"इ": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
| (इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
| पंक्ति 33: | पंक्ति 33: | ||
# 'इ' का अनुनासिक रूप 'इँ' है। जैसे- इँचना, इँडुरी आदि। | # 'इ' का अनुनासिक रूप 'इँ' है। जैसे- इँचना, इँडुरी आदि। | ||
# 'इ' की मात्रा 'ि' है जो [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] के बायीं और लगती है। जैसे- कि, ति, रि इत्यादि में। | # 'इ' की मात्रा 'ि' है जो [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] के बायीं और लगती है। जैसे- कि, ति, रि इत्यादि में। | ||
# [ [[संस्कृत]] अ + इञ् ] पुल्लिंग- कामदेव, क्रोध, दया, आश्चर्य और भर्त्सना का सूचक एक शब्द; सम्बोधनवाची एक शब्द। | # [ [[संस्कृत]] अ + इञ् ] पुल्लिंग- कामदेव, क्रोध, दया, आश्चर्य और भर्त्सना का सूचक एक शब्द; सम्बोधनवाची एक शब्द।<ref>पुस्तक- हिन्दी शब्द कोश खण्ड-1 | पृष्ठ संख्या- 344</ref> | ||
==इ अक्षर वाले शब्द== | ==इ अक्षर वाले शब्द== | ||
* [[इमली]] | * [[इमली]] | ||
| पंक्ति 40: | पंक्ति 40: | ||
* इतिहास | * इतिहास | ||
* इच्छा | * इच्छा | ||
==इ की मात्रा 'ि' का प्रयोग== | == इ की मात्रा 'ि' का प्रयोग == | ||
{| class="bharattable-pink" | {| class="bharattable-pink" | ||
|- | |- | ||
| पंक्ति 117: | पंक्ति 117: | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
14:41, 15 दिसम्बर 2016 के समय का अवतरण
इ
| |
| विवरण | इ देवनागरी वर्णमाला का तीसरा स्वर है। |
| भाषाविज्ञान की दृष्टि से | 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप 'ई' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है। |
| अनुनासिक रूप | 'इँ' (जैसे- इँचना, इँडुरी) |
| मात्रा | 'ि' (जैसे- कि, ति, रि) |
| व्याकरण | [ संस्कृत अ + इञ् ] पुल्लिंग- कामदेव, क्रोध, दया, आश्चर्य और भर्त्सना का सूचक एक शब्द; सम्बोधनवाची एक शब्द। |
| संबंधित लेख | अ, आ, ई, ओ, औ |
इ देवनागरी वर्णमाला का तीसरा स्वर है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह 'तालव्य', 'ह्रस्व' (जिसका दीर्घ रूप 'ई' है), अग्र, अवृत्तमुखी, संवृत, तथा 'मूल' स्वर है और 'घोष' ध्वनि है।
- विशेष-
- 'इ' का अनुनासिक रूप 'इँ' है। जैसे- इँचना, इँडुरी आदि।
- 'इ' की मात्रा 'ि' है जो व्यंजन के बायीं और लगती है। जैसे- कि, ति, रि इत्यादि में।
- [ संस्कृत अ + इञ् ] पुल्लिंग- कामदेव, क्रोध, दया, आश्चर्य और भर्त्सना का सूचक एक शब्द; सम्बोधनवाची एक शब्द।[1]
इ अक्षर वाले शब्द
इ की मात्रा 'ि' का प्रयोग
| क + ि = कि |
| ख + ि = खि |
| ग + ि = गि |
| घ + ि = घि |
| ड़ + ि = ड़ि |
| च + ि = चि |
| छ + ि = छि |
| ज + ि = जि |
| झ + ि = झि |
| ञ + ि = ञि |
| ट + ि = टि |
| ठ + ि = ठि |
| ड + ि = डि |
| ढ + ि = ढि |
| ण + ि = णि |
| त + ि = ति |
| थ + ि = थि |
| द + ि = दि |
| ध + ि = धि |
| न + ि = नि |
| प + ि = पि |
| फ + ि = फि |
| ब + ि = बि |
| भ + ि = भि |
| म + ि = मि |
| य + ि = यि |
| र + ि = रि |
| ल + ि = लि |
| व + ि = वि |
| श + ि = शि |
| ष + ि = षि |
| स + ि = सि |
| ह + ि = हि |
| क्ष + ि = क्षि |
| त्र + ि = त्रि |
| ज्ञ + ि = ज्ञि |
|
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- हिन्दी शब्द कोश खण्ड-1 | पृष्ठ संख्या- 344
संबंधित लेख
