पूरा नाम डॉ. नागेन्द्र सिंह
जन्म 18 मार्च, 1914
जन्म भूमि डूंगरपुर, राजस्थान
मृत्यु 11 दिसम्बर, 1988
मृत्यु स्थान नीदरलैंड
अभिभावक पिता- महाराजा श्री सर विजय सिंह, माता- महारानी देवेन्द्र कुंवर साहिबा
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष और चौथे मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत
कार्य काल मुख्य निर्वाचन आयुक्त-1 अक्टूबर, 1972 से 6 फ़रवरी, 1973
विद्यालय सेंट जॉन्स कॉलेज, कैम्ब्रिज
पुरस्कार-उपाधि पद्म विभूषण’ (1973), ‘कामा पुरुस्कार’ (1938)
अन्य जानकारी नागेन्द्र सिंह वर्ष 1967 से 1972 तक अंशकालिक आधार पर संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय कानून आयोग में कार्यरत रहे।

नागेन्द्र सिंह (अंग्रेज़ी: Nagendra Singh, जन्म- 18 मार्च, 1914, डूंगरपुर, राजस्थान; मृत्यु- 11 दिसम्बर, 1988, नीदरलैंड) अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय के भूतपूर्व अध्यक्ष एवं भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त थे। उन्होंने वर्ष 1985 से 1988 तक अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के प्रथम भारतीय अध्यक्ष के रूप में अपनी पहचान बनाई। संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय विधि आयोग में भी सेवा की। नागेन्द्र सिंह को तीन बार संयुक्त राष्ट्र संघ सभा में प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था।


  • नागेन्द्र सिंह का जन्म भारत के डूंगरपुर राज्य[1] में राजपूत सिसोदिया राजपरिवार में हुआ था।
  • उनके पिता का नाम महाराजा श्री सर विजय सिंह और माता का नाम महारानी देवेन्द्र कुंवर साहिबा था।
  • सेंट जॉन्स कॉलेज, कैम्ब्रिज में शिक्षा प्राप्ति के पश्चात नागेन्द्र सिंह सिविल सेवा में शामिल हुए।
  • वर्ष 1966 और 1972 के बीच नागेन्द्र सिंह भारत के राष्ट्रपति के सचिव थे।
  • वह 1 अक्टूबर, 1972 से 6 फ़रवरी, 1973 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त भी रहे थे।
  • सन 1966, 1969 और 1975 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र विधानसभा में भारत के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया था।
  • नागेन्द्र सिंह वर्ष 1967 से 1972 तक अंशकालिक आधार पर संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय कानून आयोग में कार्यरत रहे।
  • 1973 में नागेन्द्र सिंह इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्यायाधीश बनने के लिए हेग चले गए और फ़रवरी 1985 से फ़रवरी 1988 तक वह इसके अध्यक्ष रहे।
  • डॉ. नागेन्द्र सिंह को वर्ष 1938 में ‘कामा पुरुस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
  • भारत सरकार द्वारा 1973 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ सम्मान प्राप्त हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अब राजस्थान का एक ज़िला

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