"सपना (सूक्तियाँ)": अवतरणों में अंतर

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| सपने देखना बेहद ज़रूरी है, लेकिन केवल सपने देखकर ही मंज़िल को हासिल नहीं किया जा सकता। सबसे ज़्यादा ज़रूरी है ज़िंदगी में खुद के लिए कोई लक्ष्य तय करना।   
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09:51, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

क्रमांक सूक्तियाँ सूक्ति कर्ता
(1) हमारे कई सपने शुरू में असंभव लगते हैं, फिर असंभाव्य और फिर जब हमें संकल्पशक्ति आती है तो ये सपने अवश्यंभावी हो जाते हैं। क्रिस्टोफर रीव
(2) सपने देखना बेहद ज़रूरी है, लेकिन केवल सपने देखकर ही मंज़िल को हासिल नहीं किया जा सकता, सबसे ज़्यादा ज़रूरी है ज़िंदगी में खुद के लिए कोई लक्ष्य तय करना। डॉ. अब्दुल कलाम
(3) स्वप्न द्रष्टाऔर यथार्थ के स्रष्टा बनिए। अज्ञात
(4) अभिलाषा तभी फलदायक होती है, जब वह दृढ निश्चय में परिणित कर दे जाती है। स्वेट मार्डेन
(5) सपने देखना बेहद ज़रूरी है, लेकिन केवल सपने देखकर ही मंज़िल को हासिल नहीं किया जा सकता। सबसे ज़्यादा ज़रूरी है ज़िंदगी में खुद के लिए कोई लक्ष्य तय करना। डॉ. अब्दुल कलाम
(6) सपना वह नहीं होता जो आप नींद में देखते हैं, यह तो कुछ ऐसी चीज़ है जो आपको सोने नहीं देती है। अब्दुल कलाम
(7) यदि आप किसी चीज़ का सपना देख सकते हैं, तो आप उसे प्राप्त कर सकते हैं। वाल्ट डिज़नी
(8) कोई सपना देखे बिना कुछ नहीं होता। कार्ल सैंडबर्ग (1878-1967), कवि

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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