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'''राजमहल''' किसी देश की राजधानी में राजा या प्रमुख शासक के निवास स्थान को कहा जाता है। 'प्रासाद' या 'महल' बहुत ही भव्य गृह को कहते हैं, किन्तु विशेष रूप से राजा या राज्य के सर्वोच्च सत्ताधीश के गृह को महल कहा जाता है।
राजमहल पूर्वोत्तर [[भारत]] के [[झारखंड]] राज्य में [[गंगा नदी]] के पश्चिम में स्थित है। राजमहल का मध्ययुगीन नाम [[उगमहल]] है। राजमहल शहर राजमहल पहाड़ियों में हैं, जो गंगा नदी से 190 किलोमीटर उत्तर-दक्षिण में लगभग [[दुमका]] तक फैली हैं। ये 567 मीटर तक ऊँची उठती हैं और यहाँ पर सोरिया पहाड़ियाँ लोगों का वास है। घाटियों में संथाल जनजाति द्वारा खेती की जाती है।


[[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] के सूबेदार [[मुग़ल]] सेनापति [[मानसिंह]] ने तेलियगढ़ दर्रे और गंगा नदी पर सामरिक नियंत्रण के लिए 1595-1596 में इस जगह को अपनी राजधानी के रूप में चुना। 1608 में बंगाल की राजधानी डक्का (वर्तमान ढाका) स्थानांतरित हो गई, लेकिन अस्थायी तौर पर 1639 से 1660 के बीच राजमहल ने अपनी प्रशासनिक स्थिति को वापस हासिल कर लिया। राजमहल में एतिहासिक महत्त्व की अकबर मस्जिद (लगभग 1600 ई.) और बंगाल के नवाब मीर क़ासिम का महल है।
*[[भारत]] की प्राचीन वास्तुविद्या के आधार पर 'प्रासाद' लम्बे, चौड़े, ऊँचे तथा कई भूमियों के पक्के या पत्थर के घर को कहते हैं, जिसमें अनेक श्रृंग, श्रृंखला, अंडकादि हों तथा अनेक द्वारों और गवाक्षों से युक्त त्रिकोश, चतुष्कोण, आयत और वृत्तशालाएँ हों।
*प्रादेशिक राजधानी में [[राज्यपाल]]/उपराज्यपाल के निवास स्थान को भी राजमहल कहा जाता है।
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राजमहल किसी देश की राजधानी में राजा या प्रमुख शासक के निवास स्थान को कहा जाता है। 'प्रासाद' या 'महल' बहुत ही भव्य गृह को कहते हैं, किन्तु विशेष रूप से राजा या राज्य के सर्वोच्च सत्ताधीश के गृह को महल कहा जाता है।

  • भारत की प्राचीन वास्तुविद्या के आधार पर 'प्रासाद' लम्बे, चौड़े, ऊँचे तथा कई भूमियों के पक्के या पत्थर के घर को कहते हैं, जिसमें अनेक श्रृंग, श्रृंखला, अंडकादि हों तथा अनेक द्वारों और गवाक्षों से युक्त त्रिकोश, चतुष्कोण, आयत और वृत्तशालाएँ हों।
  • प्रादेशिक राजधानी में राज्यपाल/उपराज्यपाल के निवास स्थान को भी राजमहल कहा जाता है।
  • आजकल बहुत से ऐतिहासिक महलों का उपयोग संसद, संग्रहालय, होटल या कार्यालय के रूप में किया जा रहा है।


शब्द संदर्भ
हिन्दी किसी भी राजा-महाराजा के रहने का आलीशान निवास स्थान।
-व्याकरण    पुल्लिंग
-उदाहरण   (1.) "उधर जब रात होने पर हंस राजमहल में नहीं पहुंचा तो राजा-रानी को बहुत चिंता हुई।"; (2.) "वह उठी और भारी पैरों से राजमहल की ओर चल दी।"
-विशेष   
-विलोम   
-पर्यायवाची    राजप्रासाद, राजभवन
संस्कृत राजन् ~ भवन
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

संबंधित लेख

शब्द संदर्भ कोश
काश्तकार अंतरराष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय कल्पसिद्धि गाथा उपाख्यान आख्यान शताब्दी सुई न्यग्रोध महाप्राण व्यंजन अन्तःस्थ व्यंजन ओष्ठ्य व्यंजन दन्त्य व्यंजन मूर्धन्य व्यंजन तालव्य व्यंजन कण्ठ्य व्यंजन अव्यय वत्स कुमार किम्पुरुष सत्य वाह संवर्त्तक (हल) स्थावर जरा मोहनास्त्र ऐषीक शस्त्र रात सनातन अनन्त अद्भुत वराह दण्ड विमुख कुकुर वृषध्वज (बहुविकल्पी) यायावर सत्र कुलपति चरु शूर्प यूथनाथ द्वारपाल कलाबत्तू धत्ता कड़वक क्लीब भृंग पतोहू अट्टगत्तर अट्टगम अचल प्रवृत्ति अबोहन अंत-अयम् बराबर क्षेत्र हिरण्य हरणीपर्यंत हल्लि हल्लिकार हलिक हैमन शस्य श्रणी स्ववीर्योपजीविन सुनु सूना स्थान स्थान मान्य स्थल स्थल वृत्ति स्त्रोत चतुर्थ पंचभागिकम गुणपत्र खेत्तसामिक बलिदान कृप्यगृह कुमारगदियानक कुल्यवाप कर्मान्तिक सीमा एकपुरुषिकम उत्पाद्यमानविष्टि आवात आसिहार आलि आघाट आधवाय आदाणक स्कंधावार सीत्य सिद्ध सेवा सेतुबंध सेनाभक्त सर्वमान्य सर्व-आभ्यांतर-सिद्धि सन्निधाता संग्रहत संक्रांत संकर कुल संकर ग्राम साध्य अयनांगल अट्टपतिभाग अस्वयंकृत कृषि अर्धसीतिका अक्षयनीवी अक्षपटलाध्यक्ष अक्षपटल अकृत अकृष्ट अकरदायिन अकरद 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उदगम ताल्लुक़ दार बेनामी सौदा अपवाह प्रायोपवेश अनुश्रुति अंग शब्द संदर्भ सूची अलंकरण भुव किंवदंती मधु वैकुण्ठ (बहुविकल्पी) अग्नि जिन (बहुविकल्पी) आसंदी मिथक आत्मा भक्त प्रदर्श प्रदर आस्तिक तोरण कणिक कणिका एषणा एला उपहसित उन्मत्त उन्मुख उद्रेक उदोत अजा उपशमन उपशम ईति अपोह अनूरु अनुयोग अनुयोज्य नेपथ्य नृमेध निर्दिष्ट निवृत्त निवृत्ति निर्वाप निर्वात निष्कण्टक विप्लाव निष्क विप्लवी विप्लव चिन्त्य आजीव आजीवक पारपत्र निक्षेपक निक्षेप धृष्टता धृष्ट धव अखिलेश वितर्कण वितर्क लत्ता वितत कुरंग कुंजर कलुष धात्री विद्या धात्रीफल धात्री नवमी धात्री कर्णी कपिशा कनखी कर्ष दृप्त अर्क शाम्य सुश्रव्य धृति सुश्रवा अयुत शिषी धृत सुष्ठु सुश्रव अपत्र संवृत रंजन रंजक यूथिका यूप युति यष्टि लुंचन लास्य सस्य समर्चन सहिक सुकृत ललाम बिंब बानक भास्वर भाव्य प्रणव आच्छादित आच्छादक आच्छन्न जन्मांध विवर्त विवर्ण हपना हप वाच्य वाक लव रोचना रोचन रेचन रेचक रुचिरा रुचिर मुकरी (पहेली) औदीच्य और्वशेय शाला और्व शारिका शारि शकुन अम्लान फुरहरी चार्वी अगह चकनाचूर शंकु शमन शरभ शार्दूल चोखा चित्रा ओखा ओख ऐन्द्र फुनगी अगम्य वाहिका 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