"कल्हण के अनमोल वचन": अवतरणों में अंतर

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* संसार में ऐसा कोई भी नहीं है जो नीति का जानकार न हो, परन्तु ज़्यादातर लोग उसके प्रयोग से विहीन ही होते हैं।   
* संसार में ऐसा कोई भी नहीं है जो नीति का जानकार न हो, परन्तु ज़्यादातर लोग उसके प्रयोग से विहीन ही होते हैं।   
* अपने को विद्वान मानने वाले जिसे अयोग्य सिद्ध करते हैं, विधाता विजय की नियति से हठात उसी में शुभ रख देता है।   
* अपने को विद्वान् मानने वाले जिसे अयोग्य सिद्ध करते हैं, विधाता विजय की नियति से हठात उसी में शुभ रख देता है।   
* जो वस्तु अपनी रक्षा के लिए (उपयोगी) समझी जाती है, भाग्यवश उसी से व्यक्ति का नाश भी होता है।   
* जो वस्तु अपनी रक्षा के लिए (उपयोगी) समझी जाती है, भाग्यवश उसी से व्यक्ति का नाश भी होता है।   
* समय आए बिना वज्रपात होने पर भी मृत्यु नहीं होती और समय आ जाने पर पुष्प भी प्राणी के प्राण ले लेता है।   
* समय आए बिना वज्रपात होने पर भी मृत्यु नहीं होती और समय आ जाने पर पुष्प भी प्राणी के प्राण ले लेता है।   

14:41, 6 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

कल्हण के अनमोल वचन
  • संसार में ऐसा कोई भी नहीं है जो नीति का जानकार न हो, परन्तु ज़्यादातर लोग उसके प्रयोग से विहीन ही होते हैं।
  • अपने को विद्वान् मानने वाले जिसे अयोग्य सिद्ध करते हैं, विधाता विजय की नियति से हठात उसी में शुभ रख देता है।
  • जो वस्तु अपनी रक्षा के लिए (उपयोगी) समझी जाती है, भाग्यवश उसी से व्यक्ति का नाश भी होता है।
  • समय आए बिना वज्रपात होने पर भी मृत्यु नहीं होती और समय आ जाने पर पुष्प भी प्राणी के प्राण ले लेता है।
  • मूर्ख राजा अपनी प्रजा पर शासन करता है, चतुर राजा उसकी शक्ति और सार्मथ्य का लाभ उठाता है और ज्ञानी राजा उसे संतान की तरह प्रेम करता है।
  • अधन ही जीव का धन है, धन आधा धन है, धान्य महज धन है तथा हे सुंदरी! विद्या तप और कीर्ति अतिधन है।


इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत



टीका टिप्पणी और संदर्भ


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